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यह समय लॉजिस्टिक लागत को 5 फीसदी कम करने का है: पीयूष गोयल

वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और वस्त्र मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज कहा कि विभिन्न राज्यों में लॉजिस्टिक्स ईज (सहजता) पर लीड्स रिपोर्ट 2021 के इनपुट अगले 5 वर्षों में लॉजिस्टिक्स लागत को 5 फीसदी तक कम करने का रास्ता दिखा सकते हैं।

उन्होंने आज नई दिल्ली में लीड्स रिपोर्ट जारी होने के बाद सभा को संबोधित किया।

श्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत 21वीं सदी के लिए जिस गति से आधुनिक बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है, वह पहले कभी नहीं देखी गई।

हाल ही में शुरू की गई प्रधानमंत्री गतिशक्ति मास्टर प्लान का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह देश में मल्टीमॉडल अवसंरचना की अगली पीढ़ी में आमूलचूल बदलाव लाएगी।

बुनियादी ढांचे पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के निरंतर ध्यान केंद्रित करने के लिए सराहना करते हुए, मंत्री ने कहा कि गुजरात में 13 वर्षों तक उनकी पहलों ने गुजरात को लीड्स रिपोर्ट में राज्यों की सूची में शीर्ष पर लगातार बने रहने की नींव रखी थी।

उन्होंने कहा कि राजमार्ग निर्माण की गति 2013-14 में 12 किलोमीटर प्रति दिन से तीन गुना बढ़कर 2020-21 में 37 किलोमीटर/दिन हो गई है। वहीं, रेलवे के पूंजीगत खर्च में चार गुना बढ़ोतरी होकर यह 2021 में 2.15 करोड़ रुपये हो गया। इससे पहले 2013-14 में यह 54,000 करोड़ रुपये था।

उन्होंने बताया कि 2014 से पहले के 5 वर्षों में केवल 60 पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा गया था। वहीं, पिछले 7 वर्षों में 1.5 लाख से अधिक ग्राम पंचायतें ऑप्टिकल फाइबर से जुड़ चुकी हैं।

श्री गोयल ने इस बात पर जोर दिया कि व्यवसायों के साथ-साथ नागरिकों के लिए सहजता और सशक्तिकरण लाने के लिए प्रभावशाली लॉजिस्टिक्स महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि महामारी की दूसरी लहर के दौरान पूरे देश में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन सहित अन्य आवश्यक चीजों की आपूर्ति करके कोविड-19 के खिलाफ हमारी लड़ाई में लॉजिस्टिक्स ने बहुत योगदान दिया है।

यह देखते हुए कि लॉजिस्टिक्स कई दृष्टिकोणों- विश्व के लिए मेक इन इंडिया से लेकर आखिरी स्थान पर वितरण तक के लिए एक प्रवर्तक है, मंत्री ने कहा कि महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए हमें चलने की नहीं बल्कि भूमि, हवा और जल के एक्सप्रेस-वे की जरूरत है।

उन्होंने बुनियादी ढांचा, गुणवत्तापूर्ण सेवाएं और सहायक विनियामक ढांचे को लचीली लॉजिस्टिक्स के तीन स्तंभ बताए। उन्होंने आगे कहा कि प्रतिस्पर्धी और सहकारी संघवाद के साथ, लीड्स एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धी भावना लाकर उत्कृष्टता के लिए एक वातावरण बना रहा है, जहां सभी को सुधार करने के लिए आश्वस्त किया जाता है।

उन्होंने कहा, “एक राज्य में केवल पूर्ण सुधार की जगह सभी राज्यों में लॉजिस्टिक में सुधार, पूरे लॉजिस्टिक्स इकोसिस्टम को मजबूत करने वाला एक कारक होगा।”

उन्होंने लीड्स रिपोर्ट में शीर्ष 3 स्थान प्राप्त करने के लिए गुजरात, हरियाणा और पंजाब की सराहना की।

उन्होंने लीड्स 2019 की सिफारिशों पर गुजरात सरकार की कार्रवाइयों की सराहना की। इनमें सड़कों का चौड़ीकरण, लाइसेंस नवीनीकरण में फेसलेस सेवाओं का कार्यान्वयन और वेयरहाउसिंग का विस्तार आदि शामिल हैं।

उन्होंने 2019 के बाद से 7 स्थानों की छलांग लगाने के लिए उत्तर प्रदेश को बधाई दी। राज्य की यह छलांग सभी राज्यों में सबसे अधिक है, जो लॉजिस्टिक्स में नीतिगत पहलों और बुनियादी ढांचे पर अधिक खर्च से प्रेरित है।

श्री गोयल ने कहा कि 2018 में शुरुआत के बाद से हर साल लीड्स रिपोर्ट ने राज्य/केंद्रशासित प्रदेशों के स्तर पर लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन पर गहन अंतर्दृष्टि प्रदान करने के लिए एक प्रगतिशील पद्धति का अनुपालन किया है। उन्होंने आगे कहा, “लीड्स 2021 राज्य के घरेलू और एक्जिम (आयात-निर्यात) लॉजिस्टिक्स इकोसिस्टम के विश्लेषण में दो कदम आगे बढ़ गया है।”

मंत्री ने कहा कि भारत के लॉजिस्टिक्स इकोसिस्टम को बेहतर बनाने में राज्यों की जरूरी भूमिका है। उन्होंने राज्यों को कई सुझाव भी दिए। इनमें राज्य लॉजिस्टिक्स नीति और लॉजिस्टिक्स मास्टर प्लान तैयार करना, लॉजिस्टिक्स शिकायत निवारण तंत्र की स्थापना के लिए सिंगल-विंडो क्लीयरेंस प्रणाली का उपयोग करना और राज्य कुशलता अवसंरचना के जरिए लॉजिस्टिक्स में कुशलता को सक्षम बनाना शामिल है।

उनका आगे मानना था कि लीड्स रिपोर्ट मजबूती व अवसरों की पहचान करने और राज्यों के लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन में सुधार करने के लिए एक सुविधाजनक और व्यावहारिक मार्गदर्शिका होगी।

यह रिपोर्ट राज्यों को उनके लॉजिस्टिक्स इकोसिस्टम के आधार पर उनका स्थान तय करती है, हितधारकों के सामने आने वाली प्रमुख लॉजिस्टिक्स संबंधी चुनौतियों को रेखांकित करती है और इसमें विचारपूर्ण सिफारिशें शामिल हैं।

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को उनके लॉजिस्टिक इकोसिस्टम की दक्षता पर रैंकिंग करने के मुख्य उद्देश्य के साथ 2018 में “विभिन्न राज्यों में लॉजिस्टक्स सहजता (लीड्स)” अध्ययन शुरू किया था।

इस रिपोर्ट का पहला संस्करण यानी लीड्स 2018 निर्यात-आयात व्यापार पर केंद्रित था और इसमें प्रत्येक राज्य व केंद्रशासित प्रदेश में लॉजिस्टिक्स इकोसिस्टम की दक्षता का आकलन किया गया था।

इस अध्ययन का दूसरा संस्करण यानी लीड्स 2019 में अंतरराष्ट्रीय और घरेलू व्यापार, दोनों को कवर किया गया।

वहीं, लीड्स 2021 का अभ्यास राज्य के घरेलू व आयात-निर्यात लॉजिस्टिक्स इकोसिस्टम के विश्लेषण में एक कदम आगे बढ़ गया है। विशेष रूप से, समग्र मूल्यांकन ढांचे में दो सुधार किए गए हैं। सबसे पहले, सूचकांक निर्माण के लिए धारणा-आधारित संकेतकों के साथ-साथ वस्तुनिष्ठ मापदंडों का उपयोग किया गया है।

लीड्स 2021 सूचकांक में वस्तुनिष्ठ मापदंडों को राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में किए गए एक वस्तुनिष्ठ सर्वेक्षण के जरिए और राज्य/केंद्रशासित प्रदेशों के स्तर पर लॉजिस्टिक्स पर द्वितीयक (सेकेंडरी) डेटासेट को शामिल करके प्रस्तुत किया गया है। वहीं, दूसरे सुधार के तहत समग्र ढांचे में बदलाव को देखते हुए अधिक ठोस परिणाम प्राप्त करने के लिए सूचकांक बनाने में सांख्यिकीय पद्धति को अपडेट किया गया है।

वैकल्पिक रूप से, एक समग्र सूचकांक आधार, जिस पर राज्यों के स्थान तय किए गए हैं, तैयार करने के लिए कुल 21 धारणा और वस्तुनिष्ठ चरों का सांख्यिकीय विश्लेषण किया गया है।

धारणागत सर्वेक्षण चार अलग-अलग वर्गों के लॉजिस्टिक्स हितधारकों जैसे, व्यापारी/वाहकों, परिवहन सेवा प्रदाता, टर्मिनल परिचालक और लॉजिस्टिक्स सेवा प्रदाताओं के बीच किया गया है।

विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा अपने-अपने राज्यों में लॉजिस्टिक्स वातावरण में सुधार की दिशा में की गई पहलों को समझने के लिए राज्यों के वस्तुनिष्ठ सर्वेक्षण में नीति, संस्थागत ढांचा, मौजूदा प्रवर्तन तंत्र, भंडारगृह के लिए मंजूरी व प्रक्रियाएं, स्मार्ट प्रवर्तन, सिटी लॉजिस्टिक्स और वाहनचालकों के सशक्तिकरण आदि से संबंधित क्षेत्रों के बारे में द्विआधारी (बाइनरी) प्रतिक्रियाएं प्राप्त की गई हैं।

सेकेंडरी डेटासेट को केंद्र सरकार के मंत्रालयों, विभाग और संबद्ध एजेंसियों की सहायता से संकलित किया गया।

लीड्स सर्वेक्षण-2021 को मई से अगस्त, 2021 की अवधि में एक चुनौतीपूर्ण समय में पूरा किया गया। इस अवधि में कोविड संकट से कई मोर्चों पर लड़ा जा रहा था।

इस पूरे अभ्यास में पूरे देश के 1,405 उत्तरदाताओं से कुल 3,771 प्रतिक्रियाएं मिलीं हैं। रिपोर्ट में प्रतिनिधित्व देने के उद्देश्य से राज्यों को तीन अलग-अलग वर्गों में बांटा गया। इनमें ‘उत्तर पूर्वी राज्य व हिमालयी केंद्रशासित प्रदेश’ और ‘अन्य केंद्रशासित प्रदेश’ समूह शामिल हैं।

लीड्स- 2021 सूचकांक में गुजरात, हरियाणा और पंजाब क्रमश: शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्यों के रूप में सामने आए हैं।

सक्रिय नीतियों, अच्छी तरह से विकसित बुनियादी ढांचे और एक उत्तरदायी सरकार द्वारा संचालित सेवाओं ने गुजरात को सूचकांक में अपना स्थान बनाए रखने में सहायता की है। इसमें हरियाणा ने दूसरा स्थान हासिल किया है, उसके बाद पंजाब तीसरे पायदान पर है।

उत्तर पूर्वी राज्यों व हिमालयी क्षेत्र में जम्मू और कश्मीर शीर्ष स्थान पर है, उसके बाद सिक्किम और मेघालय हैं। वहीं, अन्य केंद्रशासित प्रदेशों में दिल्ली शीर्ष स्थान पर है। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और झारखंड ने लीड्स- 2019 रैंकिंग की तुलना में अपने स्थान में उल्लेखनीय सुधार किया है और ये शीर्ष सुधारकर्ता के रूप में सामने आए हैं।

इस रिपोर्ट में लीड्स के तहत राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रदर्शन का विस्तृत विश्लेषण देने वाले विशिष्ट भाग शामिल हैं। इनमें हितधारकों के सामने आने वाले मुद्दों और चुनौतियों के साथ-साथ इनके समाधान के सुझाव भी शामिल हैं।

वहीं, राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को रिपोर्ट के निष्कर्षों की जांच व मूल्यांकन करने और लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन में सुधार के लिए एक उपयुक्त रणनीति और प्राथमिकता वाली कार्य योजना तैयार करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।

लीड्स निरंतर किया जाने वाला एक अभ्यास है। वहीं, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में सहभागिता के तौर पर आवश्यक सुधार लाने के लिए शुरू करने, बनाने और सभी हितधारकों को जोड़ने में एक महत्वपूर्ण भूमिका प्रदान करने को लेकर उत्साहित है।

सही दिशा में किए गए प्रयासों के साथ यह उम्मीद है कि अगले पांच वर्षों में लॉजिस्टिक्स लागत में 5 फीसदी की कमी आएगी। यह इस बात को सुनिश्चित करेगा कि लॉजिस्टिक्स क्षेत्र विकास के इंजन के रूप में काम करे और भारत को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए एक प्रमुख कारक की भूमिका निभाए।

वाणिज्य विभाग लीड्स के जरिए सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के साथ समग्र लॉजिस्टिक्स इकोसिस्टम में सुधार को समर्थन, सुविधा और बढ़ावा देने के लिए लगातार कार्यरत रहेगा। इस तरह के समन्वित सोच के जरिए लॉजिस्टिक्स लागत में कमी आएगी, जिससे यह प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के लिए महत्वपूर्ण प्रेरक के रूप में काम करेगी।

अधिक जानकारी के लिए कृपया वेबलिंक- https://commerce.gov.in/whats-new/ देखें

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