उत्तर प्रदेश

प्रदेश में हर खेत को पानी का संकल्प: डा0 महेन्द्र सिंह

लखनऊ: महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर उ0प्र0 विधान सभा के 48 घण्टे विशेष सत्र में वृहस्पतिवार को प्रदेश के विकास पर मंथन किये जाने के दौरान जल शक्ति मंत्री डा0 महेन्द्र सिंह ने महात्मा गांधी के व्यक्तित्व से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर बारीकी से प्रकाश डालते हुए कहा कि उनका दर्शन और चिन्तन एक अमर संदेश है, जो मानव जीवन को गरिमामय बनाने के लिए प्रेरणा देता है। सूबे की सरकार उनके दर्शन से प्रेरणा लेकर गरीबों के लिए योजनाएं संचालित कर रही है।

विधान सभा में अपने विचार रखते हुए डा0 महेन्द्र सिंह ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द के बाद महात्मा गांधी जी के दर्शन को पूरे विश्व में समझा गया और वह पूरी दुनिया के लिए एक अध्यात्मिक मार्गदर्शक बन गये। उनका दर्शन- सत्य, अहिंसा, स्वावलम्बन, स्वराज्य से प्रेरणा लेकर विश्व में परिवर्तन देखा गया। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा सत्त विकास के लक्ष्य के लिए चुने गये विषयों में उ0प्र0 सरकार द्वारा संचालित सभी योजनाओं में महात्मा गांधी जी के दर्शन की झलक मिलती है।

डा0 महेन्द्र सिंह ने कहा कि उ0प्र0 सरकार महात्मा गांधी के दर्शन से प्रेरणा लेकर विकास एवं सुसाशन के 30 माह पूरे किये हैं और समाज के अन्तिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को केन्द्र में रखकर विकास की विभिन्न योजनाएं तैयार की है और उसको पूरी ईमानदारी से धरातल पर उतारा है। उन्होंने कहा कि आम आदमी के जीवन में बदलाव आया है और अब वह बेहतर भविष्य के सपने देखने लगा है।

जलशक्ति मंत्री ने कहा कि तेजी से गिरते भूजल स्तर को बचाने और जल संचयन के लिए प्रधानमंत्री मोदी जी ने केन्द्र में एक नये जलशक्ति मंत्रालय का गठन किया और जल जीवन मिशन की शुरूआत करते हुए विभिन्न योजनाओं के लिए 3.50 लाख करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। इसी तर्ज पर मुख्यमंत्री श्री योगी ने उ0प्र0 में जलशक्ति विभाग का गठन करके गहराते जल संकट को दूर करने तथा सिंचाई के लिए भरपूर पानी की व्यवस्था का संकल्प लिया है।

डा0 महेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रदेश के हर शैक्षणिक संस्थान, जो वाटर रिचार्ज के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित नहीं करेंगे उनको मान्यता नहीं मिलेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार गांधी जी के दर्शन से प्रेरणा लेकर जल संरक्षण तथा वर्षा जल संचयन के लिए योजनाएं तैयार की है और उसे प्राथमिकता के आधार पर लागू किया जा रहा है।

हर खेत तक पानी पहुंचाने के संकल्प को दोहराते हुए जलशक्ति मंत्री ने कहा कि आखिरी किसान के आखिरी खेत तक पानी पहुंचाकर कृषि उत्पादन बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उ0प्र0 सरकार द्वारा जलशक्ति विभाग के अधीन सिंचाई की विभिन्न परियोजनाओं को तेजी से लागू कर सिंचन सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है।

जलशक्ति मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि सरयू नहर परियोजना, जो इस वर्ष पूरी हो जायेगी उससे 10.96 लाख हे0 सिंचाई सुविधा, मध्यगंगा स्टेज-2 परियोजना से 41 लाख हे0 सिंचन क्षमता सृजित की जा चुकी है। इसके अलावा अर्जुन सहायक नहर परियोजना से भी 222 लाख हे0 सिंचन क्षमता की वृद्धि की जा चुकी है।

उन्होंने कहा कि भौरट बांध परियोजना के तहत रबी में 9000 हे0 तथा खरीफ में 7000 हे0 सिंचाई सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी। इसी प्रकार भावनी बांध परियोजना से 3900 हे0 की सिंचाई किया जाना प्रस्तावित है। इसके अलावा बबीना नहर परियोजना, कचनौदा बांध परियोजना, उमरहट नहर बांध परियोजना तथा बुन्देलखण्ड क्षेत्र की 07 परियोजनाएं पूरी की जा चुकी हैं और इससे 37919 हे0 सिंचन क्षमता में बढ़ोत्तरी हुई है।

उन्होंने कहा कि पानी के लिए बुन्देलखण्ड के लिए 900 करोड़ तथा मिर्जापुर एवं विंध्य क्षेत्र के लिए 6000 करोड़ रुपये की योजनाएं बनायी गयी हैं इससे इस क्षेत्र में सिंचन क्षमता में बढ़ोत्तरी होगी। उन्होंने इस मौके पर नलकूप, लघु सिंचाई, परती भूमि विकास तथा भू-गर्भ जल आदि की विभिन्न विकास परियोजनाओं की चर्चा की।

इस अवसर पर अधिकारी दीर्घा में सिंचाई विभाग के प्रमुख सचिव एवं जलसंसाधन श्री टी0 वेंकटेश, सिंचाई विभाग के प्रमुख अभियन्ता/विभागाध्यक्ष श्री ए0के0 श्रीवास्तव, प्रमुख अभियन्ता परियोजना श्री वी0के0 निरंजन, भू-गर्भ जल निदेशक श्री वी0के0 उपाध्याय तथा लघु सिंचाई विभाग के मुख्य अभियन्ता श्री राजीव जैन मौजूद थे।

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