उत्तर प्रदेश

विधि विज्ञान प्रयोगशाला, लखनऊ में उच्चीकृत नवीन कम्प्यूटर फोरेंसिक इकाई का शुभारम्भ करते हुए: पुलिस महानिदेशक

लखनऊ: समाज में घटित हो रहे आधुनिक अपराधों जैसे-डिजिटल फ्राड, साइबर स्टाकिंग, चाइल्ड पोर्नोंग्राफी (पाक्सो), हत्या व बलात्कार इत्यादि पर प्रभावी नियंत्रण व विवेचना हेतु उत्तर प्रदेश पुलिस ने अपनी तकनीकी शाखा को सुदृढ़ करने की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाते हुए विधि विज्ञान प्रयोगशाला, उ0प्र0, लखनऊ में उच्चीकृत नवीन कम्प्यूटर फोरेंसिक इकाई का शुभारम्भ आज दिनांक 09-03-2019 को पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 श्री ओ0पी0 सिंह द्वारा किया गया।
विधि विज्ञान प्रयोगशाला के आधुनिकीकरण योजना 2018-19 के अन्तर्गत एडवांस्ड कम्प्यूटर फोरेंसिक अनुभाग को आधुनिक टूल्स से सुसज्जित कर उच्चीकृत किया गया है जिसमें आधुनिक इलैक्ट्राॅनिक डिवाइसेस के अन्तर्गत डिस्क फोरेंसिक, इमेज फोरेंसिक तथा सोशल मीडिया फोरेंसिक से सम्बन्धित परीक्षण किया जायेगा।
मोबाइल फोरेंसिक के अन्तर्गत, सैलेब्राइट, मोबाइल चैक सूट आदि उपकरणों/साफ्टवेयर से मोबाइल से डाटा एक्सपोर्ट/रिकवर करने के किये जाने के साथ ही लाॅक किये गये मोबाइल व हाइड किये गये डाटा की भी जाॅच हो सकेगी। सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से अतिसंवेदनशील प्रकरणों में आतंकवादियों से सम्बन्धित पाये गये मोबाइल से डिलीटेड वाॅइस मैसेज, फोटोग्राफ्टस, वीडियो, काॅल रिकार्ड्स आदि को रिकवर किया जायेगा।
सोशल मीडिया फोरेंसिक के अन्तर्गत व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर आदि से सम्बन्धित डाटा की रिकवरी उपलब्ध कराये गये मैग्नेट फोरेंसिक टूल/ साॅफ्टवेयर से की जायेगी जो कि अपराध अन्वेषण के दृष्टिकोण से अतिमहत्वपूर्ण होगी।
इमेज फोरेंसिक के अन्तर्गत, एम्पैड फाइव तथा एम्पैड आॅथेन्टीकेट जैसे साफ्टवेयर का उपयोग कर सीसीटीवी कैमरों से सम्बन्धित फुटेज आदि से प्राप्त महत्वपूर्ण साक्ष्य जिसमें न्यायिक दृष्टिकोण से डीवीआर आदि से रिकवर्ड डाटा को फोरेंसिकली प्रमाणित किया जाना वांछित होता है, के डाटा को न केवल रिकवर किया जा सकेगा, अपितु इनमें रिकाई की गई जानकारी की सत्यता की पुष्टि भी की जा सकेगी।
डिस्क फोरेंसिक के अन्तर्गत, एफ0टी0के0 इमेजर व एफटी0के0 एनालाइजर, राइट ब्लाकर, इनकेस आदि साफ्टवेयर/टूल्स का उपयोग कर विवादित हार्डडिस्क में उपलब्ध वांछित डिजिटल डाटा से सम्बन्धित जानकारी तक पहंुचा जा सकेगा तथा इनमें निहित संरक्षित डाटा को रीडेबल भी बनाया जा सकेगा। इनके उपयोग कर लैपटाॅप/सीपीयू से सम्बन्धित डाटा को रिकवर करने में मदद मिलेगी। साथ ही डिलीटिड डाटा की भी वांछित सूचना जैसे किसी विशेष फाइल/एप की उपस्थिति के संबंध में परीक्षण किया जा सकेगा।
विधि विज्ञान प्रयोगशाला, लखनऊ में देश की महत्वपूर्ण जाॅच एजेंसियों यथा- एन0आई0ए0, सी0बी0आई0, ए0टी0एस0, एस0टी0एफ0 आदि के माध्यम से भी केस प्राप्त होते हैं। समयबद्धता तथा गुणवत्ता परीक्षण कार्यों की पहचान बने इसके लिये विधि विज्ञान प्रयोगशाला, आगरा तथा मुरादाबाद में भी कम्प्यूटर फोरेंसिक अनुभागों की स्थापना की गई है। अगले माह में विधि विज्ञान प्रयोगशाला, वाराणसी एवं गाजियाबाद में भी कम्प्यूटर फोरेंसिक की सुविधा उपलब्ध हो जायेगी।
विधि विज्ञान प्रयोगशाला, लखनऊ में पूर्व स्थापित कम्प्यूटर फोरेंसिक अनुभाग में उपलब्ध संसाधनों द्वारा अपराध अन्वेषण में निम्न महत्वपूर्ण योगदान दिये गये हैंः-

  • पेट्रोल पम्पों में हो रही घटतौली की शिकायतों के अन्तर्गत उ0प्र0 शासन द्वारा कृत कार्यवाही में बड़ी संख्या में पेट्रोल पम्पों पर छापेमारी कर डिस्पेंसिंग यूनिट्स में लगने वाले पल्सर कार्ड की जाॅच की गई जिसमें घटतौली कारित करने हेतु प्रयुक्त रिमोट से संचालित अतिरिक्त इलैक्ट्रानिक डिवाइस के लगे होने की पुष्टि की गई।
  • वर्ष 2018 में उ0प्र0 अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, लखनऊ में शासन द्वारा कथित घोटालों से सम्बन्धित जाॅच की प्रक्रिया के अन्तर्गत सील की गई हार्डडिस्क की क्लोन बनाकर आयोग के कम्प्यूटर्स को कार्यशील अवस्था में स्थापित कर आयोग का कार्य सुचारू रूप से करने में योगदान दिया गया।
  • नोएडा स्थित एबलेज नामक आई0टी0 कम्पनी द्वारा आॅनलाइन सोशल मीडिया पोंजी स्कीम के माध्यम से रू0 3700 करोड़ के घोटाले से सम्बन्धित कम्पनी के सर्वर, 103 सीपीयू, लैपटाप तथा मोबाइल परीक्षण हेतु भेजे गये जिसमें सोशल ट्रेड नामक वेबसाइट के माध्यम से किये जा रहे पैसों के लेनदेन सम्बन्धी धोखाधड़ी का खुलासा करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया गया।

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