देश-विदेश

केंद्र ने राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों को जमाखोरी की जांच करने और लॉकडाउन के दौरान आवश्यक वस्तुओं की उचित कीमत सुनिश्चित करने के लिए कहा

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने राज्यों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि लॉकडाउन के दौरान आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी और मूल्य वृद्धि न हो। केंद्रीय उपभोक्ता मामलों, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री रामविलास पासवान ने आज यहां राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों के खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं नागरिक आपूर्ति मंत्रियों के साथ एक वीडियो कांफ्रेंस के जरिये एक बैठक की। उन्होंने निर्देश दिया कि स्थानीय बाजारों में उचित मूल्य पर आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध हों और इसे सुनिश्चित करने के लिए सूक्ष्‍म स्‍तर पर योजना बनाने की पहल करनी चाहिए। श्री पासवान ने कहा कि राज्यों को इसका अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत अधिकार दिए गए हैं।

     श्री पासवान ने यह भी निर्देश दिया कि रबी विपणन सत्र (आरएमएस) 2020-21 के लिए गेहूं की खरीद 15 अप्रैल, 2020 से शुरू करने के लिए सभी व्यवस्थाएं की जा रही हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के दिशानिर्देशों और उनके द्वारा निर्धारित उदाहरण के बाद श्री पासवान ने रेखांकित किया कि खरीद के दौरान सामाजिक दूर बनाए रखने के मानदंडों का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए। मंत्री ने कहा कि सभी खरीद केंद्रों, गोदामों, कार्यालयों आदि द्वारा कर्मचारियों, श्रमिकों और मजदूरों के लिए एक ड्यूटी रोस्टर तैयार किया जाना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि श्रमिकों की कमी न होने पाए।

     श्री पासवान ने कहा कि सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत लक्ष्यों को पूरा करने के लिए पर्याप्त खाद्यान्न स्टॉक उपलब्ध कराया गया है। पीएमजीकेएवाई के तहत सभी पीडीएस लाभार्थियों को अगले तीन महीनों के लिए प्रति व्यक्ति 5 किलोग्राम खाद्यान्न (चावल या गेहूं) मुफ्त प्रदान किया जाएगा। पीएचएच (प्राथमिकता घरों) और अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) योजनाओं के प्रत्येक व्यक्तिगत लाभार्थी के आधार पर खाद्यान्न का आवंटन किया गया है। श्री पासवान ने कहा कि सभी पीडीएस लाभार्थियों को प्रति कार्ड/ परिवार के साथ अगले तीन महीनों के लिए मुफ्त 1 किलो दाल उपलब्ध कराई जाएगी जिसके लिए नाफेड को नोडल एजेंसी के रूप में प्रत्यायोजित किया गया है। उन्होंने राज्यों से इस योजना के बारे में लाभार्थियों को सूचित करने के लिए अभियान चलाने का आग्रह किया। इस महत्वपूर्ण मोड़ पर गरीबों और जरूरतमंदों की देखभाल के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी को बधाई देते हुए श्री पासवान ने कहा कि अगले तीन महीनों के लिए पीएमजीकेएवाई योजना के तहत मुफ्त खाद्यान्न और दालों के वितरण में शामिल सभी खर्च केंद्र द्वारा वहन किए जाएंगे।

     यह इंगित करते हुए कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) लॉकडाउन के दौरान देश भर में भारी मात्रा में खाद्यान्न पहुंचाता रहा है श्री पासवान ने राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों से खाद्यान्न और दालों के वितरण की गति में तेजी लाने का आग्रह किया। मंत्री ने याद दिलाया कि राज्य/ केंद्रशासित प्रदेश अपनी सुविधा के अनुसार अगले छह महीनों के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत राशन के आवंटन का विकल्प चुन सकते हैं। भारत सरकार ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को तीन महीने के उधारी पर राशन लेने की अनुमति दी है। श्री पासवान ने कहा कि यदि लाभार्थी परिवार का कोई व्यक्ति छूट जाता है तो उसे तत्काल जोड़ा जाना चाहिए ताकि कोई भी एनएफएसए योजना के तहत लाभ से वंचित न रहे।

     मंत्री ने कहा कि ओपन मार्केट सेल स्कीम (ओएमएसएस) के तहत चावल की खुदरा कीमत 22 रुपये और गेहूं 21 रुपये प्रति किलोग्राम तय की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने लॉकडाउन के दौरान समाज कल्याण में लगी स्‍वयंसेवी एजेंसियों और निजी संस्थानों को सीधे एफसीआई डिपो से खाद्यान्न उठाने की भी अनुमति दी है।

     श्री पासवान ने राज्य सरकारों से कहा कि वे अपने यहां गेहूं के आटे की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए मिलरों के साथ तालमेल बिठाएं। उन्होंने कहा कि उचित मूल्य की दुकानों और पीडीएस आउटलेट्स पर खाद्यान्न वितरण के दौरान सामाजिक दूरी के सभी मानदंडों का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए।

Related Articles

Back to top button