देश-विदेश

एसबीआई फाउंडेशन ने कोविड- 19 के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए युद्ध स्तर पर की तैयारी

  • देशभर में कोविड से संबंधित विभिन्न राहत कार्यक्रमों को लागू करने के लिए 30 करोड रुपए का प्रावधान
  • प्रोजेक्ट ईको इंडिया के साथ 50000 हेल्थकेयर पेशेवरों को दी जाएगी ट्रेनिंग और मेंटरिंग
  • महत्वपूर्ण अस्पतालों में वेंटिलेटर, पीपीई आदि का वितरण
  • देश के 4 केंद्रों में उपलब्ध कराए जा रहे हैं प्रतिदिन ताजा पके हुए भोजन के 10000 पैकेट।

मुंबईः इस समय जबकि संपूर्ण राष्ट्र कोविड- 19 से उत्पन्न एक अभूतपूर्व चुनौती का सामना कर रहा है, ऐसी स्थिति में भारतीय स्टेट बैंक की सीएसआर इकाई एसबीआई फाउंडेशन ने देशभर में कोविड से संबंधित विभिन्न राहत कार्यक्रमों को लागू करने के लिए 30 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। फाउंडेशन ने कोविड के खिलाफ युद्धस्तर पर तैयारी कर ली है और निम्नलिखित उपाय करने की योजना बनाई हैः

  • खाद्य राहत सहायता
  • स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना
  • स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की क्षमता में बढ़ोतरी करना
  • आईआईएससी के साथ साझेदारी करते हुए कोविड से संबंधित परियोजनाओं पर शोध।

इन पहलों को लागू करने के लिए एसबीआई फाउंडेशन ने स्वास्थ्य विषय पर एक नया प्रमुख कार्यक्रम शुरू किया है। इसके साथ ही महत्वपूर्ण अस्पतालों में वेंटिलेटर, पीपीई आदि का वितरण और भारत के 4 केंद्रों में प्रतिदिन 10000 ताजा पकाए भोजन की आपूर्ति पहले ही शुरू कर दी गई है। ईसीएचओ इंडिया और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के साथ एसबीआई फाउंडेशन ने प्रोजेक्ट ईको इंडिया भी लाॅन्च किया है, जिसके तहत विभिन्न राज्यों में 50000 हेल्थकेयर पेशेवरों को ट्रेनिंग और मेंटरिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। यूएसएआईडी के साथ एक अन्य कार्यक्रम ‘कोविड -19 हेल्थकेयर एलायंस (आईसीएचए)‘ भी लाॅन्च किया गया है, जो राज्य और केंद्र सरकारों के प्रयासों के साथ-साथ एक स्वास्थ्य देखभाल संबंधी पहल है।

एसबीआई के चेयरमैन श्री रजनीश कुमार ने कहा, ‘‘एसबीआई में हम हमेशा समाज और राष्ट्र को
वापस देने में विश्वास करते हैं। आज जब कोविड -19 महामारी ने देश के लिए अभूतपूर्व चुनौतियां पेश की हैं, तो हमें उम्मीद है कि हमारी विनम्र पहल के सहयोग से देश कोविड- 19 के खिलाफ सामूहिक लड़ाई को प्रभावी तरीके से आगे बढ़ा पाएगा। एसबीआई भारत में कोविड- 19 महामारी से लड़ने के लिए रचनात्मक और सक्रिय कार्रवाई में रचनात्मक रूप से संलग्न है। मेरे पेंशनरों ने मेरी अपील के जवाब में कोविड राहत कोष में उदारता से योगदान देकर अतिरिक्त उदारता का परिचय दिया है और इस तरह वे राष्ट्रीय संकट के इस दौर में एक सच्ची ताकत बनकर उभरे है। हम उन सभी को व्यक्तिगत तौर पर धन्यवाद देना चाहते हैं, साथ ही हमारे सहयोगियों को भी उनके अतिरिक्त समर्थन के लिए धन्यवाद कहना चाहते हैं और उम्मीद करते हैं कि अधिक संख्या में कॉर्पोरेट्स और सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम कोविड- 19 के खिलाफ इस लड़ाई में हमारे साथ शामिल होने के लिए आगे आएंगे।‘‘

एसबीआई फाउंडेशन ने कोविड- 19 राहत कोष भी लॉन्च किया है, ताकि कोविड- 19 महामारी से लड़ने के लिए धन जुटाया जा सके। एसबीआई महिला समिति की अध्यक्ष श्रीमती रीता अग्रवाल ने कर्मचारियों की पत्नियों को इस कोष में योगदान के लिए प्रेरित किया। इसका जबरदस्त रेस्पाॅन्स मिला और बड़ी संख्या में राशि एकत्र की गई। इस राशि का उपयोग पूरे भारत में महत्वपूर्ण अस्पतालों में वेंटिलेटर की आपूर्ति करने और जरूरतमंदों को भोजन किट प्रदान करने के लिए किया जाएगा।

श्रीमती रीता अग्रवाल ने कहा, ‘‘यह योगदान दर्शाता है कि पूरे भारत में लेडीज क्लब की सदस्याओं ने एकजुट होकर पूरे परिश्रम के साथ कोविड- 19 से पीड़ित लोगों का समर्थन करने के लिए धन जुटाने की कोशिश की है। मेरा मानना है कि यह हमारा कर्तव्य है कि हम भारत के अपेक्षाकृत अधिक भाग्यशाली नागरिकों के रूप में अपने साथी नागरिकों के दर्द और पीड़ा को कम करने के लिए इस अवसर पर आगे आएं। कोविड- 19 के खिलाफ लड़ाई में अपनी तरफ से योगदान देने पर देशभर में हमारे सदस्यों को गर्व है।‘‘

एसबीआई फाउंडेशन की स्थापना 2015 में की गई थी। फाउंडेशन का उद्देश्य हाशिये पर रहने वाले लोगों के जीवन को समृद्ध बनाना और विकास और समानता को बढ़ावा देने वाली अग्रणी संस्था के रूप में पहचान बनाना है और यह मकसद बैंक की प्रतिबद्धता को ही दर्शाता है। 4 वर्षों की छोटी-सी अवधि में ही एसबीआईएफ ने भारत भर में सबसे कमजोर और अल्प विकसित समुदायों के साथ काम किया है, जिससे देश की मुख्यधारा की विकास प्रक्रिया में उनका एकीकरण हुआ है। कमजोर और जरूरतमंदों के लिए संसाधन उपलब्ध कराना हमेशा फाउंडेशन का प्राथमिक उद्देश्य रहा है।

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