देश-विदेश

आरपीएफ ने “वर्दी में महिलाएं – बदलाव की वाहक” पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया

सभी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) में सबसे अधिक 9 प्रतिशत महिला कर्मियों के साथ रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) अपनी इस स्थिति का लाभ उठाते हुए अपनी सेवा वितरण व्यवस्था को बढ़ाने और दुनिया के सबसे बड़े में से एक रेल नेटवर्क- भारतीय रेलवे को अधिक मजबूत सुरक्षा उपकरण प्रदान करने के लिए तैयार है।

आरपीएफ ने आज अपने मुख्यालय में “वर्दी में महिलाएं – बदलाव की वाहक” विषय पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया। इस सम्मेलन ने अपने महिला कार्मिकों से संबंधित मुद्दों पर विचार-मंथन करने के लिए एक मंच प्रदान किया, जिसमें पेशेवर समावेशन और वृद्धि, प्रशासनिक और परिचालन समीक्षा, प्रशिक्षण और तकनीकी उन्नयन, कल्याण और आने वाले वर्षों और दशकों में आगामी चुनौतियों का सामना करने के लिए बल को तैयार करना जैसे मुद्दे पर चर्चा हुई।

प्रस्तुति की एक श्रृंखला के माध्यम से आरपीएफ महिला कर्मियों ने सिपाहियों से लेकर राजपत्रित अधिकारियों तक, मौजूदा मुद्दों, परिचालन बाधाओं, पारंपरिक पुरुष मानसिकता, प्रदर्शन के लिए परितंत्र को सक्षम करने, शिकायतों, लिंग तटस्थता के रूप में प्रौद्योगिकी के उपयोग, महिला बल कर्मियों को बदलाव की वाहकों के रूप आदि में प्रस्तुत किया। राष्ट्रव्यापी रेल नेटवर्क पर जीवन और संपत्ति की सुरक्षा के व्यापक हित में सांकेतिक समाधानों के साथ मुद्दों की एक विस्तृत श्रृंखला पर चर्चा की गई।

सम्मेलन में क्षेत्रीय आरपीएफ प्रमुखों और देश भर से और सभी रैंकों की लगभग 600 महिला आरपीएफ कर्मियों ने भाग लिया। इसे डीजी/आरपीएफ ने संबोधित किया, जिन्होंने सामने लाए गए ज्वलंत मुद्दों पर बात की, नीतिगत हस्तक्षेप का आश्वासन दिया और शिकायतों का सहानुभूतिपूर्ण निवारण किया। उन्होंने विशेष रूप से महिला सुरक्षा के क्षेत्र में महिला कार्मिकों के प्रयासों की सराहना की और उन्हें भविष्य की स्फूर्त चुनौतियों का समाधान करने के लिए बढ़ी हुई क्षमता के साथ खुद को समृद्ध करने के लिए प्रोत्साहित किया।

Related Articles

Back to top button