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भगोड़ों को रेड कॉर्नर नोटिस में देरी पर जताई चिंता: अमित शाह

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आतंकवादी गतिविधियों के आरोपी जाकिर नाइक जैसे भगोड़ों के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने में हो रही देरी को लेकर इंटरपोल को अपनी चिंता से अवगत कराया। इंटरपोल के महासचिव जर्गेन स्टॉक के साथ वार्ता में शाह ने नशा तस्करी, अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद, काला धन और धनशोधन के खिलाफ दीर्घावधि रणनीतिक कार्ययोजना शुरू करने पर जोर दिया। गृह मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, ‘गृहमंत्री ने रेड कॉर्नर नोटिस के प्रकाशन में हो रहे विलंब पर चिंता जताई और ऐसे नोटिसों के त्वरित प्रकाशन की आवश्यकता पर बल दिया।’ शाह ने स्टॉक को बताया कि इस तरह के सहयोग से हाई प्रोफाइल भगोड़े आर्थिक अपराधियों और आतंकवादियों के मामले में भारत अधिक सख्ती बरतता है।

रेड कॉर्नर नोटिस अंतरराष्ट्रीय गिरफ्तारी वारंट होता है जिसमें इंटरपोल अपने सदस्य देशों से भगोड़ों को गिरफ्तार करने या हिरासत में लेने का आग्रह करता है। गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 2016, 2017 और 2018 के दौरान केंद्रीय जांच ब्यूरो ने इंटरपोल को क्रमश: 91, 94 और 123 रेड कॉर्नर जारी करने के आग्रह भेजे और इंटरपोल ने क्रमश: 87, 84 और 76 नोटिस जारी किए।

इस वर्ष 15 जुलाई तक इंटरपोल को 41 आग्रह भेजे गए और 32 प्रकाशित हो चुके हैं। इंटरपोल ने जिन लोगों के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी नहीं किया है उनमें जाकिर नाईक भी शामिल है जिस पर युवकों को आतंकवादी हमले करने के लिए भड़काने एवं उन्हें कट्टर बनाने के आरोप हैं। नाईक फिलहाल मलेशिया में रह रहा है।

भारत ने 2022 में इंटरपोल महासभा की मेजबानी का प्रस्ताव दिया

भारत ने देश की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ समारोह के तहत यहां साल 2022 में इंटरपोल महासभा की मेजबानी करने का शनिवार को प्रस्ताव दिया। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, गृह मंत्री अमित शाह ने इंटरपोल महासचिव जर्गन स्टॉक के समक्ष यह प्रस्ताव रखा। स्टॉक ने यहां शाह से मुलाकात की थी।

इसमें कहा गया है कि बैठक के दौरान शाह ने प्रस्ताव दिया कि इंटरपोल महासभा भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ के समारोह के तहत 2022 में नयी दिल्ली में आयोजित की जाए। गृह मंत्री ने भारत के इंटरपोल वैश्विक अकादमी का क्षेत्रीय हब बनने की इच्छा जताई। News Source अमर उजाला

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