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डीआरडीओ ने भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य मेंआजादी का अमृत महोत्सव की शुरुआत की

रक्षा अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) विभाग के सचिव और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी ने 12 मार्च, 2021 को डीआरडीओ भवन में आजादी का अमृत महोत्सव की शुरुआत की। इस कार्यक्रम में डीआरडीओ के महानिदेशक और बेंगलुरू, हैदराबाद, पुणे, तेजपुर एवं विशाखापत्तनम सहित सभी बड़े केंद्रों के वैज्ञानिक एवं अन्य अधिकारी वर्चुअल माध्यम से उपस्थित हुए।

आजादी का अमृत महोत्सव भारत की स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया है। 12 मार्च, 2021 को शुरू हो रहे इस महोत्सव कोविभिन्न विषयवस्तुओं के साथ मनाया जाएगा।डीआरडीओ का प्रयास इस महोत्सव को‘आत्मनिर्भर भारत’ विषयवस्तुपर प्राथमिक रूप से केंद्रित करने का रहेगा और इस विजन को साकार करने की दिशा में घोषणाएं की जाएंगी।डीआरडीओ 75 हफ्तों तक इस महोत्सव का मनाएगा। इस दौरान राष्ट्र निर्माण, आत्मनिर्भरता प्राप्त करने, वैज्ञानिक नवाचारों को प्रोत्साहित करने, मानव संसाधनों का विकास करने की दिशा में विभिन्न गतिविधियों के आयोजन सहित अन्य संबंधित विषयों की मेजबानी करेगा।

इस महोत्सव के दौरान डीआरडीओ प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने के लिए नई ऊर्जा के साथ काम करेगा। डीआरडीओ के अध्यक्ष ने डीआरडीओ के लोगों से उद्योग और अकादमिक क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास करने का आह्वाहन किया।डीआरडीओ विभिन्न तरीकों से महोत्सव के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए उनके साथ काम करेगा।

डीआरडीओ की योजना प्रौद्योगिकी विकास के लिए ऊष्मायन केंद्रों के माध्यम से स्टार्टअप्स की हैंडहोल्डिंग बढ़ाने की है। विभिन्न उद्योगों की तकनीकी प्रस्तावों को बड़ी संख्या में प्रौद्योगिकी विकास निधि (टीडीएफ) योजना के तहत प्रक्रिया में लाया जाएगा।वहीं, तकनीकों के हस्तांतरण के लिए लाइसेंसिंग समझौतों की संख्या (एलएटीओटीएएस) बढ़ाकर 100 से अधिक की जाएगी।इस महोत्सव की पूरी अवधि के दौरान उत्तर पूर्वी क्षेत्रों में पीने योग्य पानी के लिए स्थानीय उद्योगी को टीओटी, डीआरडीओ के वैज्ञानिकों द्वारा विभिन्न उद्योगों में सहभागिता/यात्रा, डीआरडीओ के उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए पेटेंट दर्ज करना और इनकीविदेशों तक पहुंच बनाने को लेकर भी बड़े पैमाने पर योजना बनाई गई है।

अकादमिक क्षेत्र को साथ अधिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न तरह की गतिविधियों की योजना बनाई गई है। इनमें अकादमिक संस्थानों को नई चुनौतियां प्रदान करना, छात्रों के लिए इंटर्नशिप बढ़ाना और डीआरडीओ प्रयोगशालाओं/केंद्रोंमें छात्रोंको प्रशिक्षुता प्रदान करना शामिल हैं।इसके अलावा रक्षा संबंधी विभिन्न विषयों पर पीएचडी छात्रों काडीआरडीओ प्रयोगशालाओं में नामांकन किया जाएगा। वहीं, क्षेत्रीय भाषाओं में वैज्ञानिक शोध पत्रों और रक्षा संबंधी लेखों के प्रकाशन को भी अधिक महत्व दिया जाएगा।विश्वविद्यालयों/संस्थानों में रक्षा संबंधित क्षेत्रों पर पाठ्यक्रमों और सेमिनारों का बड़े पैमाने पर आयोजन करने की योजना बनाई गई है। इसके अलावा कौशल विकास को प्रोत्साहित करने को लेकर कृत्रिम बुद्धिमत्ता और साइबर सुरक्षा जैसी भविष्य की उन्नत तकनीकों में छात्रों के लिए कई प्रमाणपत्र पाठ्यक्रमों की भी योजना बनाई गई है।

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