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अब तक 9 करोड़ लोगों ने आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड किया: सरकार

नई दिल्ली: नौ करोड़ के करीब उपयोगकर्ताओं ने आरोग्य सेतु मोबाइल एप्लिकेशन डाउनलोड किया है और यह अनिवार्य कर दिया गया है कि सरकारी और निजी क्षेत्र के कर्मचारी इसका इस्तेमाल COVID-19 महामारी से लड़ने के लिए प्रयास करने के लिए करें। COVID-19 पर मंत्रियों के समूह (GoM) को इसकी 14 वीं बैठक के दौरान मंगलवार को अधिकारियों द्वारा इसके काम, प्रभाव और लाभ के बारे में सूचित किया गया।

सरकार ने बुधवार को कहा कि एक नैतिक हैकर द्वारा आवेदन में संभावित सुरक्षा मुद्दे पर चिंता जताए जाने के बाद आरोग्य सेतु में कोई डेटा या सुरक्षा उल्लंघन की पहचान नहीं की गई है और इसकी विपक्षी कांग्रेस नेताओं ने आलोचना की थी। कहा गया कि मोबाइल एप्लिकेशन उपयोगकर्ताओं को यह पहचानने में मदद करता है कि उन्हें COVID-19 का खतरा है या नहीं। यह कोरोना वायरस और इसके लक्षणों से बचने के तरीकों सहित लोगों को महत्वपूर्ण जानकारी भी प्रदान करता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम अपने संबोधन में कोरोना वायरस को हराने की लडाई में सात बातों का साथ मांगा था। इनमें से चौथी सबसे जरूरी बात थी कि हर देशवासी अपने फोन में आरोग्‍य सेतु एप डाउनलोड करें। आरोग्य सेतु एप एंड्रॉयड और आईओएस दोनों पर उपलब्ध है। इसे एप स्टोर के जरिये डाउनलोड किया जा सकता है। सुनिश्चित करें कि आरोग्‍य (Aarogya) और सेतु (Setu) के बीच कोई स्थान नहीं हो या फिर एप खोजने के लिए सर्च बार में ‘AarogyaSetu’ टाइप करें। अंग्रेजी और हिंदी समेत आरोग्‍य सेतु एप 11 भारतीय भाषाओं में उपलब्‍ध है। इंस्‍टॉल करने के बाद एप को खोलें और अपनी पसंदीदा भाषा को चुनें।

आरोग्‍य सेतु एप को ब्‍लूटूथ और जीपीएस डेटा की जरूरत पड़ेगी। एप को काम करने के लिए इसकी अनुमति दें।आरोग्य सेतु कॉन्‍टैक्‍ट ट्रेसिंग के लिए आपके मोबाइल नंबर, ब्लूटूथ और लोकेशन डेटा का उपयोग करता है और बताता है कि आप कोरोना के जोखिम के दायरे में है या नहीं।

एप तभी काम करता है जब आप अपने मोबाइल नंबर को रजिस्‍टर करते हैं और ओटीपी से उसे वेरिफाई करते हैं।एक वैकल्पिक फॉर्म भी आता है जो नाम, उम्र, पेशा और पिछले 30 दिनों के दौरान विदेश यात्रा के बारे में पूछता है। आप इस फॉर्म को स्किप कर सकते हैं। हालांकि, अगर आप जरूरत के समय में वॉलेंटियर यानी स्वयंसेवक बनने की इच्छा रखते हैं तो आपके पास खुद को इसमें नामांकित करने का विकल्प है।

एप हरे और पीले रंग के कोडों में आपके जोखिम के स्‍तर को दिखाता है। यह भी सुझाव देता है कि आपको क्‍या करना चाहिए। अगर आपको ग्रीन में दिखाया जाता है और बताया जाता है कि ‘आप सुरक्षित हैं’ तो कोई खतरा नहीं है। कोरोना से बचने के लिए आपको सोशल डिस्‍टेंसिंग को बनाए रखना चाहिए और घर पर रहना चाहिए। Source पीटीआइ, जागरण

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