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‘खाद्य सुरक्षा’ ‘किसान सुरक्षा’ का पर्याय है जो उपभोक्ता सुरक्षा से आती है: श्री गोयल

आजादी का अमृत महोत्सव के तहत प्रगतिशील भारत और इसके गौरवशाली इतिहास के 75 साल पूरा होने के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम के अंतर्गत वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल ने सोमवार को कर्नाटक के हुबली में संभागीय कार्यालय के भवन और तमिलनाडु के तंजावुर में एक फोटो प्रदर्शनी के साथ खाद्य सुरक्षा संग्रहालय का वर्चुअल तरीके से उद्घाटन किया।

अपने संबोधन के दौरान, उन्होंने कर्नाटक के हुबली में संभागीय कार्यालय के नए भवन के उद्घाटन के लिए एफसीआई को बधाई दी। उन्होंने कहा, “यह खाद्य सुरक्षा के लिए सुगम बुनियादी ढांचा बनाने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक अहम कदम है। कपास के व्यापार केंद्र से लेकर खाद्य सुरक्षा के केंद्र तक हुबली एक नए भारत के विकास को दर्शाता है।”

उन्होंने तमिलनाडु के तंजावुर में खाद्य सुरक्षा संग्रहालय के उद्घाटन पर सभी को बधाई दी, जो भारत के कृषि विकास की निर्भरता से आत्मनिर्भर बनने तक की यात्रा को प्रदर्शित करता है। उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा संग्रहालय भारत का पहला संग्रहालय है जो भारत की खाद्य सुरक्षा की पूरी कहानी को दर्शाता है। यह देश की “शिप टू माउथ” (आयात पर निर्भरता) अस्तित्व से लेकर सबसे बड़े खाद्यान्न निर्यातक देशों में से एक बनने तक की कहानी को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु की सांस्कृतिक राजधानी अब भारत के कृषि इतिहास का घर होगी।

श्री गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार का उद्देश्य किसानों को भारत और दुनिया को खिलाने और अच्छी आजीविका कमाने में सक्षम बनाना है। उन्होंने कहा कि उच्चतम खरीद से लेकर अनाज वितरण तक, किसानों, प्रवासी श्रमिकों के प्रति प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता प्रेरणादायक रही है। उन्होंने कहा कि जब महामारी आई, तो प्रधानमंत्री मोदी का पहला ध्यान गरीब और मजदूर भाइयों और बहनों की भलाई सुनिश्चित करना था। उन्होंने पीएमजीकेएवाई के तहत लगभग 80 करोड़ लाभार्थियों को अनाज वितरण करने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी गरीब व्यक्ति भूखा न सोए, के लिए समर्पण के साथ काम करने और उनके अथक प्रयास के लिए एफसीआई को धन्यवाद दिया। इसमें दो लाख करोड़ रुपये खर्च हुए थे। प्रत्येक लाभार्थी को प्रति माह पांच किलो चावल/गेहूं और एक किलो दाल दिया गया।

श्री गोयल ने कहा, “मैं प्रधानमंत्री मोदी को उनकी प्रतिबद्धता के लिए धन्यवाद देता हूं, इस तरह के चुनौतीपूर्ण समय के दौरान उनके सहयोग के लिए पूरा देश प्रधानमंत्री का आभारी है। ‘खाद्य सुरक्षा’ के मूलमंत्र ने दुनिया के हर देश का ध्यान अपनी ओर खींचा है। ‘खाद्य सुरक्षा’ ‘किसान सुरक्षा’ का पर्याय है। ‘किसान सुरक्षा’ के साथ ‘उपभोक्ता सुरक्षा’ आती है। केंद्र सरकार ने सुधारात्मक कदम उठाए हैं जिससे एमएसपी पर किसानों से खाद्यान्न की सबसे अधिक खरीद हुई है। केएमएस 2021-22 हाल ही में शुरू हुआ और एमएसपी पर 11,100 करोड़ रुपये की खरीदारी साथ 3.7 लाख किसानों को लाभान्वित किया। भारत अपनी सुगमता, क्षमता और दक्षता के साथ दुनिया के लिए एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में उभरा है।”

उन्होंने कहा कि भारत के लोगों की खाद्य सुरक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता अभूतपूर्व है, जिसके परिणामस्वरूप किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न की सबसे अधिक खरीद हुई है। खरीद प्रक्रिया को हिमाचल प्रदेश, असम, बिहार, झारखंड जैसे अन्य राज्यों में भी बढ़ाया गया है, जहां किसानों को पहले एमएसपी पर खरीद का लाभ नहीं मिलता था। किसान कल्याण और उनकी आय में वृद्धि करने की प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता भी बेमिसाल है और हमने यह सुनिश्चित किया है कि सरकारी एजेंसियों को खाद्यान्न की बिक्री से होने वाले एमएसपी के लाभ का भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में किया जाए। उन्होंने कहा कि वह वास्तव में एफसीआई और अन्य सरकारी एजेंसियों के प्रयासों की सराहना करते हैं जिन्होंने प्रधानमंत्री के इस विजन को अत्यधिक सफल बनाने के लिए जबरदस्त प्रयास किए हैं।

द्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे के विस्तार के क्रम में खाद्यान्न के लिए पर्याप्त भंडारण बनाने की सरकार की दृष्टि के परिणामस्वरूप वैज्ञानिक गोदामों और आधुनिक भंडारण साइलो का निर्माण किया गया है। यह एक सतत प्रक्रिया है जिसके लिए एफसीआई और सीडब्ल्यूसी जैसी एजेंसियां राज्य सरकार की भंडारण एजेंसियों की मदद से कवर किए गए भंडारण स्थान का प्रभावी ढंग से उपयोग करके 69 लाख मीट्रिक टन अतिरिक्त भंडारण बनाने में सक्षम हैं। इसके अलावा, सरकार पूरे देश में 108 लाख मीट्रिक टन अनाज के भंडारण के लिए हब एंड स्पोक मॉडल में आधुनिक भंडारण साइलो भी बना रही है।

देश के प्रत्येक नागरिक की खाद्य सुरक्षा आवश्यकताओं की रक्षा के लिए सरकार के प्रयास अभूतपूर्व रहे हैं क्योंकि प्रधानमंत्री ने यह सुनिश्चित किया है कि महामारी के समय कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे। इसके लिए विभाग के अधीन सभी एजेंसियां खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग अथक प्रयास कर रहा है। एफसीआई और रेलवे ने देश के कोने-कोने में रिकॉर्ड खाद्यान्न पहुँचाया है और हमने महामारी शुरू होने के बाद से पीएमजीकेएवाई के तहत सभी जरूरतमंद लोगों को मुफ्त में 180.83 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न वितरित किया है। ये अनाज एनएफएसए के तहत वितरित अनाज के अलावा वितरित किए गए हैं।

उन्होंने कहा, “हमारे देश में खाद्य सुरक्षा रखरखाव के विभिन्न पहलुओं पर काम करने के अलावा, मुझे यह जानकर खुशी हो रही है कि वे विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों तक पहुंच रहे हैं और सभी हितधारकों से संपर्क कर रहे हैं, जिनमें सबसे उल्लेखनीय है आजादी का अमृत महोत्सव का उत्सव।”

उन्होंने अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर लोगों को बधाई दी और इस बात पर भी जोर दिया कि प्रधानमंत्री ने 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस घोषित किया है जो वीर आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों की याद में समर्पित है ताकि आने वाली पीढ़ियों को देश के लिए उनके बलिदानों के बारे में पता चल सके। उन्होंने कहा कि, आज भगवान बिरसा मुंडा की जयंती है, जिन्हें झारखंड में भगवान माना जाता है।

आदिवासी समुदायों के कल्याण के लिए केंद्र सरकार के प्रयासों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले सात वर्षों में आदिवासी बच्चों के लिए 472 एकलव्य स्कूल स्वीकृत किए गए हैं। उनकी छात्रवृत्ति के लिए बजट भी दोगुना कर दिया गया है। इसके अलावा अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम को लागू किया गया है। आदिवासी भाइयों और बहनों के योगदान को सम्मानित करने के लिए कम से कम 10 आदिवासी संग्रहालय स्थापित किए जा रहे हैं।

श्री गोयल ने कहा कि दुनिया खाद्य सुरक्षा के महत्व की बात कर रही है। उन्होंने कहा, “किसानों और आप सभी के परिश्रम के लिए आपका धन्यवाद। हम अपने देश और दुनिया के लोगों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने में सक्षम हैं।”

उन्होंने कहा कि तंजावुर में खाद्य सुरक्षा पर राष्ट्रीय संग्रहालय देश का पहला ऐसा संग्रहालय है जो खाद्य सुरक्षा रखरखाव के सभी हितधारकों के प्रयासों को दर्शाएगा। उन्होंने कहा, “मुझे विश्वास है कि सभी भारतीय और विशेष रूप से युवा भारतीय और बच्चे इस संग्रहालय में आने से काफी लाभान्वित होंगे।”

उन्होंने कहा, “हमारी सरकार हमेशा खाद्य सुरक्षा रखरखाव के लिए अथक रूप से काम करने वाले लोगों की बुनियादी जरूरतों के प्रति संवेदनशील रही है। हुबली में संभागीय कार्यालय का नया भवन एफसीआई के प्रति हमारी प्रतिबद्धता और सहयोग का प्रतिबिंब है।

तंजावुर में खाद्य संग्रहालय का अपना एक आकर्षण होगा। संग्रहालय विषय आधारित है और इसमें मध्यपाषाण काल से लेकर अब तक भंडारण के विभिन्न तरीकों और आदिमानव द्वारा सामना की जाने वाली चुनौतियों के बारे में बताया गया है। संग्रहालय में भारतीय खाद्य निगम के इतिहास, खरीद, भंडारण और संरक्षण, गतिविधि और वितरण से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण जानकारी भी मौजूद है।

बच्चों के लिए आभासी वास्तविकता और प्रश्नोत्तरी में एफसीआई पर एक 3डी फिल्म दिखाई जाएगी। अन्य महत्वपूर्ण आकर्षणों के अलावा एक लाइफ साइज पीडीएस मॉडल भी बनाया गया है।

कर्नाटक के हुबली में संभागीय कार्यालय का भी बहुत महत्व है। कर्नाटक राज्य में हुबली सहित पांच एफसीआई संभागीय कार्यालय हैं जो 31 राजस्व जिलों को कवर करते हैं।

उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे और सुश्री साध्वी निरंजन ज्योति भी इस कार्यक्रम में शामिल हुईं।

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