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प्रशिक्षण महानिदेशालय ने आईटीआई विद्यार्थियों के लिए भविष्‍य का तैयार रोजगार-योग्‍य कौशल कार्यक्रम बनाने के लिए सिस्को तथा एक्सेंचर समझौता किया

नई दिल्ली: देश के सभी आईटीआई के लगभग 15,00,000 विद्यार्थीभारत स्‍कील्‍स पोर्टल के माध्‍यम से डिजिटल लर्निंग मोड्यूल एक्‍सेस कर सकते हैं।

कौशल विकास तथा उद्यमिता मंत्रालय के अन्‍तर्गत प्रशिक्षण महानिदेशालय(डीजीटी) ने आज अपने औद्योगिक प्रशिक्षण संस्‍थानों(आईटीआई) के माध्‍यम से डिजिटल अर्थव्‍यवस्‍था के लिए युवाओं को कुशल बनाने के उद्देश्‍य से निजी क्षेत्र की दो बड़ी कम्‍पनियों- सिस्‍को तथा एक्सेंचर के साथ समझौता किया। क्रियान्‍वयन सहयोगी क्‍वेस्‍ट एलांयस के साथ यह कार्यक्रम देशभर के आईटीआई विद्यार्थियों को अगले दो वर्षों में डिजिटल अर्थव्‍यवस्‍था के लिए कुशल बनाएगा। दोनों संगठनों ने कौशल विकास तथा उद्यमिता मंत्रालय के प्रशिक्षण महानिदेशालय(डीजीटी) के साथ आईटीआई के विद्यार्थियों के लिए व्‍यापक रोजगार योग्‍य कौशल कार्यक्रम प्रारंभ करने का समझौता किया है।

समझौता झापन पर कौशल विकास तथा उद्यमिता मंत्रालय के सचिव डॉ. के पी कृष्‍णा की उपस्थिति में डीजीटी के महानिदेशक श्री राजेश अग्रवाल, सिस्‍को इंडिया के प्रबन्‍ध निदेशक पब्लिक अफेयर्स और स्‍ट्रे‍टजिक इन्गेजमेंट श्री हरीश कृष्‍णन, एक्सेंचर की निदेशक कार्पोरेट सिटीजनशिप सुश्री क्षितिजा कृष्‍णा स्‍वामी और क्‍वेस्‍ट एलांयस के श्री आकाश सेठी ने हस्‍ताक्षर किए।

कार्यक्रम में डिजिटल साक्षरता, केरियर तैयारी, रोजगार योग्‍य कौशल तथा डाटा एनालेटिक्‍स जैसे एडवांस्‍ट टेक्‍नालॉजी कौशल के लिए मॉडयूल के साथ तैयार पाठ्यक्रम शामिल हैं।

कक्षा में प्रशिक्षण कार्यक्रम का प्रारंभिक चरण तमिलनाडु, गुजरात, बिहार तथा असम के 227 आईटीआई में 1,00,000 से अधिक युवाओं को लक्षित करते हुए लागू किया जाएगा। कक्षा में कार्यक्रम के अन्‍तर्गत 240 से अधिक घंटे का प्रशिक्षण 21वीं सदी के कौशल के सम्‍बंध में दिया जाएगा। इसमें डिजि‍टल साक्षरता, डिजिटल प्रवाह कुशलता, सृजनात्‍मक समस्‍या समाधान सहित कार्यस्‍थल तैयारी कुशलता तथा निर्णय प्रक्रिया में डाटा उपयोग, केरियर प्रबन्‍धन कुशलता तथा केरियर को पहचानने और नियोजन करने की क्षमता शामिल हैं।

सिस्‍को देशभर के आईटीआई विद्यार्थियों को प्रत्‍यक्ष रूप से नेटवर्क एकेडमिक कोर्स का एक्‍सेस प्रदान करेगा।

इस सहयोग के बारे में कौशल विकास तथा उद्यमिता सचिव डॉ. के पी कृष्‍णन ने कहा कि यह आवश्‍यक है कि हम एक देश के रूप में नए युग की टेक्‍नॉलाजी तथा कौशल अपनाएं  जो आज बाजार में प्रासंगिक है। उन्‍होंने कहा कि यह सहयोग अपने औद्योगिक संस्‍थानों को नवीनतम डिजिटल कुशलताओं के साथ सशक्‍त बनाने की दिशा में कदम है।

डीजीटी के महानिदेशक श्री राजेश अग्रवाल ने कहा कि आधारभूत संरचना, केरियर तैयारी  अध्‍यापन,पाठ्यक्रम तथा टेक्‍नालॉजी उपयोग के संबंध में देशभर के आईटीआई को उन्‍नत और आधुनिक बनाना हमारा उद्देश्‍य है।

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