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सरकार ने सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के सामरिक महत्‍व के विनिवेश को मंजूरी दी

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने वैकल्पिक तंत्र (एएम) को अधिकार प्रदान करते हुए, सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (सीईएल) में भारत सरकार की 100% इक्विटी शेयरधारिता की बिक्री के लिए मेसर्स नंदल फाइनेंस एंड लीजिंग प्राइवेट लिमिटेड की उच्चतम मूल्य बोली को मंजूरी दे दी है। इस तंत्र में केन्‍द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन जयराम गडकरी, केन्‍द्रीय वित्त और कॉर्पोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण; तथा  केन्‍द्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जितेंद्र सिंह शामिल थे। सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (सीईएल) – वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग (डीएसआईआर) के अंतर्गत एक सीपीएसई है। अधिकतम बोली 210,00,60000/- रुपये (दो सौ दस करोड़ साठ हजार रुपये मात्र) की है।

सीईएल के विनिवेश की प्रक्रिया 27.10.2016 में सीसीईए के ‘सैद्धांतिक’ मंजूरी के साथ शुरू हुई। पहले बारम्‍बार की जाने वाली प्रक्रिया में, सीईएल की सामरिक महत्‍व की बिक्री के लिए नियत प्रक्रिया का पालन किया गया था और अंतिम एसपीए, ‘प्रस्ताव के लिए अनुरोध’ दस्तावेज के साथ 02.05.2019 को योग्य संस्थागत खरीदारों (क्यूआईबी) के साथ साझा किया गया था, जिसमें 20.06.2019 तक वित्तीय बोली आमंत्रित की गई थी। हालांकि, कोई वित्तीय बोली प्राप्त नहीं हुई थी।

प्रारंभिक सूचना ज्ञापन (पीआईएम) और रुचि की अभिव्यक्तियों के लिए अनुरोध (ईओआई) जारी करने के साथ 3 फरवरी 2020 को प्रक्रिया को फिर से शुरू किया गया था। मौजूदा कोविड-19 स्थिति के कारण ईओआई जमा करने की अंतिम तिथि 15.7.2020 तक बढ़ा दी गई थी।

विस्तारित अंतिम तिथि (15.07.2020) तक तीन ईओआई प्राप्त हुए। सभी बोलीदाताओं को टीए द्वारा शॉर्टलिस्ट किया गया था। वैकल्पिक तंत्र (एएम) ने 7.1.2021 को संशोधित एसपीए और संशोधित आरएफपी को मंजूरी दी और दीपम को लेन-देन सलाहकार की आगे की कार्रवाई के लिए उसे संशोधित आरएफपी और संशोधित एसपीए जारी करने के लिए अधिकृत किया और यदि आवश्यक हो तो वह स्पष्टीकरण जारी करे। स्वीकृत आरएफपी और एसपीए को सुरक्षा मंजूरी प्राप्त करने के लिए प्रोफार्मा के साथ वित्तीय बोली लगाने के लिए लघु-सूचीबद्ध बोलीदाताओं को जारी करने के लिए लेनदेन सलाहकार (टीए) के साथ साझा किया गया था।

शॉर्टलिस्ट किए गए बोलीदाताओं को वर्चुअल डेटा रूम (वीडीआर) तक पहुंच प्रदान की गई, जिसके माध्यम से सीईएल ने योग्य बोलीदाताओं को व्यापक जानकारी प्रदान की, जिन्हें लेनदेन के एक हिस्से के रूप में पेश की जा रही संपत्ति और सुविधाओं का निरीक्षण करने के लिए भी पहुंच प्रदान की गई थी। बोलीदाताओं के प्रश्‍नों का बड़ी संख्या में उत्तर दिया गया। उचित परिश्रम प्रक्रिया के पूरा होने के बाद, टीए ने 17.2.2021 को शॉर्ट-लिस्टेड बोलीदाताओं को सुरक्षा मंजूरी प्रारूप के साथ अनुमोदित आरएफपी और एसपीए जारी किया, जिसमें जमा करने की अंतिम तिथि 10 मार्च 2021 थी। अंतिम एसपीए में विस्तृत शर्तें शामिल थीं। बोली जमा करने से पहले लेन-देन बंद करने के लिए पूर्व शर्तों को पूरा करने के लिए संबंधित जिम्मेदारियों से पहले सरकारी गारंटी जारी करने की सहमति व्यक्त की गई थी।

इसके बाद वित्तीय बोली जमा करने की अंतिम तिथि को कोविड-19 के कारण उत्पन्न व्यवधानों और बोलीदाताओं के अनुरोध पर 12 अक्टूबर 2021 तक बढ़ा दिया गया था। अंतिम तिथि तक, दो योग्य बोलीदाताओं से गैर-वित्तीय बोली दस्तावेजों और बोली सुरक्षा के साथ दो मुहरबंद बोलियां प्राप्त हुई थीं।

सीलबंद वित्तीय बोलियों की प्राप्ति के बाद और सामरिक महत्‍व के विनिवेश के लिए स्वीकृत प्रक्रिया के अनुरूप, स्थापित प्रक्रिया के साथ 194 करोड़ रुपये का ‘आरक्षित मूल्य’ लेनदेन सलाहकार (टीए) और परिसंपत्ति मूल्यांकनकर्ता (एवी) द्वारा मूल्यांकन के आधार पर संबंधित कार्यप्रणाली का उपयोग करके निर्धारित किया गया था। आरक्षित मूल्य के स्वतंत्र निर्धारण के बाद, पहले से प्राप्त मुहरबंद वित्तीय बोलियां बोलीदाताओं की उपस्थिति में खोली गईं, जो इस प्रकार थीं:

    1. मेसर्स नंदल फाइनेंस एंड लीजिंग प्राइवेट लिमिटेड 210,00,60,000/- की अधिकतम बोली के लिए (केवल दो सौ दस करोड़ साठ हजार रुपये)
    2. मेसर्स जेपीएम इंडस्ट्रीज लिमिटेड 190,00,00,000/- रुपये (केवल एक सौ नब्बे करोड़ रुपये) की बोली के लिए।

मेसर्स नंदल फाइनेंस एंड लीजिंग प्राइवेट लिमिटेड द्वारा प्रस्तुत दो मूल्य बोली में से अधिक को आरक्षित मूल्य से ऊपर पाया गया।

अंतर-मंत्रालयी समूह (आईएमजी), विनिवेश पर सचिवों के कोर समूह (सीडीजी) और सशक्त वैकल्पिक शीर्ष मंत्रिस्तरीय तंत्र (एएम) को शामिल कर विनिवेश की समूची प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से की गई, जिसमें बोलीकर्ताओं की गोपनीयता को उचित सम्‍मान दिया गया। लेन-देन सलाहकार, कानूनी सलाहकार, परिसंपत्ति मूल्यांकनकर्ताओं ने अपने-अपने क्षेत्रों में पेशेवरों के रूप में पूरी प्रक्रिया का समर्थन किया।

अगला कदम आशय पत्र (एलओआई) जारी करना होगा और फिर शेयर खरीद समझौते पर हस्ताक्षर करना होगा, जिसके बाद सफल बोलीदाता, कंपनी और सरकार को पूर्ववर्ती शर्तों को पूरा करना होगा। यह उम्मीद की जाती है कि लेनदेन चालू वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान पूरा हो जाएगा।

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