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पिता के ज़िंदगी पर बनाऊंगा मूवी, उनकी जर्नी बहुत शानदार रही: संजय दत्त

अपकमिंग मूवी प्रस्थानम का टाइटल ट्रैक लॉन्चिंगके लिए जयपुर आए संजय दत्त ने परिवार, पेरेंट्स व बॉलीवुड फ्रेंड्स पर बात की. उन्होंने कहा, ‘पिता के ज़िंदगी पर मूवी बनाने की लंबे समय से सोच रहा हूं, जिस पर कार्य प्रारम्भ करूंगा. उनकी जर्नी बहुत शानदार रही है, जिसे पर्दे पर लाना है.’

उन्होंने कहा, ‘मेरे माता-पिता मेरे भगवान हैं व उनसे ऊपर नहीं जाना चाहूंगा. वे एक्टरनहीं हैं, मेरे हीरो हैं. कितनी भी बड़ी व हिट मूवी बना लूं, लेकिन उनसे नीचे ही रहूंगा. बात की जाए मनीषा कोइराला व जैकी श्राॅफ की तो दोनों लीजेंड व फाइटर हैं. जैकी तो मेरा बीड़ू है.’ वह मान्यता दत्त, अली फजल, अमायरा दस्तूर व सत्यजीत दूबे के साथ शुक्रवार को शहर में थे.

मान्यता के साथ बहाना नहीं चलता
संजय से पूछा गयाकि कौन सा भूमिका फिट और कम्फर्ट रहता है, तो उनका बोलना था एक्शन में फिट रहते हैं. एक्शन करना ज्यादा कम्फर्ट होता है. एक्शन विद एंटरटेनमेंट कभी नहीं मर सकता है. उन्होंने बीवी मान्यता के साथ कार्य करने पर कहा, वे हार्ड वर्कर हैं. जब उनके साथ कार्य करना हो तो कोई बहाना नहीं चलता है. हालांकि, वह भीटाइम से समझौता नहीं करते. उनका टाइम फिक्स है, प्रातः काल 10-11 से शाम 6-7 बजे तक ही कार्य कर पाता हूं.

मनीषा फाइटर, पॉलिटिक्स का इरादा नहीं
अपने व मनीषा के अप्स एंड डाउंस पर कहा, मनीषा के साथ लंबे समय बाद कार्य करके मजा आया.हमने कई मूवी साथ की हैं. मनीषा एक रियल फाइटर हैं. वे आज भी बहुत खूबसूरत हैं. पॉलिटिक्स में कमबैक करने की खबरों को उन्होंने अफ़वाह बताया. कहा, राजनीति में जाने का कोई इरादा नहीं है.

कहानी सुनता हूं, अच्छी लगती हैं तो मन से करता हूं काम

संजय दत्त टीम के साथ जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स के बीच पहुंचे व अपनी मूवी के डायलॉग बोलकर स्टूडेंट्स को रोमांचित कर दिया. चांसलर संदीप बख्शी ने वेलकम किया व कैंपस की जानकारी दी. स्टूडेंट्स ने दत्त की हिट फिल्म की थीम पर मुन्नाभाई एमबीबीएस, खलनायक, पुलिसगिरी व वास्तव फिल्म के भूमिका को मंच पर बखूबी निभाया. संजय दत्त ने कहा, दर्शक फिल्म देखकर खुश हो, इससे खुशी मिलती है. उन्होंने खुद को सुपरस्टार या किसी नंबर पर नहीं मानते हुए कहा, ‘मैं संजय दत्त हूं’, कोई नंबर नहीं. ऐसी बातों पर विश्वास नहीं करता. सिर्फ एक्टर हूं. कहानी सुनता हूं, जो अच्छी लगती है, उसे मन से करता हूं.

हो गया हूं 60 वर्ष का बाबा
बाबा या संजू, कौनसा नाम पसंद है? पर कहा, बचपन में पिता के साथ सेट पर जाता था तो सब कहते थे बाबा आ गए. तभी से ये नाम पड़ गया व 60 वर्ष का होने पर भी लोग प्यार से बाबा ही बुलाते हैं.संजय के साथ आएअली फजलने कहा, फिर से गुड्डू भइया के रूप में दिखूंगा, लेकिन इस बार केरेक्टर कुछ अलग होगा. इसके लिए तैयारी चल रही है.सत्या ने कहा, संजू सर ने बोला थाकि एक्टिंग को एक्टिंग की तरह करना. ज्यादा घुसने की आवश्यकता नहीं है. अमायरा ने कहा, जब इतना बड़ा मौका मिलता है तो एक्स्पीरियंस खुद ही अच्छा हो जाता है.

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