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भारतीय फिल्मों के पास भारत की सॉफ्ट पावर को आगे बढ़ाने का एक अनूठा अवसर है: जी. किशन रेड्डी

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण, और युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री, श्री अनुराग सिंह ठाकुर तथा केंद्रीय पर्यटन, संस्कृति और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री, श्री जी. किशन रेड्डी ने आज केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री और केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल मुरुगन, केंद्रीय संसदीय कार्य और संस्कृति राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल तथा केंद्रीय विदेश और संस्कृति राज्य मंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी के साथ मिलकर ई-फोटो प्रदर्शनी “मेकिंग ऑफ द कॉन्स्टीट्यूशन” और वर्चुअल फिल्म पोस्टर प्रदर्शनी “चित्रांजलि@75” का उद्घाटन किया।

यह कार्यक्रम न्यू इंडिया की यात्रा को प्रदर्शित करने और स्वतंत्रता संग्राम के  गुमनाम नायकों सहित स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान का जश्न मनाने के उद्देश्य से आजादी का अमृत महोत्सव समारोह के तहत सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम मंत्रालय और साथ ही विभिन्न मीडिया इकाइयों द्वारा मनाए जा रहे ‘आइकॉनिक वीक’ के हिस्से के रूप में आयोजित किया गया।

श्री अनुराग ठाकुर ने कार्यक्रम में अपने संबोधन में कहा कि ई-फोटो प्रदर्शनी का उद्देश्य लोगों को संविधान निर्माण की प्रक्रिया के बारे में जानकारी देना है। यह प्रदर्शनी जनभागीदारी की दिशा में एक कदम है जो न केवल देश के युवाओं को संविधान के बारे में जानने के लिए प्रोत्साहित करेगी बल्कि उन्हें उनके अधिकारों के बारे में शिक्षित करेगी और साथ ही उन्हें राष्ट्र के प्रति उनके कर्तव्यों की भावना को लेकर जागरूक करेगी।

श्री ठाकुर ने घोषणा की कि सरकार भारत के संविधान के संस्थापक सिद्धांतों का प्रसार करने के प्रयासों में युवाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए बहुत जल्द ‘नो योर कॉन्स्टीट्यूशन’ (अपने संविधान को जानें) कार्यक्रम चलाएगी।

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, “हमने अपनी परिवर्तनकारी डिजिटल क्रांति को ध्यान में रखते हुए इस संकलन को डिजिटल प्रारूप में जारी किया है। ई-बुक हिंदी और अंग्रेजी के अलावा 11 भारतीय भाषाओं में जारी की जाएगी। यह अनूठा संग्रह हमारी आजादी की यात्रा के विभिन्न पड़ावों का जश्न मनाएगा।” इस वर्चुअल प्रदर्शनी में वीडियो और भाषणों का संग्रह है और साथ ही एक रोचक क्विज भी है जिसमें हिस्सा लेने पर ई-प्रमाणपत्र दिया जाएगा।

श्री ठाकुर ने वर्चुअल पोस्टर प्रदर्शनी को लेकर कहा, “चित्रांजलि@75 भारतीय सिनेमा के 75 साल का प्रतिनिधित्व करती है और मुझे यकीन है कि यह हमारे स्वतंत्रता सेनानियों, हमारे समाज सुधारकों और हमारे सैनिकों की वीरता की पवित्र यादें ताजा करेगी। हमने अपनी पोस्टर प्रदर्शनी में ऐसी 75 प्रसिद्ध फिल्मों को शामिल करने का प्रयास किया है। मंत्री ने कहा कि भविष्य में मंत्रालय न केवल पोस्टर बल्कि इन फिल्मों को भी देश की जनता तक पहुंचाने का प्रयास करेगा। उन्होंने कहा कि यह पोस्टर प्रदर्शनी स्वतंत्रता से पूर्व के दौर के साथ ही कई दशकों के भारतीय सिनेमा के सफर को समेटे हुए हैं। इस प्रदर्शनी में भारत के सभी कोनों से यादगार फिल्मों के पोस्टर शामिल हैं।

केंद्रीय मंत्री ने दर्शकों को बताया कि वर्चुअल फिल्म पोस्टर को डाउनलोड किया जा सकता है और सभी से इसे बड़े स्तर पर दूसरों के साथ साझा करने का अनुरोध किया जाता है।

श्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री आजादी का अमृत महोत्सव को युवाओं के नेतृत्व वाले आंदोलन के रूप में देख रहे हैं और फिल्म एक ऐसा शक्तिशाली माध्यम है जिसका युवाओं को शामिल करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। मंत्री ने दोहराया, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में सांस्कृतिक आदान प्रदान, योग, आयुर्वेद और भारतीय कला के माध्यम से भारत की सॉफ्ट पावर काफी बढ़ गई है। यह हमारी फिल्मों को हमारी सांस्कृतिक विरासत के अंग के रूप में देखने का अवसर है। मेरा विश्वास है कि भारतीय फिल्मों में भारत की सॉफ्ट पावर को आगे बढ़ाने की एक अनूठी क्षमता है।” केंद्रीय मंत्री ने कहा, इन कार्यक्रमों के माध्यम से प्रधानमंत्री युवाओं को 2047 में एक मजबूत, शक्तिशाली और आत्मविश्वास से भरे भारत की कल्पना करने के लिए प्रेरित करना चाहते हैं, जब हमारी आजादी के सौ साल पूरे होंगे।

संस्कृति मंत्री ने 23 अगस्त और 29 अगस्त के बीच आइकॉनिक वीक मनाने और संविधान के निर्माण की प्रक्रिया पर ई-फोटो प्रदर्शनी के आयोजन के नेतृत्व के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की सराहना की। श्री रेड्डी ने कहा कि चित्रांजलि @75 हमारे स्वाधीनता सेनानियों द्वारा किए गए बलिदानों को याद दिलाएगी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि फोटो और पोस्टर प्रदर्शनी देश के युवाओं को प्रेरित और सक्रिय करेगी।

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में सचिव श्री अपूर्व चंद्र ने कहा कि यह आयोजन हमारी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को देश के युवाओं तक ले जाने की दिशा में किया जाने वाला एक प्रयास है।

श्री ठाकुर के साथ श्री रेड्डी, डॉ. एल मुरुगन, श्री अर्जुन राम मेघवाल और श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने इस अवसर पर प्रदर्शनी में शामिल तस्वीरों के एक कोलाज का भी अनावरण किया।

(चित्रः कोलाज का अनावरण करते हुए)

(चित्रः  श्री जी. किशन रेड्डी कोलाज पर हस्ताक्षर करते हुए)

चित्रांजलि@75 के बारे में जानकारी:

यह वर्चुअल प्रदर्शनी दृश्य प्रलेखन का एक पैनोरमा है जो भारतीय सिनेमा द्वारा स्वतंत्रता सेनानियों और सैनिकों की बहादुरी एवं बलिदान के महिमामंडन को दिखाकर देश की यात्रा को पेश करती है। इनमें वे फिल्में शामिल हैं जिन्होंने समाज की भावनाओं को दिखाया और विभिन्न सुधारों का नेतृत्व किया, और साथ ही ऐसी फिल्में भी शामिल हैं जिन्होंने सशस्त्र बलों के नायकों को अमर कर दिया।

‘चित्रांजलि@ 75’, विभिन्न भाषा के सिनेमाघरों से 75 फिल्मों के पोस्टर और तस्वीरों के माध्यम से देशभक्ति के विभिन्न भावों को प्रस्तुत करती है। प्रदर्शनी को तीन खंडों में विभाजित किया गया है: ‘सामाजिक सुधार का सिनेमा’, ‘सिनेमा के लेंस के माध्यम से स्वतंत्रता संघर्ष’ और ‘बहादुर सैनिकों को सलामी।’

मूक फिल्म भक्त विदुर (1921) से शुरू होकर हाल ही में आयी स्वतंत्रता सेनानी उयालवाड़ा नरसिंह रेड्डी के जीवन से प्रेरित तेलुगु फिल्म ‘सई रा नरसिंह रेड्डी’ (2019) तक, इन 75 तस्वीरों में प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों की जीवनियों के साथ-साथ भारत के स्वतंत्रता संग्राम की भावना, सामाजिक बुराइयों पर विजय और हमारी सीमाओं की रक्षा करने वाले नायकों की वीरता को दर्शाने वाली विभिन्न भाषाओं की फिल्में शामिल हैं।

प्रदर्शनी को साझा करने और डाउनलोड करने के विकल्पों की सुविधाओं के साथ उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाया गया है।

प्रदर्शनी इस लिंक पर उपलब्ध है:  https://www.nfai.gov.in/virtual-poster-exhibition.php

मेकिंग ऑफ द कॉन्स्टीट्यूशन के बारे में जानकारी:

भारत की आजादी के 75 साल के अवसर पर ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के हिस्से के रूप में, सूचना और प्रसारण मंत्रालय स्वतंत्रता संग्राम के विभिन्न पहलुओं पर, पूरे एक वर्ष के लिए ई-बुक या ई-पुस्तकों की एक श्रृंखला शुरू कर रहा है। इस श्रृंखला में पहला ई-बुक ‘मेकिंग ऑफ द कॉन्स्टीट्यूशन ‘ है। इसके बाद देश का एकीकरण, स्वतंत्रता आंदोलन में महिलाएं, आदिवासी आंदोलन, क्रांतिकारी/गांधीवादी आंदोलन आदि विषयों पर ई-बुक जारी की जाएंगी।

लगभग 25 दुर्लभ तस्वीरों वाले ई-बुक ‘मेकिंग ऑफ द कॉन्स्टीट्यूशन’ में संविधान के निर्माण की प्रक्रिया को दर्शाया गया है। इसमें उन वीडियो और भाषणों के लिंक भी हैं जो आकाशवाणी के अभिलेखागार और फिल्म डिवीजन से लिए गए हैं।

ई-बुक में एक अतिरिक्त रोचक/आकर्षक क्विज भी है जिसमें पाठकों की रुचि बढ़ाने और नागरिकों की ‘जनभागीदारी’ सुनिश्चित करने के लिए 10 प्रश्नों का एक सेट शामिल है।

यह ई-बुक हिंदी और अंग्रेजी तथा 11 अन्य भाषाओं (उड़िया, गुजराती, मराठी, असमिया, तेलुगु, कन्नड़, तमिल, मलयालम, पंजाबी, बंगाली, उर्दू) में उपलब्ध होगा। क्षेत्रीय पत्र सूचना कार्यालय/क्षेत्रीय आउटरीच ब्यूरो स्थानीय विश्वविद्यालयों, कॉलेजों, स्कूलों को लिंक उपलब्ध कराएंगे और साथ ही अपने-अपने सोशल मीडिया मंचों पर उनका प्रचार करेंगे।

ई-बुक इस लिंक पर उपलब्ध है: https://constitution-of-india.in/

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