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राजनाथ सिंह ने कहा कि धारा 370 को निष्प्रभावी करना एवं जम्मूकश्मीर और लद्दाख केंद्रशासित प्रदेशों का निर्माण 70 साल के भेदभाव को समाप्त किया है

नई दिल्ली: रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि पिछले कुछ दिनों में अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी करने और जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख को दो केंद्र शासित प्रदेशों में तब्दील करने के सरकार के फैसले से पिछले 70 वर्षों से लोगों द्वारा सामना किए रहे भेदभाव का अंत हो गया है। श्री राजनाथ सिंह ने आज नई दिल्ली में इंस्टीट्यूट ऑफ डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस (आईडीएसए) की वार्षिक आम सभा की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान इस मुद्दे का स्थायी समाधान निकालने की आरंभिक तैयारी की गई। इस फैसले के कुछ प्रभाव होंगे।उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश खुश नहीं है और वह शांति को भंग करने का प्रयास करेगा। हमारी सेना ने सुरक्षा चुनौती को स्वीकार कर लिया है और यह किसी भी खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

श्री राजनाथ सिंह ने आईडीएसए से सावधानीपूर्वक, सार्थक और पांच आयामी विश्लेषण करने का आग्रह किया, क्योंकि भूमि, वायु और समुद्र से पारंपरिक खतरों के अलावा साइबर और अंतरिक्ष क्षेत्र में नए खतरे सामने आए हैं। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि आईडीएसए रक्षा सौदे के आयात की प्रक्रियाओं का अध्ययन और शीघ्रता से कर सकता है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार ने पड़ोसी पहले की नीति अपनाई जो हमारे पड़ोसी देशों के साथ भारत की साझी जमीन के साथ-साथ समुद्री सीमा का प्रतिपादन करती है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की दूसरी अवधि में मालदीव की पहलीयात्रा और रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह की मोजांबिक यात्रा के दौरान इसका विशेष प्रभाव पड़ा।

इससे पहले, आईडीएसए की कार्यकारी परिषद् ने श्री राजनाथ सिंह को सर्वसम्मति से आईडीएसए का अध्यक्ष बनाया। आईडीएसए के महानिदेशक श्री सुजान आर. चिनॉय ने रक्षा मंत्री का स्वागत किया और उन्हें आईडीएसए की भूमिका और कार्यों के बारे में जानकारी दी। श्री राजनाथ सिंह ने आईडीएसए के सदस्यों और विद्वानों की मौजूदगी में आईडीएसए की परिसर में एक पौधा लगाया।

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