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लवीव पर रूस के मिसाइल हमले, क्या पुतिन बदल रहे अपनी रणनीति

शुक्रवार की सुबह लवीव में तीन बड़े धमाके होते ही आपात सेवाओं के वाहन सायरन बजाते हुए घटनास्थल की तरफ़ दौड़ने लगे. इस हमले में रूस की मिसाइलों ने पश्चिमी यूक्रेन के लवीव शहर में एक विमान मरम्मत प्लांट को निशाना बनाया.

मिसाइल हमले का निशाना बना प्लांट शहर के केंद्रीय इलाक़े से सिर्फ़ 6 किलोमीटर दूर है.

राहत की बात यह रही कि इस हमले में कोई घायल नहीं हुआ.

आखिर रूस ने लवीव को निशाना क्यों बनाया? लवीव पर हमला करना इस युद्ध में इतना अहम मायने क्यों रखता है? क्या रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन पर हमले को लेकर अपनी रणनीति में बदलाव कर रहे हैं? चलिए जानते हैं एक एक करके…

लवीव शहर के पास हुआ अब तक का सबसे बड़ा हमला है. इस हमले से पहले तक यूक्रेन युद्ध में लवीव पर हमला नहीं किया गया था. यह शहर युद्ध से भाग रहे लोगों के लिए सुरक्षित ठिकाना बना हुआ था.

साथ ही लवीव यूक्रेन के लिए मानवीय मदद पहुंचाने का अहम रास्ता भी बना हुआ है. हज़ारों की संख्या में यहां युद्ध से भागकर आए लोगों ने शरण ले रखी है.

अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार समूह भी यहीं से यूक्रेन में मदद भेज रहे हैं.

यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद से ही पश्चिम यूक्रेन पूर्वी यूक्रेन के मुक़ाबले कुछ शांत था.

रूस ने तीन तरफ़ से यूक्रेन पर हमला किया था- उत्तर, पूर्व और दक्षिण दिशाओं से.

हालांकि लवीव जैसे पश्चिमी शहर हमले की ज़द से बाहर ही रहे थे.

लवीव में बच्चों के खाली स्ट्रॉलर रखकर युद्ध के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया गया

लेकिन अब लग रहा है कि हालात और रूस की रणनीति बदल रही है. रविवार को ही रूस ने लवीव के पास एक सैन्य प्रशिक्षण ठिकाने पर बड़ा हमला किया था.

82 वर्षीय वेलेंटाइन वोवशेंको ने समाचार एजेंसी एएफ़पी से कहा, “यहां हर सुबह हवाई हमलों की चेतावनी देने वाले अलार्म बजते रहे हैं, लेकिन अब वास्तव में हमले होने लगे हैं.”

वह कहती हैं, “हम कीएव से भागकर लवीव पहुंचे थे, लेकिन उन्होंने अब यहां भी हमले शुरू कर दिए हैं.”

शहर के मेयर आंद्रे सादोवी ने मिलिट्री एयरक्राफ़्ट मेंटिनेंस प्लांट के क्रूज़ मिसाइल हमले में नष्ट होने की पुष्टि की है.

ये प्लांट इस समय चालू नहीं था और यह लवीव के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास ही स्थित है.

हालांकि मेयर का कहना है कि हमले में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को कोई नुक़सान नहीं हुआ है.

यूक्रेन की वायुसेना का कहना है कि काला सागर की तरफ़ से कुल छह क्रूज़ मिसाइलें दाग़ी गईं जिनमें से दो को हवा में ही मार गिराया गया.

रॉयल यूनाइटेड सर्विसेज़ इंस्टीट्यूट के पूर्व निदेशक प्रोफ़ेसर माइकल क्लार्क ने बीबीसी ने कहा, “रूस ऐसे ढांचागत ठिकानों को निशाना बना रहा है जो यूक्रेन के विमानों को उड़ान भरने में मदद कर रहे हैं.”

बमबारी का शिकार राजधानी कीएव की इमारतें

लवीव पोलैंड की सीमा से सिर्फ़ 80 किलोमीटर दूर है. पोलैंड में यूक्रेन से भागकर अब तक क़रीब बीस लाख शरणार्थी पहुंच चुके हैं.

प्रोफ़ेसर क्लार्क कहते हैं कि हमले का निशाना बना ठिकाना पोलैंड बॉर्डर के पास है और इसे पश्चिमी देशों के लिए एक चेतावनी की तरह भी देखा जा सकता है.

वे कहते हैं, “ये पश्चिम को डराने का एक प्रयास है कि यूक्रेन की मदद न की जाए.”

ब्रिटेन के सैन्य मामलों के मंत्री जेम्स हीप्पी ने बीबीसी से कहा, “एक दूसरे की सप्लाई लाइन को निशाना बनाना युद्ध का हिस्सा होता है. लेकिन सच्चाई ये है कि इस नए घटनाक्रम ने पश्चिमी यूक्रेन में रह रहे लोगों को चिंतित कर दिया है.”

उन्होंने बताया कि ब्रिटेन यूक्रेन के सैनिकों को स्टारस्ट्रीक एंटी-एयरक्राफ़्ट मिसाइल सिस्टम का प्रशिक्षण देने की प्रक्रिया में है और ये प्रणाली तुरंत प्रभाव से यूक्रेन पहुंच रही है.

वहीं शुक्रवार को यूक्रेन के कई अन्य बड़े शहरों पर नए हवाई हमले हुए हैं.

दक्षिणी शहर क्रामैटोर्स्क में एक मिसाइल हमले में दो लोग मारे गए और छह घायल हो गए.

वहीं राजधानी कीएव में मार गिराई गई एक मिसाइल रिहायशी इलाक़े में गिरी जिससे एक व्यक्ति की मौत हो गई.

आसमान में वर्चस्व की लड़ाईबीबीसी रक्षा संवाददाता जोनॉथन बेल का विश्लेषण

यूक्रेन के शहरों पर अंधाधुंध बमबारी कर रहा रूस अपने लंबी दूरी वाली सटीक मारक मिसाइलों का इस्तेमाल ख़ास सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने के लिए करता हुआ दिख रहा है.

रूस के निशानों की सूची अब देश के पश्चिमी हिस्सों की तरफ़ बढ़ रही है. ऐसा संभव है कि इस प्लांट का इस्तेमाल यूक्रेन की एयरफ़ोर्स के पुराने विमानों की मरम्मत के लिए किया जाता हो. इन विमानों की संख्या भी कम हो रही है.

रूस के लंबी दूरी की मिसाइलों के इस्तेमाल से एक अन्य अहम तथ्य रोशनी में आता है और इससे बहुत से सैन्य विश्लेषक हैरत में हैं. अभी तक रूस आसमान पर अपना वर्चस्व क़ायम नहीं कर सका है. पश्चिमी सैन्य अधिकारी मानते हैं कि इसकी एक अहम वजह यूक्रेन की वायु रक्षा प्रणाली है.

लेकिन जैसा कि ये हमला दर्शाता है, रूस भी ये बात मान रहा है कि रूस को यूक्रेन के एयर डिफ़ेंस सिस्टम को कमज़ोर करना ही होगा. ऐसा करने के लिए रूस उन पर सीधे हमले ही नहीं कर रहा है बल्कि उन ठिकानों को भी निशाना बना रहा है जहां से सतह से मार करने वाली मिसाइलें संचालित की जा रही हैं.

इसमें कोई शक़ नहीं है कि यूक्रेन को अधिक आपूर्ति की ज़रूरत है. एक पश्चिमी रक्षा अधिकारी ने बीबीसी को बताया कि यूक्रेन ख़ासतौर पर पश्चिमी देशों से वायु रक्षा प्रणाली के लिए गोला-बारूद मांग रहा है.

उन्होंने बताया कि यूक्रेन ख़ासतौर पर अपने लंबी दूरी के पुराने एयर डिफेंस सिस्टम के लिए मदद मांग रहा है. ये अधिकारी बताते हैं कि यूक्रेन को बड़ी तादाद में एयर डिफेंस सिस्टम की ज़रूरत है क्योंकि उस पर विशाल रूसी वायुसेना आक्रमण कर रही है. source: bbc.com/hindi

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