उत्तर प्रदेश

अभ्यर्थियों एवं नियोजकों की समस्याओं के समाधान हेतु एक कॉल सेंटर की स्थापना किया जाय: डॉ दिनेश शर्मा

लखनऊ: सेवायोजन पोर्टल sewayojan.up.nic.in का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। प्रदेश में रोजगार के संबंध में समस्त जानकारियों को एक ही पोर्टल पर लाने के लिए sewayojan.up.nic.in पोर्टल को ‘यूनिफाइड सॉल्यूशंस’ के रूप में विकसित किया जाय। जिससे सभी अभ्यर्थियों को रोजगार अथवा उसके विषय में सारी जानकारी एक ही पोर्टल पर उपलब्ध हो सके। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने आज यहां विधानसभा कक्ष संख्या 80 में प्रदेश के युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के संबंध में विचार-विमर्श हेतु  आयोजित बैठक में यह निर्देश दिया। उन्होंने निर्देश दिया कि सेवायोजन पोर्टल पर समस्त विभागों की रिक्तियों की जानकारी उपलब्ध रहे जिससे योग्य अभ्यर्थियों को समस्त विभागों की रिक्तियों की जानकारी एक ही पोर्टल से उपलब्ध कराई जा सके और उन्हें भटकना न पड़े। बेरोजगार अभ्यर्थियों एवं नियोजकों की समस्याओं एवं जिज्ञासाओं के समाधान हेतु एक कॉल सेंटर की स्थापना किया जाने का भी निर्देश दिया।

    बैठक में सेवायोजन विभाग द्वारा बेरोजगार अभ्यर्थियों को रोजगार दिलाने के लिए किए जा रहे कार्यों का प्रस्तुतीकरण किया गया। सेवायोजन विभाग द्वारा बताया गया कि 31 जनवरी तक सेवायोजन पोर्टल के माध्यम से 97229 बेरोजगार अभ्यर्थियों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। सेवा पोर्टल पर 2770607 बेरोजगार अभ्यर्थी एवं 12204 नियोजक 31 जनवरी 2019 तक पंजीकृत हैं।

    उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने इस अवसर पर निर्देश दिया गया कि सभी संबंधित विभाग आपस में समन्वय स्थापित कर अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार प्रदान करने का प्रयास करें। बैठक में आई0टी0 एवं इलेक्ट्रॉनिक विभाग द्वारा अब तक कितने रोजगार का सृजन हो चुका है और भविष्य में कितने रोजगार सृजन की संभावना है इस पर भी चर्चा की गई। ज्ञातव्य है कि सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रदेश में इंफोसिस, टीसीएस, पेटीएम एवं जियो जैसे निवेश कर्ताओं के माध्यम से 22 हजार करोड़ के निवेश प्राप्त हो चुके हैं जिससे लगभग 60 हजार लोगों के लिए रोजगार का सृजन होगा। इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में 20 हजार करोड़ के लक्ष्य के सापेक्ष 9200 करोड़ के निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हो चुका है जिसके द्वारा 1 वर्ष की अवधि में करीब 1 लाख लोगों के लिए रोजगार सृजन हो चुका है। भारत में निर्मित किए जाने वाले कुल मोबाइल फोन में से 65ः मोबाइल फोन का निर्माण उत्तर प्रदेश में हो रहा है।

     डॉ दिनेश शर्मा ने निर्देश दिया कि सूचना प्रौद्योगिकी में उभरती नई तकनीकों के क्षेत्र में युवाओं के कौशल विकास हेतु विश्वविद्यालयों तथा व्यवसायिक, तकनीकी एवं उच्च शिक्षा के पाठ्यक्रमों के अंतर्गत  सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित पाठ्यक्रमों जैसे क्लाउड कंप्यूटिंग, इंटरनेट आफ थिंग्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डाटा सिक्योरिटी, ब्लॉक चेन एवं 5ळ नेटवर्क को पाठ्यक्रम में लागू किए जाने के बारे में विचार विमर्श किया जाय। उन्होंने निर्देश दिया कि माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा हाई स्कूल तथा इंटरमीडिएट स्तर पर ही स्व उद्यमिता के विषय में पाठ्यक्रम बनाकर लागू किए जाने पर विचार विमर्श किया जाय। इसके अतिरिक्त विद्यालयों में अंतिम वर्ष में किए जाने वाले प्रोजेक्ट, यदि स्टार्टअप प्रोजेक्ट हो तो उसे स्वीकार किए जाने पर भी विचार-विमर्श किया गया। व्यवसायिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत आईटीआई के विद्यार्थियों को भाषा का पाठ्यक्रमध् विषय उत्तीर्ण करने पर माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा 12वीं के समकक्ष उत्तीर्ण होने का प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा। बैठक में विभिन्न क्षेत्रों के निवेश कर्ताओं के मांग के अनुरूप छात्रों को प्रशिक्षण दिए जाने पर भी चर्चा हुई, जिससे अभ्यर्थियों को रोजगार प्राप्त करने में आसानी हो।

प्रदेश के युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के संबंध में आयोजित बैठक में अपर मुख्य सचिव, आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग, श्री आलोक सिंहा, प्रमुख सचिव, कौशल विकास एवं आर्थिक सलाहकार, मुख्यमंत्री, श्री के0बी0 राजू, प्रमुख सचिव, श्रम विभाग, श्री सुरेश चंद्रा, विशेष सचिव उच्च शिक्षा, श्री मनोज कुमार, विशेष सचिव, माध्यमिक शिक्षा, श्री चंद्र विजय सिंह, निदेशक, उच्च शिक्षा, श्रीमती प्रीति गौतम सहित आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक विभाग, श्रम एवं सेवायोजन विभाग, व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग, उच्च शिक्षा एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।

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