उत्तर प्रदेश

पहली बार 22 करोड़ लोगों तक योजनाओं को सफलतापूर्वक पहुंचाने का कार्य हुआ: सीएम

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि देश के गृह मंत्री व भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह जी पर चार महापुरुषों-आदि शंकराचार्य, आचार्य चाणक्य, वीर सावरकर तथा आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का बड़ा प्रभाव है। उनका व्यक्तित्व आदि शंकराचार्य की साधना शक्ति, आचार्य चाणक्य का संगठन कौशल, वीर सावरकर का राष्ट्र के प्रति समर्पण भाव तथा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का देश के लिए प्रतिबद्धता के भाव सेे युक्त है।
मुख्यमंत्री जी आज यहां लोक भवन में दैनिक जागरण और ब्लूम्सबरी के संयुक्त तत्वावधान में पुस्तक ‘अमित शाह और भाजपा की यात्रा’ पर आयोजित परिचर्चा में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति अचानक ही बड़ा राजनैतिक व्यक्तित्व नहीं बन जाता। देश, समाज, लोकतंत्र आदि के सम्बन्ध में उस के भाव और विचार उसके भविष्य का मार्ग निश्चित करते हैं। उन्होंने पुस्तक को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह एवं भाजपा की यात्रा पर एक प्रामाणिक पुस्तक बताते हुए कहा कि यह भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के लिए मार्गदर्शक की भूमिका निभाएगी। साथ ही, लोकतंत्र में राजनैतिक दलों की भूमिका के सम्बन्ध में एक सन्दर्भ ग्रंथ साबित होगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस पुस्तक के माध्यम से श्री अमित शाह के व्यक्तित्व, कृतित्व, दूरदर्शिता, संगठनकौशल आदि के सम्बन्ध में जानकारी मिलती है। पुस्तक का ‘सरकार और संगठन’ अध्याय पुस्तक की आत्मा है। जिसमें सरकार व संगठन के पारस्परिक समन्वय पर प्रकाश डाला गया है। इस समन्वय से ही जनता तक योजनाओं का लाभ पहुंचाना सम्भव हुआ है। जनसाधारण को बिना भेदभाव के योजनाओं का पात्रता के आधार पर लाभ मिलने के परिणामस्वरूप भारतीय जनता पार्टी का स्वर्ण युग शुरू हुआ है। इसे देश के स्वर्ण युग की शुरुआत के रूप में भी देखा जा सकता है। जब भारत 5 ट्रिलियन डाॅलर अर्थव्यवस्था की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आदि शंकराचार्य एक संन्यासी मात्र नहीं थे। उन्हें भारत के आम जनमानस ने व्यापक श्रद्धा और सम्मान दिया है। केरल के साम्यवादी मुख्यमंत्री श्री अच्युत मेनन ने लिखा है कि देश में साम्यवादी आन्दोलन के प्रारम्भ में साम्यवादी भारत को राष्ट्रीयताओं का समूह समझते थे। इसलिए मुस्लिम लीग की भारत विभाजन की मांग पर, साम्यवादियों ने देश के कई राष्ट्रों में विभाजन की मांग की। हम भूल रहे थे कि भारत में अनेक भाषाएं लोक आस्था के कारण हैं। देश का भ्रमण करने पर मैंने महसूस किया कि केरल के ही एक संन्यासी ने देश के चारों कोनों पर चार पीठों की स्थापना की। यह पीठ केवल पूजा का स्थल ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय एकात्मकता के आधार हैं।
आचार्य चाणक्य ने भी देश की एकता और अखण्डता के लिए नन्दवंश को उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया था। श्री अमित शाह जी ने कांग्रेस मुक्त भारत का संकल्प लिया। वर्ष 2014 के लोक सभा चुनावों से पूर्व उत्तर प्रदेश प्रभारी बनने पर वे बूथ से लेकर जिला स्तर तक गये। उन्होंने बूथ अध्यक्ष से लेकर जिला अध्यक्ष तक से संवाद स्थापित किया। फलस्वरूप वर्ष 2014 में भारतीय जनता पार्टी ने 71 तथा सहयोगियों के साथ 73 लोकसभा सीटें जीतीं। उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा की तीन सीटें खो दीं। मेरे यह कहने पर कि आगे बड़ी चुनौती है उन्होंने कहा कि परिश्रम का कोई विकल्प नहीं है, भारतीय जनता पार्टी फिर से 70 से अधिक लोकसभा सीटों पर विजय प्राप्त करेगी। श्री अमित शाह जी में अद्भुत स्टेमिना है। रात में डेढ़-दो बजे सोने के बावजूद वह सुबह छः बजे तक कार्यकर्ताओं से मिलने के लिए तैयार हो जाते थे। आचार्य चाणक्य की भांति संगठन कौशल से ही उनका संकल्प साकार हुआ।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वीर सावरकर पिछली सदी के ऐसे नायक थे, जिन्हें एक ही जन्म में, दो-दो आजन्म कारावास की सजा हुई। उन्होंने इंग्लैण्ड में भी अंग्रेजों के विरुद्ध संघर्ष किया। सेल्युलर जेल में 10 वर्ष बिताने के बावजूद उनका मनोबल कम नहीं हुआ। उस समय भी उनमें ‘हिन्दुत्व राष्ट्रीयता का प्रतीक है, साम्प्रदायिकता का नहीं’ कहने की हिम्मत थी। श्री अमित शाह जी में वीर सावरकर की भांति राष्ट्र के प्रति समर्पण भाव है। उन्होंने पूरी प्रतिबद्धता के साथ आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की योजनाओं व कार्यक्रमों को पूरी निष्ठा से आगे बढ़ाकर, उन्हें अन्तिम पायदान के व्यक्ति तक पहुंचाने की जिम्मेदारी निभायी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2019 के लोकसभा के आमचुनाव से पूर्व प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी व भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह जी ने पार्टी की 300 से अधिक सीटें जीतने की बात कही थी। पार्टी ने 303 लोकसभा सीटों पर विजय प्राप्त की। यह विजय, ‘सबका साथ, सबका विकास’ के भाव से कार्य करने से प्राप्त हुई है। आजादी के बाद देश में परिवारवाद, जातिवाद, भाषावाद, क्षेत्रवाद आदि को बढ़ाकर राष्ट्रीय एकता को कमजोर किया गया था, जिसके फलस्वरूप अलगाववाद, आतंकवाद, नक्सलवाद, भ्रष्टाचार आदि दानव उठ खड़े हुए। भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने जाति, वर्ग, भाषा, मत, मजहब के स्थान पर बिना किसी भेदभाव के ‘सबका साथ, सबका विकास’ के संकल्प के साथ किसान, नौजवान, महिला आदि को प्राथमिकता देकर कार्य किया। इस सरकार का मंतव्य था कि विकास सबका होगा, किन्तु तुष्टिकरण किसी का नहीं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने पहली बार जनकल्याणकारी योजनाओं व कार्यक्रमों का लाभ बिना किसी भेदभाव के पात्रता के आधार पर जनसाधारण को प्राप्त हुआ। पहली बार 22 करोड़ लोगों तक योजनाओं को सफलतापूर्वक पहुंचाने का कार्य हुआ। यह कार्य प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी तथा राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह जी द्वारा सरकार व संगठन के पारस्परिक समन्वय से किया गया। मुख्यमंत्री जी ने अयोध्या के अनुसूचित जाति के श्री महावीर, जिन्होंने मुख्यमंत्री जी को अपने आवास पर आमंत्रित किया था, के परिवार को प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री जनधन योजना, सौभाग्य योजना आदि से प्राप्त लाभों के कारण उनके जीवन स्तर में आये परिवर्तन की चर्चा करते हुए कहा कि इसी प्रकार का परिवर्तन उन 22 करोड़ लोगों के परिवारों में भी आया है, जिन्हें प्रधानमंत्री जी द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ मिला है। जनकल्याणकारी योजनाओं को भेदभाव से परे होकर अन्तिम पायदान के व्यक्ति तक पहुंचाने से भारतीय जनता पार्टी का वोट बढ़ा है। इससे पंडित दीन दयाल उपाध्याय की परिकल्पना साकार हुई है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अनुच्छेद 370 समाप्त कर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी व गृह मंत्री श्री अमित शाह जी ने डाॅ0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी और डाॅ0 बी0आर0 आंबेडकर की भावनाओं को भी सम्मान दिया है। वर्ष 1952 में कांग्रेस के तत्कालीन नेतृत्व के अनुच्छेद 370 की व्यवस्था पर डाॅ0 आंबेडकर ने इसका विरोध करते हुए, इसे अलगाववाद को बढ़ावा देने वाला बताया था। डाॅ0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने कहा था कि एक देश में दो विधान, दो निशान नहीं चलेंगे। सरदार वल्लभभाई पटेल के निजी सचिव बी0 शंकर ने अपनी आत्मकथा में लिखा है कि सरदार पटेल का मानना था कि अनुच्छेद 370 वही हटा सकेगा, जिसके कलेजे में दम होगा। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी व गृह मंत्री श्री अमित शाह जी ने यह करके दिखाया है, क्योंकि इनके लिए राष्ट्र पहले है, राजनीति बाद में।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अनुच्छेद 370 का हटाया जाना एक ऐतिहासिक कदम है। इस निर्णय से पाक अधिकृत कश्मीर भी भारत का अंग बन गया है। भारत के इस कदम को प्रायः पूरी दुनिया में समर्थन मिला है। इससे स्पष्ट है कि देश का नेतृत्व समर्थ व सक्षम हो तो विरोधियों के मंसूबे नाकाम हो जाते हैं। पाकिस्तान जो पहले हमले की धमकी देता रहता था, अब कहता है कि भारत हमला कर सकता है। भारत को दुनिया का व्यापक समर्थन देश की समर्थ, निडर और निर्णायक लीडरशिप के कारण सम्भव हुआ है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार न केवल योजनाओं के क्रियान्वयन में तकनीक का प्रभावी प्रयोग कर रही, बल्कि संगठन में भी इसका रचनात्मक उपयोग किया जा रहा है। इस प्रकार जो कुछ देशानुकूल है उसे युगानुकूल भी बनाया जा रहा है। तकनीक का प्रयोग कर भारतीय जनता पार्टी दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बनी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान में भारत विश्व में निवेश का सबसे अच्छा गंतव्य बन रहा है। चीन, अमेरिका ट्रेडवार के कारण कम्पनियां भारत आने की इच्छुक हैं। भारत इसका लाभ उठा रहा है। नेतृत्व की सतर्कता से यह सम्भव हो रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने भारत की हजारों वर्ष विरासत युग को दुनिया में स्थापित किया है। सम्पूर्ण विश्व में अब 21 जून, विश्व योग दिवस के रूप में मनाया जाता है। प्रधानमंत्री जी ने कुम्भ की परम्परा को भी वैश्विक मान्यता दिलायी है। उनके प्रयासों से कुम्भ को ‘विश्व की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर’ के रूप में मान्यता दी गयी है। प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा और मार्गदर्शन से प्रयागराज कुम्भ-2019 के आयोजन में सुरक्षा, सुव्यवस्था व स्वच्छता का मानक स्थापित किया गया। स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत 10 करोड़ शौचालय बनवाये गये। स्वच्छ भारत मिशन के माध्यम से नारी गरिमा को सम्मान देने के साथ ही, स्वस्थ भारत का मार्ग भी प्रशस्त हुआ है। स्वच्छ भारत मिशन के कारण उत्तर प्रदेश में इंसेफेलाइटिस से होने वाली मौतों ने 80 प्रतिशत से अधिक की कमी दर्जा की गयी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की यात्रा जनसंघ की स्थापना से शुरू होती है। आजादी के बाद के घटनाक्रम में तुष्टिकरण की राजनीति के प्रवेश पर भाजपा विचार परिवार ने अनुभव किया कि इस स्थिति में रहने पर देश पुनः विभाजन की कागार पर पहुंचेगा। इसलिए लोकतंत्र का संदेश जनता तक पहुंचाने के लिए एक राजनीतिक दल का गठन आवश्यक है, जो देश की आत्मा को समझे और सिद्धान्तों तथा मूल्यों के अनुरूप कार्य करते हुए देश को विकास की बुलन्दियों की ओर ले जाए। इस प्रकार जनसंघ का गठन हुआ। वर्ष 1976 में लोकतंत्र की रक्षा के लिए जनसंघ ने जनता पार्टी में विलय स्वीकार किया। जनता पार्टी के अपने आन्तरिक संघर्ष का न संभाल पाने के कारण वर्ष 1980 में भारतीय जनता पार्टी का गठन हुआ।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी तथा गृह मंत्री श्री अमित शाह जी, दोनों महापुरुषों का पदार्पण सामान्य कार्यकर्ता के रूप में हुआ। श्री नरेन्द्र मोदी जी लम्बे समय तक भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री, विभिन्न राज्यांे के प्रभारी, गुजरात राज्य के मुख्यमंत्री रहने के पश्चात देश के प्रधानमंत्री के रूप में सामने आये। वर्तमान में वे दुनिया के सबसे लोकप्रिय राजनेता हैं। इसी प्रकार श्री अमित शाह जी ने 13 वर्ष की उम्र में राजनैतिक जीवन की शुरुआत की। वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से होते हुए गुजरात राज्य में मंत्री, विभिन्न राज्यों के प्रभारी, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनें।
कार्यक्रम को पुस्तक ‘अमित शाह और भाजपा की यात्रा’ के लेखक द्वय डाॅ0 अनिर्बान गांगुली व श्री शिवानन्द द्विवेदी तथा समाचार पत्र दैनिक जागरण के राज्य सम्पादक श्री आशुतोष शुक्ल ने भी सम्बोधित किया। ज्ञातव्य है कि पुस्तक के अंग्रेजी संस्करण के लेखक डाॅ0 अनिर्बान गांगुली तथा हिन्दी संस्करण के लेखक श्री शिवानन्द द्विवेदी हैं। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्यमंत्री जी द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। पुस्तक के लेखकों ने मुख्यमंत्री जी को अपनी पुस्तकें भेंट की। मुख्यमंत्री जी ने लेखक द्वय को प्रयागराज कुम्भ-2019 की काॅफी टेबल बुक भेंट की।

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