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अमित शाह ने खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स कॉफी टेबलबुक का विमोचन किया और विजेताओं को ट्राफी प्रदान कीं

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह आज कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2021 के समापन समारोह में मुख्य अतिथी के रूप में शामिल हुए। श्री अमित शाह ने खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स कॉफी टेबलबुक का विमोचन किया और विजेताओं को ट्राफी प्रदान कीं। समारोह में केन्द्रीय मंत्री श्री अनुराग ठाकुर, श्री प्रल्हाद जोशी, श्री निशिथ प्रमाणिक और कर्नाटक के मुख्यमंत्री श्री बसवराज बोम्मई सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

इस अवसर पर केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि खेल में जो खेलता है वह बधाई का पात्र होता है क्योंकि हार जीत होती रहती है लेकिन खेलना जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग है। इसलिए मैं खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में भाग लेने वाले सभी खिलाड़ियों को हृदय से बहुत बधाई देना चाहता हूँ।श्री शाह ने कहा कि 2014 से पहले खेलों के प्रति थोड़ा सा भी प्रेम रखने वाले लोगों में अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धाओं में भारत का प्रदर्शन देखकर काफ़ी निराशा होती थी। ओलंपिक, एशियाड या व्यक्तिगत खेलों की अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में पदक तालिका में भारत का कहीं नाम दिखाई नहीं देता था। श्री नरेन्द्र मोदी जी जब 2014 प्रधानमंत्री बने उसके बाद उन्होंने एक लक्ष्य रखा है कि भारत खेल सहित हर क्षेत्र में सर्वप्रथम होना चाहिए।

श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कभी भी समस्या के बारे में चिंता नहीं की बल्कि वे परिश्रम, पुरुषार्थ और योजना बनाकर परिणाम लाए हैं। खेलों में भी मोदी जी ने इनिशिएटिव लेकर खेलो इंडिया, फ़िट इंडिया और खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स जैसी कई पहल की हैं। श्री अमित शाह ने कहा कि आज इसका बहुत सुंदर परिणाम आ रहा है। हमारे खेल मंत्रालय और ख़ासकर पहले श्री राज्यवर्द्धन राठौड़ और श्री किरण रिजीजू ने और अब श्री अनुराग ठाकुर ने सभी खेल संघों के साथ कॉर्डिनेशन, कोचों की व्यवस्था और सिलेक्शन में पारदर्शिता लाकर सभी खेलों में भारत का नाम ऊपर उठाने का काम नरेन्द्र मोदी सरकार ने किया है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि मैं सभी खिलाड़ियों से यह कहना चाहता हूँ कि खेल हमारे जीवन का एक बहुत महत्वपूर्ण अंग है। उन्होंने कहा कि जो खेलता है वहीं जीवन में सफल होता है क्योंकि खेल के बिना हार को हज़म करने की क्षमता नहीं आती। जब हार को हजम करने की क्षमता आती है तब जीतने का जुनून पैदा होता है और जीतने का जुनून ही जीतने की आदत बनाता है। इसलिए जीवन में किसी भी क्षेत्र के अंदर अगर कुछ अचीव करना है तो खेलों में हारने की भी आदत लानी पड़ेगी और जीतने की जिद भी पैदा करनी पड़ेगी। श्री अमित शाह ने कहा कि पहले 130 करोड़ की आबादी वाले देश में जब हम इंटरनेशनल गेमों में मेडल तालिका देखते थे तो बहुत निराशा होती थी लेकिन आज जब ओलंपिक और पैरा ओलंपिक में हमारे खिलाड़ी मेडल लेकर आते हैं तो पूरे भारत के 130 करोड़ लोगों की छाती गज गज फूल जाती है और देश भर में पटाखे फोड़े जाते हैं।

श्री अमित शाह ने कहा कि यह परिवर्तन 2014 से 2022 की अल्प काल अवधि में आया है और आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में मोदी जी ने जो रोडमैप बनाया है उसे मैं स्पष्ट देख सकता हूँ। उन्होने कहा कि देश जब 2047 में आजादी की शताब्दी बनाएगा तब ओलंपिक मेडल तालिका में भारत एक से पांच नंबर के बीच गर्व के साथ खड़ा दिखाई पड़ेगा और इसलिए सरकार ने यूनिवर्सिटी गेम्स और खेलो इंडिया जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया है, हम भारत को एक महान खेल राष्ट्र बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। उन्होने कहा कि इसके साथ-साथ खेल के इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा, स्टेट स्पोर्ट्स सेंटर की स्थापना, कम्युनिटी कोचिंग की व्यवस्था, इंटरनेशनल कोचिंग की व्यवस्था, वार्षिक खेल प्रतियोगिताएं आयोजित करना और देश के आदिवासी और ग्रामीण तबके से भी खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने के लिए एक वैज्ञानिक आयोजन किया गया है। मोदी जी ने इन सभी प्रयासों को एक माला में मोतियों की तरह पिरो कर भारत में खेल के उज्जवल भविष्य को सुनिश्चित किया है। उन्होंने कहा कि इस बार 208 यूनिवर्सिटी के 3900 खिलाड़ियों ने यहां भाग लिया है जबकि ओड़ीसा में हुए पहले गेम्स में 158 यूनिवर्सिटी के लगभग 3100 खिलाड़ियों ने भाग लिया था, यह बताता है कि जो इनीशिएटिव मोदी जी ने लिया है वह कितना कारगर साबित हो रहा है।

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि मोदी जी ने भारतीय खेलों को बढ़ावा देने के लिए भी कई सारी योजनाओं को चालू किया। इस बार के खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में योग और मलखम को प्रवेश कराकर भारतीय ग्रामीण खेलों को पूरे विश्व के अंदर स्थान देने के लिए एक मंच उपलब्ध कराने का काम किया है। दुनिया भर के स्पोर्ट्स को जानने वाले लोग जब हमारे यूनिवर्सिटी के खेल महत्व का वर्णन देखेंगे तो मलखम भी लोकप्रिय होगा और योग को तो मोदी जी पहले ही लोकप्रिय कर चुके हैं। उन्होने कहा कि मोदी जी ने चिंता की जगह चिंतन और व्यवस्था कर खेलों को आगे बढ़ाने के लिए 25 साल का एक रोड मैप बनाया है। मुझे भरोसा है कि इस प्रकार के खेलों के आयोजन से हम आगे बढ़ेंगे ओलंपिक पदक तालिका में भी बहुत ऊपर दिखाई देंगे। उन्होंने कहा कि जीवन में जब आप कुछ भी करते हैं तो दो ही चीज होती है एक आप जीतते हैं और दूसरा आप सीखते हैं। हारता कोई नहीं है जो प्रयास करता है वह हमेशा जीतता है, जो खेलने वाले खिलाड़ी है उन्हें हार की चिंता नहीं करनी चाहिए क्योंकि हार ही जीत का मूल मंत्र होता है और हार का विश्लेषण ही अपने आप को अपग्रेड करने का बेस माना जाता है। उन्होंने कहा कि भारत ने ओलंपिक खेलों में 7 पदक और पैरा ओलंपिक में 19 पदक प्राप्त किए हैं यह मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार की मुहिम का ही नतीजा है। इससे पहले भारत ने ओलंपिक में 7 पदक और पैरा ओलंपिक में 19 पदक कभी नहीं जीते थे। श्रे शाह ने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि भारत ने जो टॉप्स योजना शुरू की है इसमें लगभग 258 खिलाड़ियों को ओलंपिक के लिए तैयार करने का काम शुरू किया है। हमारे 258 खिलाड़ी आने वाले ओलंपिक में जरूर ढेर सारे मेडल लेकर आएंगे और भारत खेलता रहेगा, जीतता रहेगा और भारत सर्वश्रेष्ठ बनता रहेगा।

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