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डॉ. हर्षवर्धन ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में स्वैच्छिक रक्तदान अभियान का उद्घाटन किया

नई दिल्ली: केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में स्वैच्छिक रक्तदान अभियान का उद्घाटन किया। यह शिविर स्वतंत्रता की पूर्व संध्या पर एम्स द्वारा आयोजित किया गया, जो सैनिकों के साथ-साथ उन कोविड योद्धाओं को भी समर्पित है, जिन्होंने देश और इसके नागरिकों की रक्षा करते हुए अपने जीवन का बलिदान कर दिया है। दो परिवारों को सम्मानित अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया। इनमें से एक शहीद सैनिक का परिवार और दूसरा कोविड से संक्रमित एम्स के एक योद्धा का परिवार था।

डॉ. हर्षवर्धन ने एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया और अन्य वरिष्ठ डॉक्टरों के साथ रिबन काटकर तथा दीप प्रज्ज्वलित करके इस रक्तदान शिविर का उद्घाटन किया। डॉ. हर्षवर्धन ने रक्तदाताओं के साथ बातचीत की और उन्हें रक्तदान अभियान में योगदान देने के लिए प्रमाण पत्र प्रदान किए। उन्होंने डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मचारियों को प्रोत्साहित किया कि वे स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर बड़ी संख्या में आकर रक्तदान करें और मरीजों की जान बचाने में योगदान दें। डॉ. हर्षवर्धन ने इस बात पर संतोष जाहिर किया कि इस शिविर में फेसशील्ड, मास्क, दस्तानों की व्यवस्था सहित सभी सावधानियां सुनिश्चित की गईं।

एम्स की इस पहल का स्वागत करते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि हमारे 73वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित यह स्वैच्छिक रक्तदान शिविर कोविड से संक्रमित सफेद कोट पहनने वाले योद्धाओं और कारगिल शहीदों के लिए एक श्रद्धांजलि है। हमें इस महामारी में लोगों का जीवन बचाते हुए डॉक्टर, नर्स या पैरामेडिकल स्टॉफ सहित कोविड योद्धाओं द्वारा दिए गए सर्वोच्च बलिदान को याद रखना चाहिए। इस आयोजन के अवसर पर एम्स में फ्रंट लाइन स्वास्थ्यकर्मी कोविड योद्धा स्वर्गीय श्री हीरालाल के परिवार के सदस्यों तथा कारगिल शहीद नायक राजबीर सिंह के परिवार के सदस्यों को उनके परिवारजनों के बलिदान के लिए सम्मानित किया गया।

स्वैच्छिक रक्तदान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए लॉकडाउन के कारण प्रतिबंध और अस्पताल के वातावरण में आशंका के कारण स्वैच्छिक रक्तदान और रक्तदान शिविरों की संख्या में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई। आपातकालीन सर्जरी, थैलेसिमिया, रक्त कैंसर, सड़क यातायात दुर्घटनाओं और ट्रॉमा मामलों में रक्त की जरूरत होती है। स्वैच्छिक रक्तदान मानवता की सेवा करने का सबसे अच्छा तरीका है। उन्होंने सभी भारतीयों से यह अपील की कि हमें दैनिक जीवन में किसी न किसी प्रकार से योगदान देकर अपने योद्धाओं के बलिदान का सम्मान करना चाहिए।

कोविड-19 के विरुद्ध भारत की लड़ाई के बारे में डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि भारत की लगातार बढ़ती हुई रिकवरी दर और लगातार घटती हुई कोविड रोगी मृत्यु दर ने यह सिद्ध कर दिया है कि प्रधानमंत्री के गतिशील मार्गदर्शन में सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों ने कोविड-19 रोकथाम रणनीति का अनुपालन किया है। हमने सफलतापूर्वक अपनी परीक्षण क्षमता को बढ़ाकर प्रतिदिन 8.4 लाख से अधिक का स्तर प्राप्त कर लिया है। पूरे देश में स्थित 1450 से अधिक परीक्षण प्रयोगशालाओं ने इस कार्य में योगदान दिया है। कोविड-19 के उपचार और वेक्सीन के क्षेत्र में हो रहे वैज्ञानिक विकास पर मुझे पूरा विश्वास है और जल्द ही भारत भी कोविड-19 के विरुद्ध हमारी लड़ाई में और अधिक सफलता अर्जित करेगा। इस आयोजन में विभिन्न संकाय और स्वैच्छिक रक्तदाता भी उपस्थित थे।

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