उत्तर प्रदेश

बच्चों को मेडिसिन किट वितरण के साथ ही स्वच्छता एवं सैनिटाइजेशन आदि की कार्यवाही चल रही

लखनऊउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज जनपद गोरखपुर में योगीराज बाबा गम्भीरनाथ प्रेक्षागृह एवं सांस्कृतिक केन्द्र में आयोजित कुल 8025.47 लाख रुपए की लागत की 123 अवस्थापना विकास परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया। इनमें 3953.53 लाख रुपए की 48 परियोजनाओं का शिलान्यास तथा 4071.94 लाख रुपए की लागत की 75 परियोजनाओं का लोकार्पण सम्मिलित है। यह परियोजनाएं विधानसभा क्षेत्र गोरखपुर ग्रामीण, पिपराइच, सहजनवा, बासगांव, खजनी के विकास कार्यों की है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि विकास किसी क्षेत्र विशेष हेतु सीमित नहीं है, बल्कि पूरे जनपद के जनमानस के जीवन में परिवर्तन लाने के लिए है। विकास के लिए धन की कमी नहीं है, आवश्यकता है कि उपलब्ध धनराशि का समयबद्ध ढंग से सदुपयोग किया जाए। विकास हर नागरिक के जीवन में परिवर्तन, खुशहाली एवं रोजगार के अवसर सृजित करने के साथ ही आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करेगा। विकास का कोई विकल्प नहीं होता है।

 मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जो भी योजनाएं जनहित में संचालित की जाती हैं, उनका लाभ पात्र जन को समय से उपलब्ध कराया जाए और विकास कार्यों में बाधा उत्पन्न करने के बजाए सभी को सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि विकास की स्वीकृत योजनाओं में समग्रता छिपी होती है। सबका साथ और सबका विकास का भाव निहित होता है। हम सबका दायित्व है कि स्वीकृत परियोजनाओं को समयबद्ध ढंग से पूर्ण किया जाए, यह हर नागरिक के जीवन में परिवर्तन लाएंगी।

 मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गोरखपुर समेत पूरे प्रदेश में कोरोना का सफलतापूर्वक मुकाबला करने के साथ-साथ विकास की परियोजनाओं को भी तेजी के साथ आगे बढ़ाने का कार्य हो रहा है। जीवन के साथ ही जीविका को भी बचाया गया है। उन्होंने कहा कि कोरोना कमजोर हुआ है समाप्त नहीं, इसके प्रति लापरवाही नहीं होनी चाहिए। हर व्यक्ति मास्क पहने यह सुरक्षा प्रदान करता है और मास्क तमाम प्रकार के इंफेक्शन से बचाने में सफल है, इसके प्रति सभी को जागरूक किया जाए।

 मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना कालखण्ड के दौरान कोरोना नियंत्रण में निगरानी समितियों द्वारा सराहनीय कार्य किया जा रहा है। यह समितियां मेडिकल किट वितरण से लेकर घर-घर जाकर स्क्रीनिंग का कार्य कर रही हैं। निगरानी समितियों से जुड़े हुए लोगों को सम्मानित करना हमारा दायित्व बनता है, सभी के सामूहिक प्रयासों का ही परिणाम है कि आज उत्तर प्रदेश में कोरोना नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि कोरोना के लक्षण दिखते ही इसे छिपाने के बजाए जांच कराकर उपचार कराएं।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना से बचाव के नियमों, मापदण्ड का पालन करते हुए वैक्सीनेशन हर व्यक्ति अवश्य कराए। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने पूरे देश में निःशुल्क वैक्सीनेशन की व्यवस्था प्रदान की है। वैक्सीनेशन कोरोना से बचाव का सुरक्षा कवच है और सतर्कता व सावधानी ही इस महामारी से बचाव है। केन्द्र सरकार ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना’ के माध्यम से निःशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध करा रही है, इसका लाभ हर पात्र जन को पहुंचाया जाए। हम सभी को निर्बाध रूप से इन योजनाओं का स्वागत करना चाहिए।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना के कारण जिन बच्चों ने अपने माता-पिता को खोया है, ऐसे बच्चों के कानूनी अभिभावक के बैंक खाते में ‘उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ के तहत जल्द ही 4,000 रुपए दिए जाएंगे और निःशुल्क आधुनिक शिक्षा की व्यवस्था के साथ ही, कोरोना के कारण निराश्रित महिलाओं को पेंशन तथा उनकी योग्यता के अनुसार रोजगार दिया जाएगा, ताकि वे आत्मनिर्भर होकर रह सकें। केन्द्र व प्रदेश सरकार उनके सहयोग हेतु तत्पर है। उन्होंने कहा कि तीसरी लहर से बचाव की तैयारियां शुरू हो गयी है, बच्चों को मेडिसिन किट वितरण के साथ ही सफाई, सैनिटाइजेशन आदि की कार्यवाही चल रही है।

 मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना’ पटरी व्यवसायियों के लिए एक अच्छी योजना है, जिसमें गरीब पटरी व्यवसायियों को मदद मिल रही है। उन्होंने कहा कि ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना के तहत ठोस कार्ययोजना तैयार कर बैंकों से ऋण प्राप्त किया जा सकता है, ताकि बेरोजगारों को रोजगार के अवसर मिलें। उन्होंने कहा कि गोरखपुर के विकास सम्बन्धी सभी मांगों को पूरा किया जा रहा है।

 मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बी0आर0डी0 मेडिकल कॉलेज अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है, एम्स व फर्टिलाइजर संयंत्र का लोकार्पण माह अक्टूबर में प्रस्तावित है। बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की दृष्टि से एम्स का निर्माण कराया गया है। फर्टिलाइजर संयंत्र की स्थापना से रोजगार के अवसर सृजित होंगे। पर्यटन, विकास के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर रोजगार भी सृजित करता है। विकास को स्थायी रूप से बनाए रखने के लिए स्थानीय स्तर पर उसकी देखभाल व रख-रखाव किया जाए, ताकि इसका लाभ आने वाली पीढ़ी को मिले।

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