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श्री अमित शाह ने केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) की अखिल भारतीय साइकिल रैलियों को फ़्लैग-इन भी किया

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने देश की आज़ादी की 75वीं वर्षगाँठ गांठ पर आयोजित ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ के उपलक्ष्य में आज दिल्ली के ऐतिहासिक लाल क़िले से राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) की अखिल भारतीय कार रैली ‘सुदर्शन भारत परिक्रमा’ को फ़्लैग-ऑफ़ किया। इसके साथ ही श्री अमित शाह ने केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) की अखिल भारतीय साइकिल रैलियों को फ़्लैग-इन भी किया। इस अवसर पर केन्द्रीय गृह और सहकारिता मंत्री ने टोक्यो ओलिंपिक पदक विजेता श्री बजरंग पूनिया को सम्मानित किया। समारोह में गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय, श्री अजय कुमार मिश्रा और श्री निशिथ प्रामाणिक तथा केंद्रीय गृह सचिव सहित भारत सरकार व सशस्त्र पुलिस बलों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह और सहकारिता मंत्री ने कहा कि आज पूरे देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण और शुभ दिन है। आज भारत के दो महापुरूषों राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी का जन्मदिन है। उन्होंने कहा कि वर्ष 1900 के बाद अगर भारत के इतिहास को ध्यान से देखें, तो इन दोनों महापुरूषों ने देश के स्वतंत्रता आंदोलन पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है। महात्मा गांधी ने अन्याय और अत्याचार के ख़िलाफ़ दक्षिण अफ्रीका से अपने आंदोलन की शुरूआत की और दुनिया को सत्याग्रह नाम का एक महत्वपूर्ण मंत्र दिया। गांधी जी ने भारत लौटकर भीषण ग़रीबी, अकल्पनीय शोषण और ग़ुलामी को देखकर अपना पूरा जीवन मां भारती की सेवा में समर्पित कर दिया और देश को आज़ादी दिलाने में जुट गए। महात्मा गांधी के नेतृत्व में अपने आप में एक अनूठे तरह का आज़ादी का संग्राम भारत में हुआ, जिसमें ना किसी ने शस्त्र उठाए, ना हिंसा हुई और ना ही रक्तपात हुआ और देखते ही देखते 30 करोड़ भारतीय बापू के पीछे चल दिए और अंत में 15 अगस्त 1947 को भारत को आज़ादी मिली। श्री शाह ने कहा कि देश स्वतंत्रता आंदोलन में बापू के योगदान और उनके बताए गए रास्तों को आज भी याद करता है।

श्री अमित शाह ने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री जी ने ना केवल देश की सुरक्षा के सभी आयामों को बदला बल्कि 1965 की लड़ाई में हमारी सेनाओं ने उनके नेतृत्व में दुश्मन को माक़ूल जवाब दिया। उन्होंने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री ने बहुत ही कम समय में लोकतंत्र में निस्वार्थ भाव से लोगों की सेवा कैसे हो सकती है, इसका एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया। शास्त्री जी का दिया हुआ ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा आज भी उतना ही प्रासंगिक है। शास्त्री जी ने आज़ाद भारत के इतिहास में अपनी एक अमिट छाप छोड़ी है और निस्वार्थ भाव से किस प्रकार सार्वजनिक जीवन जीना चाहिए, इसका एक उत्तम उदाहरण आने वाली पीढ़ियों के सामने पेश किया। आज हम सब उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए उनके बताए हुए रास्तों पर चलने के लिए अपने आप को पुनर्समर्पित करते हैं।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज सीएपीएफ के लगभग 1000 जवान देशभर की परिक्रमा के दौरान हज़ारों शहीद स्थलों पर श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए बापू की समाधि राजघाट पर पहुंचे हैं। श्री शाह ने कहा कि देशभर के अनेक स्थानों से सीएपीएफ़ की 45 साइकिल रैलियां एक महीने में 41000 किलोमीटर का सफ़र तय करके यहां पहुंची हैं। साइकिल और कार रैली में शामिल केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के जवानों और अधिकारियों का अभिनंदन करते हुए केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि 41000 किलोमीटर का सफ़र तय करके आई साइकिल रैलियों और आज से शुरू हो रही सुदर्शन भारत परिक्रमा कार रैली देश में चेतना जागृति का एक निष्ठावान प्रयास है और ये आज़ादी के अमृत महोत्सव के लक्ष्यों की पूर्ति की ओर हमें ले जाएगी। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने दांडी मार्च के दिन आज़ादी के अमृत महोत्सव की शुरूआत की थी और अब ये अमृत महोत्सव जनता के मन में एक नई चेतना  जागृत कर रहा है।

श्री अमित शाह ने कहा कि आज़ादी के अमृत महोत्सव के दो प्रमुख उद्देश्य हैं। देश पर विदेशी आक्रमणों से लेकर 1857 की क्रांति तक और 1857 से 1947 तक आज़ादी के लिए हर राज्य, ज़िले, क़स्बे और गांव में अलग-अलग घटनाओं में अपना सर्वोच्च बलिदान करने वाले गुमनाम शहीदों की अमर गाथा को फिर से जीवित करने का प्रयास करना और नई पीढ़ी में देशभक्ति के जज़्बे को जगाकर देश के विकास के साथ जोड़ना। उन्होंने कहा कि अनेक लोगों ने देश की आज़ादी के लिए अपना पूरा जीवन न्योछावर कर दिया और कई लोगों ने पीढ़ियों तक बलिदान दिए जिसके कारण ही हमें आज़ादी मिली।

श्री अमित शाह ने देशभर के युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि शायद देश के लिए प्राण देने का सौभाग्य हमें ना मिले, लेकिन देश के लिए जीना हमारे हाथ में है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने प्राण न्योछावर कर देश को आज़ादी दिलाकर हमें यहां तक पहुंचाया, लेकिन क्या हम अपना पूरा जीवन देश के लिए जी सकते हैं। इसके लिए किसी त्याग की ज़रूरत नहीं है, बस हम देश के विकास में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करें। श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में देश के विकास का जो पथ प्रशस्त हुआ है, हम उस रास्ते पर चलना शुरू करें। उन्होंने कहा कि अगर देश के युवा, वैज्ञानिक और टेक्नोक्रेट एकजुट हो जाएं, तो सबकुछ संभव है और भारत दुनिया के सामने आत्मनिर्भर बन, गर्व के साथ सीना चौड़ा और सर ऊंचा कर शान से जी सकता है। श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आत्मनिर्भर भारत के साथ ही मेक इन इंडिया का नारा भी दिया है। श्री शाह ने कहा कि देश के युवाओं को इस लक्ष्य के साथ ख़ुद को जोड़ना चाहिए जिससे भारत पूरी दुनिया में मैनुफ़ैक्चरिंग हब बने और मेड इन इंडिया की छाप के साथ भारतीय उत्पाद पूरी दुनिया में जाएं। ये सारे लक्ष्य हमें देश के लिए कुछ करने की प्रेरणा देते हैं। प्रधानमंत्री जी ने कई ऐसे संकल्प और प्रकल्प हमारे सामने रखे हैं जो आत्मनिर्भर भारत का निर्माण कर देश की सेवा करने का मौक़ा देते हैं।

     केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज़ादी का अमृत महोत्सव भारत के उज्ज्वल भविष्य और विश्व में भारत को उन्नत स्थान दिलाने के लिए मन में आशा जगाने, संकल्प लेने और अपने कार्यों से इन आशाओं को पूरा करने का है। उन्होंने कहा कि भारत 130 करोड़ की आबादी वाला देश है और अगर सभी 130 करोड़ भारतीय आज़ादी के अमृत महोत्सव में एक-एक संकल्प लें तो एक बहुत बड़ी शक्ति बन जाएगी। अगर हम सब भारतीय एक ही दिशा में एक एक कदम चलते हैं, तो हम सब एक साथ 130 करोड़ कदम आगे बढ़ते हैं। ये हम सबकी ज़िम्मेदारी है कि हम मोदी जी के नेतृत्व में आज़ादी के अमृत महोत्सव को प्रेरणा का एक स्रोत व चेतना जागृत करने का माध्यम बनाकर भारत के विकास का राजमार्ग बनाएं।

श्री अमित शाह ने कहा कि ये आज़ादी का अमृत महोत्सव 130 करोड़ भारतीयों के शुभ संकल्प लेने और उसे निभाने का वर्ष है और 130 करोड़ शुभ संकल्प का योग ही भारत को आत्मनिर्भर बना सकता है। उन्होंने कहा कि ये हम सबकी ज़िम्मेदारी है कि आज़ादी के अमृत महोत्सव को प्रेरणा का एक स्रोत, चेतना जागृत का माध्यम और भारत के विकास का राजमार्ग बनाएं। श्री शाह ने कहा कि हम सबको इस दिशा में काम करना चाहिए क्योंकि यह संकल्प लेने और उसे सिद्धि में परिवर्तित करने का समय है। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि अगर हम ये संकल्प लेकर अपने कार्यों से एक बार फिर स्वंय को भारत माता को समर्पित करें, तो आज़ादी के शताब्दी वर्ष में भारत निश्चित रूप से विश्व में एक बड़ी ताक़त बनकर उभरेगा इसीलिए देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज़ादी के अमृत महोत्सव की कल्पना की है। श्री अमित शाह ने कहा कि आज़ादी के अमृत महोत्सव की मूल संकल्पना, देशभर में हज़ारों छोटे-छोटे कार्यक्रमों के माध्यम से चेतना जागृत कर इसे कार्यों में बदलना और सभी कार्यों से जागृत नागरिकों को एक ही पथ पर अग्रसर कर एक प्रचंड शक्ति का निर्माण करना है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हमारे सभी केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के जवान माइनस 43 से 43 डिग्री तक की कठिन परिस्थितियों में देश की सीमाओं की सुरक्षा कर रहे हैं। उनके बलिदान के कारण ही आज देश विकास के रास्ते पर चल रहा है और हम सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि देश के सार्वभौमत्व की रक्षा करने और इसे अक्षुण्ण रखने में 35 हज़ार से ज़्यादा पुलिस और केन्द्रीय बलों के जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी है। श्री शाह ने कहा कि आज का दिन उनके बलिदान को याद करने और ये संकल्प लेने का है कि हम उनके सर्वोच्च बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने देंगे। उन्होंने कहा कि हम देश को विकास के रास्ते पर ले जाएंगे और आत्मनिर्भर व गौरवशाली भारत का निर्माण कर, प्रधानमंत्री मोदी जी के 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को अवश्य हासिल करेंगे।

आज़ादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत राष्ट्रीय गार्ड (NSG) की आज से शुरू हुई कार रैली 7500 किलोमीटर की अपनी यात्रा के दौरान देश के स्वतंत्रता आंदोलन और स्वतंत्रता सेनानियों से जुड़े महत्वपूर्ण व ऐतिहासिक स्थानों से होकर गुज़रेगी और 30 अक्तूबर, 2021 को नई दिल्ली स्थित पुलिस स्मारक पर समाप्त होगी। अपनी यात्रा के दौरान एन.एस.जी. कार रैली देश के 12 राज्यों के 18 शहरों से होकर गुज़रेगी और काकोरी मेमोरियल (लखनऊ), भारत माता मंदिर (वाराणसी), नेताजी भवन बैरकपुर (कोलकाता), स्वराज आश्रम (भुवनेश्वर), तिलक घाट (चेन्नई), फ़्रीडम पार्क (बेंगलुरू), मणि भवन / अगस्त क्रांति मैदान (मुंबई) और साबरमती आश्रम (अहमदाबाद) जैसे ऐतिहासिक महत्व के अनेक स्थानों पर जाएगी।

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