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धर्मेन्द्र प्रधान ने सऊदी अरब के ऊर्जा, उद्योग एवं खनिज संसाधन मंत्री से मुलाकात की

नई दिल्ली: केन्द्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस एवं कौशल विकास तथा उद्यमशीलता मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने 9 मार्च, 2019 को नई दिल्ली में सऊदी अरब के ऊर्जा, उद्योग एवं खनिज संसाधन मंत्री तथा सऊदी अरामको के चेयरमैन ईएनजी. खालिद ए अल-फालिह से मुलाकात की।

यह मुलाकात इस वर्ष फरवरी में सऊदी अरब के उप-प्रधानमंत्री एवं रक्षा मंत्री शहजादे मुहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुल अजीज अल सौद की पहली राजकीय यात्रा की अनुवर्ती बैठक है।

यह यात्रा हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में दोनों देशों के बीच बढ़ते संबंधों को भी प्रदर्शित करती है। सऊदी अरब भारत को कच्चे तेल एवं एलपीजी का दूसरा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता देश है। 2017-18 में सऊदी अरब से भारत को कच्चे तेलों का आयात 36.8 एमएमटी जो हमारे कुल आयातों का 16.7 प्रतिशत है।

मुलाकात के दौरान, श्री प्रधान ने विश्व में कच्चे तेल के एक अग्रणी उत्पादक एवं वैश्विक तेल बाजार संतुलन को बनाए रखने में सऊदी अरब की विशिष्ट भूमिका का उल्लेख किया। उन्होंने वैश्विक कच्चे तेल के मूल्यों में वृद्धि के रूझान पर चिन्ता जताई। उन्होंने ओपेक की कटौतियों के मद्देनजर भारत को कच्चे तेल एवं एलपीजी की निर्बाधित आपूर्ति की आवश्यकता की ओर भी इंगित किया। दोनों मंत्रियों ने वैश्विक तेल बाजार पर हाल के भू-राजनीतिक घटनाक्रमों के संभावित प्रतिकूल प्रभाव पर भी चर्चा की।

दोनों मंत्रियों ने महाराष्ट्र में 44 बिलियन डॉलर की अनुमानित लागत वाली पहली संयुक्त उद्यम पश्चिमी तट रिफाइनरी एवं पेट्रो रसायन परियोजना, जो विश्व में सबसे बड़ी ग्रीनफील्ड रिफाइनरी होगी, के त्वरित कार्यान्वयन के लिए उठाए जाने वाले तात्कालिक कदमों सहित भारतीय तेल एवं गैस क्षेत्र में सऊदी अरब के विभिन्न निवेश प्रस्तावों की भी चर्चा की। भारतीय रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार (एसपीआर) कार्यक्रम में सऊदी अरब की सहभागिता पर भी चर्चा की गई।

दोनों मंत्रियों ने पिछले महीने शहजादे मुहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुल अजीज अल सौद की भारत की यात्रा के दौरान तेल एवं गैस क्षेत्र में लिए गए निर्णयों के त्वरित कार्यान्वयन के लिए ठोस कदम उठाए जाने पर भी सहमति जताई।

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