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शुक्रवार को खुलेंगे बदरीनाथ धाम के कपाट

चमोली: उत्तराखंड में समुद्रतल से 10,276 फीट की ऊंचाई पर स्थित भू-वैकुंठ श्री बदरीनाथ धाम के कपाट धनिष्ठा नक्षत्र में शुक्रवार तड़के 4 बजकर 30 मिनट पर ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिए जाएंगे। मंदिर और आसपास के क्षेत्र को दस क्विंटल गेंदे के केसरिया फूलों से दुल्हन की तरह सजाया गया है। गुरुवार को रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी की अगुआई में आदि शंकराचार्य की गद्दी और तेल कलश यात्रा के साथ भगवान नारायण के बालसखा उद्धवजी और देवताओं के खजांची कुबेरजी की डोलियां बदरीनाथ धाम पहुंच गईं। उद्धवजी को रावल निवास और कुबेरजी को बामणी गांव के नंदा देवी मंदिर में विश्राम दिया गया है। लॉकडाउन के कारण कपाट खोलने के अवसर पर सिर्फ 28 लोग ही मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे। सभी श्रद्धालुओं को अनिवार्य रूप से शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करना होगा। लॉकडाउन में बदरीनाथ धाम में श्रद्धालुओं को आने की अनुमति नहीं होगी। मंदिर को सजाने के बाद मंदिर को सैनिटाइज किया गया है।

कपाट खुलने के कार्यक्रम

  • ब्रह्मामुहूर्त में चार बजे शुरू होगी कपाट खोलने की प्रक्रिया, मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी के सानिध्य में प्रारंभ होगी पूजा
  • ब्रह्मामुहूर्त में 4:30 बजे मेहता ओर भंडारी थोक और देवस्थानम बोर्ड के प्रतिनिधि मुख्य द्वार और प्रार्थना कक्ष पर लगाए गए तीनों तालों को खोलेंगे।
  • इसके तुरंत बाद रावल गर्भगृह में प्रवेश कर सबसे पहले करेंगे अखंड ज्योति के दर्शन करेंगे और उसके बाद अन्य लोग करेंगे दर्शन।
  • इसी क्रम में शीतकाल के दौरान बदरीश पंचायत में विराजमान रहीं मां लक्ष्मी को लक्ष्मी मंदिर ले जाएंगे रावल।
  • भगवान के बालसखा उद्धवजी व देवताओं के खजांची कुबेरजी को किया जाएगा बदरीश पंचायत में विराजमान।

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