देश-विदेश

टीम ट्राइफेड वन-धन इंडिया ने दिखाया ‘घर से काम’ करने तरीका

नई दिल्ली: जनजातीय कार्य मंत्रालय के संगठन ट्राइफेड, के देश के 27 राज्यों में काम कर रहे 500 से अधिक अधिकारियों की एक टीम के वेबिनर सॉफ्टवेयर के जरिए एक दूसरे के साथ संपर्क बनाए रखने और घर से कंम्यूटर पर काम करने के अविश्वसनीय परिणाम सामने आए हैं।

सभी बाधाओं को पार करते हुए देश के 16 प्रमुख भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों और भारतीय प्रबंधन संस्थानों में जनजातीय उद्यमियों को प्रशिक्षित करने के लिए “सभी जनजातीय लोगों के लिए टेक” परियोजना की शुरुआत 19 मार्च 2020 को की गई थी। यह योजना गांवों में रहने वाले लगभग 3.5 लाख जनजातीय उद्यमियों को आईआईटी और आईआईएम जैसी विश्व की अग्रणी संस्थाओं से जुडने का अवसर देगी।

भविष्य में 50 लाख जनजातीय लोगों के लिए संचार के माध्यम के रूप में जीआईएस आधारित ट्राइफेड वन-धन वेबसाइट, 27 राज्यों में ट्राइफेड की भाग लेने वाली  टीमों के परीक्षण के लिए 27 मार्च 2020 को ऑनलाइन शुरू की गई थी। इसके तहत ट्राइफेड की ओर से प्रतिदिन कम से कम दो प्रतिभागी टीमों के बीच बैठक की व्यवस्था की जा रही है और ऐसी टीम आगे अपने साझेदारों से संपर्क बनाने का काम कर रही ट्राइब्स इंडिया की बिक्री में पिछले साल की तुलना में इस वर्ष 29 फरवरी तक ही 30% की वृद्धि दर्ज हो चुकी है और इसने 1.50 लाख जनजातीय कारीगरों को जीविका के अवसर उपलब्ध कराए हैं। ऐस में ये लोग लॉकडाउन से कोई खास प्रभावित नहीं हुए हैं।

 ट्राइफेड ने देश के 22 राज्यों में 1205 वन-धन केंद्र स्थापित करने का काम पूरा कर लिया है, जिसमें उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए  29 फरवरी तक 3 लाख 70 हजार जनजातीय लोगों को रोजगार दिया जा चुका है। यह 600 केंद्रों के लिए निर्धारित लक्ष्य का दोगुना है। इन केन्द्रों में शुरुआती प्रयासों को और मजबूत बनाया जा रहा है जो जनजातीय स्टार्टअप्स की गुणवत्ता और उनके प्रदर्शन में सुधार के रूप में सामने आ रहा है।

टीम वन-धन इंडिया के साथ 27 मार्च को एक वेब प्लेटफॉर्म के माध्यम से संपर्क किया गया था ताकि वे अपने कामों को पूरा कर सकें। संकट की मौजूदा स्थिति में अपने उत्पादों की ब्रिक्री के लिए परेशानी से जूझ रहे जनजातीय लोगों की मदद के लिए भारत सरकार को भेजने के वास्ते एक प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है जिसमें सरकार से ऐसे लेागों के लिए अनुदान पर विचार करने की बात कही गई है।

ट्राइफेड की सोशल मीडिया टीम और ट्राइब्स डॉट कॉम टीम देश को सामाजिक रूप से प्रभावी और उपयोगी संदेश पहुंचाने के लिए दिन रात काम कर रही है। ट्राइफेड का कहना है कि उसने तीन दिनों में 2.5 मिलियन लोगों तक पहुंच बनाई है।

 इस समय का उपयोग 10,000 जनजातीय उत्पादों के साथ ट्राइब्स इंडिया ई-कॉमर्स पोर्टल को नया कलेवर देने और फिर से शुरू करने के लिए भी किया गया है। टीम ट्राइफेड ने उसके काम को आगे बढ़ाने के लिए क्रमशः 105 करोड़ रुपये और 17 करोड़ रुपये दिए जाने के लिए जनजातीय मामलों के मंत्रालय और सूक्ष्म, लघु एंव मध्यम उपक्रम मंत्रालय का आभार जताया है। ट्राइफेड की टीम ऐसे जनजातीय कारीगरों के लिए एक पोर्टल लाने की तैयारी कर रही है जिन्हें जल्दी ही इसकी जरूरत पड़ेगी।

Related Articles

Back to top button