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माध्यमिक इस्पात क्षेत्र भारतीय इस्पात क्षेत्र का बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है: राम चंद्र प्रसाद सिंह

राष्ट्रीय माध्यमिक इस्पात प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईएसएसएसटी), भारत सरकार के इस्पात मंत्रालय द्वारा स्‍थापित पंजाब के फतेहगढ़ साहिब जिले के मंडी गोबिंदगढ़ ने आज केंद्रीय इस्पात मंत्री श्री राम चंद्र प्रसाद सिंह के साथ इस्पात उद्योग से जुड़े उद्योगपतियों के साथ पंजाब के मंडी गोबिंदगढ़ में एक संवादात्मक बैठक का आयोजन किया। इस बैठक को ऑल इंडिया स्टील रेरोलर्स एसोसिएशन (एआईएसआरए), ऑल इंडिया इंडक्शन फर्नेस एसोसिएशन (एआईआईएफए) और मंडी गोबिंदगढ़ फर्नेस एसोसिएशन (एमएफएए) जैसे राष्ट्रीय और स्थानीय संघों का समर्थन प्राप्त था।

केंद्रीय इस्पात मंत्रीश्री रामचंद्र प्रसाद सिंह पंजाब के फतेहगढ़ साहिब जिले के मंडी गोबिंदगढ़ स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सेकेंडरी स्टील टेक्नोलॉजी (एनआईएसएसएसटी) के परिसर में पौधा रोपण करते हुए।

केंद्रीय इस्पात मंत्री श्री रामचंद्र प्रसाद सिंह ने इस बात पर बल दिया कि माध्यमिक इस्पात क्षेत्र भारतीय इस्पात क्षेत्र का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है और वर्ष 2030-31 तक 300 मिलियन टन इस्पात क्षमता प्राप्त करने का लक्ष्य माध्यमिक इस्पात क्षेत्र की सक्रिय भागीदारी के बिना प्राप्त नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए माध्यमिक इस्पात क्षेत्र को अपग्रेड करने की आवश्यकता है, साथ ही उन्होंने इस्पात मंत्रालय की ओर से इस क्षेत्र को पूरी सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया।

श्री रामचंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि उद्योग के लिए बेहतर वातावरण तैयार करने और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए वर्तमान सरकार द्वारा कई अधिनियमों को गैरकानूनी घोषित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि माध्यमिक इस्पात क्षेत्र को आत्मनिर्भर भारत बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देना होगा।

श्री सिंह ने राष्ट्रीय माध्यमिक इस्पात प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईएसएसटी) के परिसर का दौरा किया और एनआईएसएसटी की ढांचागत सुविधाओं का अवलोकन किया तथा एनआईएसएसटी अधिकारियों के साथ बातचीत भी की। उन्होंने पौधा रोपण किया और हरित एवं स्वच्छ वातावरण की आवश्यकता पर बल दिया।

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