उत्तर प्रदेश

सफलता की कहानी- 11: जिंदंगी को मिली नयी दिशा

देश इस समय कोविड- 19 के खिलाफ युद्द में मजबूती के साथ खड़ा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों तथा अन्य संबंधित पक्षों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद लाकडाउन की अवधि को 3 मई तक बढाने का निर्णय लिया है।किंतु लाकडाउन की इस अवधि के दौरान सरकार समाज के कमजोर तबके की समस्याओ को लेकर काफी संवेदनशील है। यही वो कारण था जो सरकार ने 1.70 लाख करोड़ रुपये के प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज की घोषणा की ।

इस पैकेज की घोषणा के पीछे सरकार की मूल मंशा यह रही है कि कमजोर तबके के लोगो को लाकडाउन की अवधि में किसी प्रकार की तकलीफ न होने पाये।योजना को काफी व्यापक रुप दिया गया है। इसी योजना के तहत प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के लाभार्थियों को भी शामिल किया गया है।गौरतलब है कि अभी तक प्रधानमंक्षी उज्जवला योजना के तहत पूरे देश में एक करोड़ 39 लाख घरेलू गैस सिलेंडर बुक किये जा चुके है और 97 लाख 8 हजार सिलेंडर लाभार्थियों को मुफ्त में दे दिये गये है। आर्थिक स्थिति से कमजोर घऱों की महिलाओं के लिए यह सिलेंडर वरदान के रुप में साबित हो रहे है।लाकडाउन की अवधि में भी एसे परिवारों में खाना पकाने की दिक्कते नहीं आ रही है। प्रधानमंत्री उज्जवला योजना से जहां एक ओऱ महिलाओं के सामान्य स्वास्थ में सुधार हुआ है वहीं दूसरी ओर उनको मदद भी मिली है।सिलेंडर के अभाव में कमजोर तबके के परिवारों में खाना पकाने के लिए लकड़ी या एसे ही अन्य संसाधनों का इस्तेमाल किया जाता था।

इससे महिलाओं को आमतौर पर श्वास सम्बन्धी समस्याये हो जाया करती थी।मथुरा में प्रधानमंत्री गरीब राहत पैकेज के तहत बड़ी संख्या में लाभार्थियों को गैस सिलेंडर उपलब्ध कराये गये है। गैस एजंसियों ने वितरण के समय सामाजिक दूरी का पूरा ध्यान रखा औऱ लाभार्थी महिलाओं ने भी कपड़े से अपना मुंह ढंका हुआ था। लाभार्थियों में सरकार की इस पहल को लेकर काफी उत्साह है ।नक्कारची टोला की मुन्नी बेगम ने बताया कि अब हम लोगों को खाना बनाने में काफी सहूलियत हो रही है ।उन्होंने उज्जवला गैस के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया। इसी तरह खटिक मोहल्ला की सुनीता ने भी कहा कि उज्जवला गैस से महिलाओं को काफी सहूलियत हुयी है।

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