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देहरादून में अच्छे सामाजिक बदलाव के लिए साथ आए अंतारा सीनियर लिविंग और दासरा

देहरादून: अंतारा सीनियर लिविंग, जो 55 वर्ष से अधिक उम्र के प्रगतिशील वरिष्ठ नागरिकों के लिए है, ने हाल ही में मुंबई के सामरिक परोपकारी फाउंडेशन दासरा के साथ अपनी साझेदारी की घोषणा की है। दासरा सामाजिक परिवर्तन में तेजी लाने के लिए सहयोगी कार्यों के जरिये भारत के जीवंत परोपकारी क्षेत्र में एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य करता है। दासरा टीम ने पूरे भारत में प्रभावशाली और अग्रणी काम को अंजाम दिया है और वह किशोर लड़कियों एवं स्वच्छता पर केंद्रित कार्यक्रम चलाती है। अंतारा के साथ यह साझेदारी, दासरा को पहली बार देहरादून लेकर आई है।

दासरा की टीम ने उत्तराखंड राज्य के विभिन्न हिस्सों से संबंधित प्रमुख मुद्दों का सर्वेक्षण किया। इन समस्याओं में शिक्षा के अवसर की कमी से लेकर स्वच्छता और मजदूरों का पलायन शामिल हैं। पिछले कुछ वर्षों में शहरी प्रवासियों की संख्या में वृद्धि को मद्देनजर रखते हुए टियर दो शहरों में एक नई परोपकारी यात्रा के लिए देहरादून एक उपयुक्त स्थान है।

प्रवाली जनसंख्या को गठबंधन परोपकारी साधनों के साथ समर्थन देने और उन संगठनों की मदद करने के लिए जो समाज में बदलाव ला रहे हैं, अंतारा सीनियर लिविंग और दासरा ने गुरूवार को एक कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें देहरादून से लगभग 80-85 लोगों और अंतारा देहरादून के निवासियों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। कार्यक्रम में दो पैनल चर्चा के लिए चार वक्ता मौजूद रखे गये। किशोरों को सशक्त बनाने में सहयोग की भूमिका पर जो चोपड़ा कार्यकारी निर्देशक, लतिका रॉय फाउंडेशन और शैला ब्रिजनाथ अध्यक्ष, आसरा ट्रस्ट ने अपने विचार रखे। भारत के शहरों में जल, स्वच्छता और सफाई (वॉश) में बदलाव पर अनूप नौटियाल संस्थापक, गति फाउंडेशन और मानस रथ वरिष्ठ सलाहकार बोर्ड एवं सीईओ, ब्लू वाटर कंपनी ने भाग लिया।

इस साझेदारी पर बोलते हुए अंतारा सीनियर लिविंग के प्रबंध निर्देशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी तारा सिंह वछानी ने कहा, “हमने अपनी यात्रा देहरादून से शुरू की थी जब हम सब अंतारा को बनाने के लिए यहां एकजुट हुए थे, जिसे अब हम घर कहते हैं। तब से, इस स्थान के लिए लगाव और अपनेपन की एक भावना है, जो हम सबके दिल में लगातार बढ़ रही है। देहरादून क्षेत्र के उत्थान के उद्देश्य के साथ हमने कई पहल की हैं और इस बदलाव को आगे बढ़ाने के लिए हमनें दासरा के रूप में एक सही साथी पाया है। हमें पूरा भरोसा है कि हमारे निवासियों के समर्थन और दासरा के साथ हमारी साझेदारी के साथ हमारी टीम राज्य में एक वास्तविक बदलाव ला सकती है।”

दासरा की सह-संस्थापक नीरा नंदी ने कहा, “देहरादून में अपने पहले कदम के साथ दासरा यहां है और समुदाय द्वारा किए गए स्वागत से हम काफी उत्साहित हैं। हमें लगता है कि हमारी यात्रा सफल होगी क्योंकि विभिन्न मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाने में यह समुदाय हमारी मदद करेगा और देहरादून या अन्य राज्यों में, विशेषकर किशोर लड़कियों और शहरी स्वच्छता पर सामरिक परोपकार के जरिये प्रभाव पैदा करने के लिए हमारे साथ सहयोग करेंगे। हम बहुत उत्सुक हैं कि हम बदलते भारत, जहां एक अरब लोग गरिमा और समानता के साथ रहे, के अपने बड़े मिशन की दिशा में अंतारा के साथ मिलकर आगे बढ़ रहे हैं और काम कर रहे हैं।”

इस साझेदारी को बनाने में दासरा के सम्मानित बोर्ड सदस्य और अंतारा देहरादून के निवासी अमिताव मुखर्जी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। यात्रा की शुरुआत में उन्होंने इस विचार को रखा, जिसकी वजह से उन्हें इस साझेदारी में सहयोग करना पड़ा और उन्होंने कहा, “संपन्नता में रहने वाले निवासियों के रूप में, हमें उस समुदाय में बदलाव लाना चाहिए, जिसमें हम रहते हैं और मेरे जीवन की दूसरी पारी में यह हमेशा मेरी प्रेरणा रही है।”

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