उत्तर प्रदेश

वृद्धाश्रम में जिन वृद्धजनों को कोई शारीरिक बीमारी हो तो उन्हें तत्काल स्वास्थ्य लाभ दिलाया जाए: मंत्री रमापति शास्त्री

लखनऊ: प्रदेश के समाज कल्याण मंत्री श्री रमापति शास्त्री की अध्यक्षता में निदेशालय समाज कल्याण (कल्याण भवन) के सभागार में उ0प्र0 माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोशण तथा कल्याण नियमावली-2014 में निहित व्यवस्थानुसार विभाग द्वारा संचालित योजना ’’वृद्धाश्रम’’ की प्रदेश स्तरीय बैठक आयोजित की गयी।

बैठक में मंत्री श्री शास्त्री ने पी0पी0पी0 माडल के आधार पर स्वैच्छिक संगठनों के माध्यम से प्रदेश के समस्त जनपदों में संचालित वृद्धाश्रमों को शासन एवं निदेशालय द्वारा समय-समय पर जारी किये गये निर्देश, मार्गदर्शन एवं सुझावों के अनुसार संचालित किये जाने के कडे़ निर्देश दिये। उन्होंने इस बात पर विशेष बल दिया कि वृद्धाश्रम जैसी योजना का सफल संचालन हेतु यह अत्यन्त आवश्यक है कि आपके अन्दर सेवाभाव की भावना हो तथा इसी आधार पर बैठक में उपस्थित सभी स्वैच्छिक संस्थाओं के संस्थाध्यक्षों से सेवाभाव के प्रति समर्पित होकर इस पुनीत कार्य को करने को कहा। उन्होंने निर्देशित किया की वृद्धाश्रम में निवासरत वृद्धजनों को वृद्धावस्था पेंशन का लाभ दिलाया जाए।

श्री शास्त्री ने कहा कि जिन वृद्धजनांे को कोई शारीरिक बीमारी हो तो उन्हें तत्काल स्वास्थ्य लाभ दिलाया जाए। बदलते मौसम के अनुसार वृद्धजनों को रजाई, कम्बल, गद्दों के अतिरिक्त स्थानीय प्रशासन, नगर पालिका एवं स्वयं के स्तर से आलाव की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। उन्हें नित्य योगा कराया जाए एवं उनके मनोरंजन हेतु कैरम, लूडो, शतरंज आदि की सुविधायें उपलब्ध कराई जाए। उन्हें उनकी आवश्यकता के अनुसार अध्यात्मिक पुस्तिकें, मैगजीन एवं अन्य वस्तुयें जैसे-शाल, कपडे, घडी, चश्मा, छड़ी एवं दैनिक उपयोग की वस्तुयें उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने यह भी कहा कि आश्रम में समुचित साफ-सफाई तथा शुद्ध पेयजल की व्यवस्था अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराई जाए। इसमें किसी प्रकार की उदासीनता एवं शीथिलता बर्दाश्त नहीं की जायेगी।

इस अवसर पर राज्य मंत्री समाज कल्याण डाॅ0 जी0एस0 धर्मेश, विशेष सचिव समाज कल्याण श्री धीरज कुमार, निदेशक समाज कल्याण श्री बालकृष्ण त्रिपाठी, अपर निदेशक समाज कल्याण श्री रजनीश चन्द्रा, वित्त नियंत्रक समाज कल्याण, उप निदेशक समाज कल्याण श्री कृष्णा प्रसाद सहित अन्य विभागीय अधिकारी आदि उपस्थित थे।

Related Articles

Back to top button