उत्तर प्रदेश

मुख्यमंत्री ने कोविड-19 से बचाव और उपचार की व्यवस्थाओं को और प्रभावी बनाए जाने के निर्देश दिये

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कोविड-19 से बचाव और उपचार की व्यवस्थाओं को और प्रभावी बनाए जाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ‘ट्रेस, टेस्ट एण्ड ट्रीट’ की नीति कोरोना संक्रमण की रोकथाम में अत्यन्त उपयोगी सिद्ध हो रही है। प्रदेश में कोविड संक्रमण के मामलों में तेजी से कमी आ रही है। पॉजिटिविटी दर निरन्तर घट रही है। रिकवरी दर में लगातार वृद्धि हो रही है। उन्होंने कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के लिए किये जा रहे प्रयासों को पूरी प्रतिबद्धता से जारी रखने के निर्देश दिये हैं।
मुख्यमंत्री जी आज यहां वर्चुअल माध्यम से आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि विगत 24 घण्टों में प्रदेश में कोरोना संक्रमण के 7,336 केस आए हैं। इसी अवधि में 19,669 संक्रमित व्यक्तियों का सफल उपचार करके  डिस्चार्ज किया गया है। प्रदेश में वर्तमान में कुल एक्टिव केस की संख्या 1,23,579 है, जो 30 अप्रैल, 2021 को कोरोना संक्रमण के एक्टिव केस की संख्या से 1,87,000 कम है। यह कमी 60 प्रतिशत से अधिक है।
मुख्यमंत्री जी को यह भी अवगत कराया गया कि राज्य में कोरोना संक्रमण की रिकवरी दर में लगातार वृद्धि हो रही है। वर्तमान में यह दर 91.4 प्रतिशत से अधिक है। प्रदेश में कोरोना संक्रमण की पॉजिटिविटी दर लगातार कम हो रही है। कोरोना संक्रमण में राज्य का कुल पॉजिटिविटी रेट 3.6 प्रतिशत है। पिछले 24 घण्टे में यह दर 2.45 प्रतिशत रही है। प्रदेश में पिछले 24 घण्टों में 2,99,327 कोविड टेस्ट किए गए, जो कि एक दिन में सम्पन्न कोरोना जांच की अब तक की सर्वाधिक संख्या है। इसमें 2,19,000 टेस्ट प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में किये गए। विगत 24 घण्टों में की गयी कोविड जांच में 1,22,172 आर0टी0पी0सी0आर0 टेस्ट भी शामिल है। प्रदेश में अब तक 4,55,31,018 कोविड टेस्ट किए जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी वरिष्ठ अधिकारी अपने कार्यालयों में बैठना प्रारम्भ करें तथा दिन प्रतिदिन के कार्यों का निष्पादन वहीं से करें। सूचना मांगे जाने पर सभी विभागों द्वारा सही और तथ्यात्मक जानकारी दी जानी चाहिए। प्रदान की गई सूचनाएं स्पष्ट होनी चाहिए। सूचनाएं समय पर उपलब्ध कराई जाए। सूचना का प्रारूप सरल होना चाहिए, जो किसी भी सामान्य व्यक्ति को आसानी से समझ में आ जाए। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी दिए जाने वाले निर्देशों का तत्परता से अनुपालन करें, ऐसा न करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी डेडिकेटेड कोविड अस्पतालों में पोस्ट कोविड वाॅर्ड तैयार किये जाएं। इन वाॅर्डों में आवश्यक दवाओं सहित भोजन, साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था भी रहे। उन्होंने कहा कि पोस्ट कोविड अवस्था में ब्लैक फंगस से प्रभावित व्यक्तियों के उपचार के सभी प्रबन्ध सुनिश्चित किये जाएं। संक्रमण से प्रभावित सभी मरीजों को दवा तत्काल उपलब्ध कराई जाए। सभी जनपदों में ब्लैक फंगस की दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता रहे। निजी अस्पतालों में भर्ती ब्लैक फंगस के मरीजों को भी दवा उपलब्ध कराई जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि इस व्यवस्था का दुरुपयोग न हो।
मुख्यमंत्री जी ने निर्देशित किया कि कोविड बेड की संख्या में निरन्तर वृद्धि की जाए। आवश्यक मानव संसाधन की संख्या में भी लगातार बढ़ोत्तरी की जाए, इसके लिए भर्ती की कार्यवाही तेजी से सम्पन्न की जाए। सभी जनपदों में उपलब्ध समस्त वेंटीलेटर कार्यशील अवस्था में रहे। खराब वेंटिलेटर की तुरन्त मरम्मत कराई जाए। मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि कोविड-19 के उपचार की व्यवस्था को प्रभावी बनाए रखने के लिए उनके निर्देशों के अनुरूप कार्यवाही की जा रहा है। विगत कुछ दिनों में चिकित्सा शिक्षा विभाग में 2,400 मानव संसाधन की वृद्धि की गई है। स्वास्थ्य विभाग में भी भर्ती की कार्यवाही तेजी से गतिशील है।
मुख्यमंत्री जी ने सभी राजकीय मेडिकल कॉलेजों में 100 बेड का पीडियाट्रिक आई0सी0यू0 (पीकू) स्थापित किये जाने के निर्देश देते हुए कहा कि इनमें 50 बेड आई0सी0यू0 तथा 50 बेड ऑक्सीजन से युक्त होने चाहिए। मेडिकल कॉलेजों में पीकू वाॅर्ड, गोरखपुर के बी0आर0डी0 मेडिकल कॉलेज में स्थापित पीकू वाॅर्ड के मॉडल पर विकसित किया जाए। इंसेफेलाइटिस के विरुद्ध प्रभावी संघर्ष के लिए बस्ती व गोरखपुर मण्डलों के प्रत्येक जनपद में 15-15 बेड के पीकू विकसित किए गए थे, इन्हें पूरी तरह से कार्यशील रखा जाए। जनपद बस्ती और गोरखपुर की 2-2 सी0एच0सी0 पर पीकू स्थापित किए गए थे, उन्हें भी कार्यशील रखा जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जुलाई माह से इंसेफेलाइटिस के मामले भी सामने आने लगते हैं। इसके दृष्टिगत गोरखपुर जनपद सहित विभिन्न जनपदों में स्थापित इंसेफलाइटिस ट्रीटमेंट सेण्टर्स को कार्यशील किया जाए। उन्होंने पीकू की स्थापना की कार्यवाही को युद्ध स्तर पर आगे बढ़ाने के निर्देश देते हुए कहा कि इनके संचालन के लिए पीडियाट्रिशियन्स, टेक्नीशियन्स तथा पैरामेडिकल स्टाफ के प्रशिक्षण की कार्रवाई भी पीकू की स्थापना कार्य के साथ-साथ ही संचालित की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा हेल्थ एवं वेलनेस सेण्टर ग्रामीण क्षेत्र में मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर का आधार है। इन्हें सुदृढ़ बनाकर प्रभावी ढंग से क्रियाशील रखने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि इन केन्द्रों पर आवश्यक मानव संसाधन, पेयजल, शौचालय, विद्युत आपूर्ति व्यवस्था को सुचारू बनाया जाए। स्वास्थ्य केन्द्रों की साफ-सफाई तथा रंगाई-पुताई कराई जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग के तैयार भवनों का फिनिशिंग कार्य पूर्ण करा कर, उन्हें फंक्शनल किया जाए। स्वास्थ्य विभाग तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग के कार्यालय कार्य हेतु तैनात चिकित्सकों को फील्ड में तैनात किया जाए। अन्य विभागों में प्रतिनियुक्ति पर गए चिकित्सकों को वापस बुला कर क्षेत्र में तैनात किया जाए। मुख्यालय से सम्बद्ध चिकित्सकों को भी फील्ड में भेजा जाए। उन्होंने कहा कि विदेशी चिकित्सा शिक्षा संस्थानों से मेडिकल की डिग्री प्राप्त करने वाले युवाओं के सम्बन्ध में नेशनल मेडिकल कमीशन से मार्गदर्शन प्राप्त कर एम0बी0बी0एस0 के अन्तिम वर्ष के छात्रों की भांति चिकित्सा कार्य में लगाने पर विचार किया जाए। सेना तथा अन्य सेवाओं के सेवानिवृत्त वरिष्ठ चिकित्सकों की सेवाओं को टेलीकन्सल्टेशन के लिये इस्तेमाल किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी मेडिकल कॉलेजों एवं अस्पतालों को उनकी मांग के अनुरूप पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन की आपूर्ति बनी रहनी चाहिए। मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि विगत 24 घण्टों में राज्य में 921 मेट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई है। विगत कुछ दिनों में ऑक्सीजन की मांग में 10 से 15 प्रतिशत की कमी आई है। मेडिकल कॉलेजों में लगभग 2 दिन का ऑक्सीजन बैकअप उपलब्ध है। होम आइसोलेशन के मरीजों को भी ऑन डिमाण्ड ऑक्सीजन की उपलब्धता है। मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए कि राज्य में ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना की कार्यवाही को त्वरित गति से आगे बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि एस0डी0आर0एफ0 के माध्यम से स्थापित होने वाले ऑक्सीजन संयंत्रों हेतु केन्द्रीकृत ढंग से टेण्डर की प्रक्रिया की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कोरोना वैक्सीन की कार्यवाही व्यवस्थित, निर्बाध और प्रभावी ढंग से संचालित की जाए। जीरो वेस्टेज को ध्यान में रखकर कोविड वैक्सीनेशन कार्यवाही का संचालन किया जाए। वैक्सीनेशन कार्य को व्यापक स्तर पर संचालित किए जाने पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में वैक्सीनेशन के लिए लोगों को प्रेरित किया जाए। ग्रामीण क्षेत्र में वैक्सीनेशन कार्य को त्वरित और प्रभावी ढंग से संचालित करने के लिए कॉमन सर्विस सेण्टर (सी0एस0सी0) का व्यापक उपयोग किया जाए।
मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि सभी सी0एस0सी0 पर वैक्सीनेशन हेतु रजिस्ट्रेशन कार्य प्रारम्भ हो गया है। यह भी अवगत कराया गया कि 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में अब तक 01 करोड़ 54 लाख 61 हजार से अधिक वैक्सीन डोज दिए जा चुके हैं। 17 मई, 2021 से 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के लोगों के कोरोना वैक्सीनेशन का कार्य 23 जनपदों में किया जा रहा है। विगत दिवस इस आयु वर्ग में वैक्सीन की 1,11,188 डोज दी गई हैं। अब तक इस आयु वर्ग में 6 लाख 38 हजार 746 वैक्सीन की डोज दी गयी हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना कफ्र्यू का प्रभावी ढंग से पालन कराया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि घर से बाहर निकलने वाले लोग मास्क का इस्तेमाल और दो-गज की दूरी का पालन करें। सब्जी मण्डी एवं फल मण्डी का संचालन खुले स्थानों पर कराया जाए। दवा की दुकानों पर भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जाए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी गेहूं क्रय केन्द्र कार्यशील रहे। गेहूं क्रय केन्द्रों का प्रभावी ढंग से और सुचारू संचालन हो। कल 20 मई 2021 से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अन्तर्गत पात्र व्यक्तियों के लिए खाद्यान्न वितरण कार्य प्रारम्भ हो रहा है। कोविड प्रोटोकाॅल के पूर्ण पालन के साथ सुचारु ढंग से खाद्यान्न वितरित किया जाए। स्थानीय जनप्रतिनिधियों से संवाद बनाकर उन्हें खाद्यान्न वितरण के समय राशन की दुकानों का भ्रमण करने के लिए आमंत्रित किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोविड-19 के कारण जिन बच्चों के माता-पिता का देहान्त हो गया, ऐसे अनाथ एवं निराश्रित बच्चों के भरण-पोषण और समुचित देखभाल के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा विस्तृत कार्य योजना तैयार की जाए। किसी भी शिक्षण संस्थान द्वारा यदि विद्यार्थियों से शुल्क लिया गया है तो शिक्षकों के वेतन से कटौती ना की जाए। आपदा के समय में किसी के वेतन से कटौती उचित नहीं है। वेतन का भुगतान समय पर किया जाए। शिक्षा से सम्बन्धित सभी विभागों द्वारा अपने अन्तर्गत संचालित शिक्षण संस्थानों में इस व्यवस्था का अनुपालन कराया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्वच्छता, सैनिटाइजेशन तथा फाॅगिंग की कार्यवाही सुचारु ढंग से जारी रखी जाए। डोर स्टेप डिलीवरी व्यवस्था को सुदृढ़ रखा जाए, जिससे आम जनता को आवश्यक सामग्री की सुचारु आपूर्ति होती रहे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के इस वित्तीय वर्ष के बजट में युवाओं को टैबलेट देने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने इस सम्बन्ध में पूरी कार्ययोजना बनाकर प्रस्तुत करने के निर्देश दिये।

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