देश-विदेश

बड़े पैमाने पर उत्‍पादन के लिए आवश्‍यक हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर डिजाइन पूरे देश के विनिर्माताओं को नि:शुल्‍क उपलब्‍ध कराये जाएंगे

नई दिल्ली: सीएसआईआर की अनुषंगी प्रयोगशाला, सीएसआईआर-एनसीएल पुणे पिछले एक दशक से अपने वेंचर सेंटर के माध्‍यम से नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने में अग्रणी रहा है। यहां के नए नवाचार कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में मददगार साबित हुए हैं। हाल के दो नवाचार निम्‍न हैं जो कोरोना प्रकोप को कम करने में मदद कर सकते हैं:

1) डिजिटल आईआर थर्मामीटर :: सीएसआईआर-एनसीएल के वेंचर सेंटर के इनक्‍यूबेटर बीएमईके  ने हाथ से उपयोग किए जाने लायक एक डिजिटल आईआर थर्मामीटर विकसित किया है जो कोरोना वायरस के प्रकोप को कम करने के लिए एक महत्‍वपूर्ण घटक है। श्री प्रतीक कुलकर्णी बीएईके के प्रमुख हैं। इस थर्मामीटर के लिए मोबाइल फोन या पावर बैंक को ऊर्जा के स्‍त्रोत के रूप में उपयोग किया जा सकता है। आईआर थर्मामीटर का डिजाइन ओपन सोर्स के रूप में उपलब्‍ध है। बड़े पैमाने पर उपकरण के निर्माण के लिए आवश्‍यक हार्डवेयर और सॉफ्वेयर डिजाइन पूरे भारत के विनिर्माताओं के लिए नि:शुल्‍क उपलब्‍ध हैं। यह बड़ी संख्‍या में विनिर्माताओं को सक्षम बनाने का एक प्रयास है जिसकी मदद से वे थर्मामीटर का उत्‍पादन करके स्‍थानीय मांग को पूरा कर सकते हैं। बीईएल (भारत इलेक्‍ट्रोनिक्‍स लिमिटेड, पुणे) के साथ साझेदारी करके इसके पैमाने को बढ़ाया गया है। टीयूवी रीनलैंड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, बेंगलुरू में पायलट वितरण और जांच के लिए 100 प्रोटोटाइप इकाइयों का निर्माण किया जाएगा।

2) दूसरा नवाचार ऑक्‍सीजन संवर्धन इकाई है (ओईयू) : कोविड-19 मरीजों को ऑक्‍सीजन की जरूरत पड़ती है क्‍योंकि उनके फेफड़ों में संक्रमण होता है। ऑक्‍सीजन संवर्धन इकाई (ओईयू) परिवेश के वायु में ऑक्‍सीजन की मात्रा को 21-22 प्रतिशत से बढ़ाकर 38-40 प्रतिशत कर देती है। इसे सीएसआईआर-एनसीएल और जेनरिच मेम्‍बरेन ने विकसित किया है। जेनरिच मेम्‍बरेन एक स्‍टार्टअप नवाचार उद्यम है जिसकी स्‍थापना डॉ.उल्‍हास खरूल ने की है। डॉ उल्‍हास खरूल एनसीएल के पॉलीमर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख हैं। ओईयू एक खोखला व बारीक मेम्‍बरेनों का बंडल है जो परिवेश के वायु को पृथक और फिल्‍टर करता है जिससे घरों एवं अस्‍पतालों में परिवेश के ऑक्‍सीजन की मात्रा में वृद्धि होती है। पुणे में प्रोटोटाइप इकाइयां तैयार है जिन्‍हें जांच और सत्‍यापन के लिए रीनलैंड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, बेंगलुरू भेजा जाएगा। एनसीएल-बीईएल पुणे में लगभग 10 मशीनें तैयार की जाएंगी और परीक्षण के बाद उत्‍पादन को बढ़ाया जाएगा।

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पुणे के पुलिस उप-आयुक्‍त को 5 इंफ्रारेड गैर-संपर्क थर्मामीटर सौंपे गए।

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पुणे के निकट चिकित्‍सा केन्‍द्र में प्रोटोटाइप परीक्षण के दौरान जेनरिच – एनसीएल ऑक्‍सीजन  संवर्धन इकाई को एक मरीज के श्‍वसन-मास्‍क से जोड़ा गया।

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