उत्तर प्रदेश

प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में प्रदेश में कोरोना के खिलाफ अभियान तीव्र गति से चल रहा: मुख्यमंत्री

लखनऊमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में प्रदेश में कोरोना के खिलाफ अभियान तीव्र गति से चल रहा है। सबसे अधिक आबादी वाला राज्य होने के चलते यहां चुनौतियां भी अधिक थीं। कोरोना की सेकेण्ड वेव में यहां तक कहा जा रहा था कि उत्तर प्रदेश में मई माह में प्रतिदिन एक लाख तक कोरोना संक्रमण के मामले आने लगेंगे, 15 मई तक कुल एक्टिव केस 30 लाख तक हो जाएंगे। प्रदेश में संक्रमण का फैलाव रोकने के लिए गांव से लेकर मोहल्लों तक अर्ली एण्ड अग्रेसिव कैम्पेन चलाया गया, इससे लगातार सफलता मिल रही है। 30 अप्रैल को पीक टाइम पर कोरोना के कुल एक्टिव केस 3.10 लाख थे, जो आज 62 हजार के आसपास आ गए हैं।
मुख्यमंत्री जी आज जनपद देवरिया में कोविड प्रबन्धन व इंसेफेलाइटिस नियंत्रण की समीक्षा करने के बाद मीडिया प्रतिनिधियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोविड संक्रमण से रिकवरी रेट 95 प्रतिशत है। इसमें लगातार सुधार भी हो रहा है। जनपद देवरिया में रिकवरी रेट 93 प्रतिशत से अधिक है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जीवन के साथ जीविका की रक्षा के लिए हमने लॉकडाउन की बजाय आंशिक कोरोना कफ्र्यू को अपनाया। इससे कृषि क्षेत्र, फल व सब्जी मण्डियों व अन्य सभी आवश्यक क्षेत्रों में कोई दिक्कत नहीं आई।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना की सेकेण्ड वेव को लेकर बड़े-बड़े विशेषज्ञ उत्तर प्रदेश के सम्बन्ध में कई प्रकार की आशंकाएं जता रहे थे। हमने टीम वर्क और प्रधानमंत्री जी द्वारा फस्र्ट वेव में बताए गए ट्रिपल-टी (ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट) के मंत्र को अपनाए रखा। इसके बेहतर और आशाजनक परिणाम आए हैं। उत्तर प्रदेश आशंकाओं को दूर कर तेजी से सुरक्षित स्थिति की ओर बढ़ रहा है। आज उत्तर प्रदेश, देश मे सर्वाधिक कोरोना टेस्ट कराने वाला राज्य है। हम आज की तारीख में 04 करोड़ 77 लाख से अधिक कोरोना जांच करा चुके हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ऑक्सीजन के मामले में प्रदेश के सभी जिलों को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। राज्य में 300 से अधिक ऑक्सीजन प्लाण्ट लगाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में जनपद देवरिया में भी 04 ऑक्सीजन प्लाण्ट लगाने की कार्यवाही जारी है। कोविड की सेकेण्ड वेव में ऑक्सीजन क्राइसिस को देखते हुए ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनों व वायुसेना के विमानों से टैंकर लिफ्ट कराकर हर अस्पताल और हर जरूरतमंद तक ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित की गई। अब फोकस हर जिले को मेडिकल आॅक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर बनाने पर है। 20 हजार ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर मंगाए गए हैं, इतने नए आॅक्सीजन कंसन्ट्रेटर और मंगाए जा रहे हैं। प्रदेश सरकार सभी मेडिकल कॉलेजों, जिला चिकित्सालयों में ऑक्सीजन प्लाण्ट स्थापित करा रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना की सम्भावित थर्ड वेव को काबू में करने के साथ ही इंसेफेलाइटिस नियंत्रण की तैयारियां साथ-साथ करनी होगी। इंसेफेलाइटिस की दृष्टि से संवेदनशील बरसात का मौसम शुरू होने वाला है। गोरखपुर तथा बस्ती मण्डल के जनपद पूर्व में इससे प्रभावित होते थे। ऐसे में जिला अस्पतालों की पीडियाट्रिक आई0सी0यू0 (पीकू) व सी0एच0सी0 की मिनी पीकू को क्रियाशील किया जा रहा है। इंसेफेलाइटिस से हम मृत्यु दर को 95 फीसद कम करने में सफल हुए हैं। अब इंसेफेलाइटिस ट्रीटमेण्ट सेण्टर, सब सेण्टर के अलावा, बड़ी संख्या में हेल्थ एण्ड वेलनेस सेण्टर भी उपलब्ध हैं। ऐसे में हमें इंसेफेलाइटिस पर और नियंत्रण करने में निश्चित ही सफलता मिलेगी। उन्होंने कहा कि कोरोना की सम्भावित थर्ड वेव में बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए अभी से दवा-इलाज की व्यवस्था की जा रही है।
मुख्यमंत्री जी ने बताया कि जनपद देवरिया में 15 बेड का एक पीकू पहले से है। कोविड-19 की सम्भावित थर्ड वेव के दृष्टिगत यहां 20 बेड के नए पीकू की स्थापना का आदेश दिया गया है। साथ ही, देवरिया के विकास खण्ड लार में मिनी पीकू की स्थापना की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की मंशा है कि हर सी0एच0सी0 और पी0एच0सी0 गतिविधियों का केन्द्र बने, वहां जांच, इलाज व टीकाकरण की सुविधा हो। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से एक सी0एच0सी0 या पी0एच0सी0 गोद लेने की अपील भी की।
कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण पर विशेष जोर देते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आगामी 01 जून से प्रदेश के सभी जनपदों में 18 वर्ष से ऊपर के लोगों को टीका लगने लगेगा। थर्ड वेव में बच्चों की सुरक्षा के लिए 12 वर्ष से कम आयु के बच्चों के अभिभावकों के लिए हर जिले में ‘अभिभावक स्पेशल बूथ’ बनेंगे। उन्होंने कहा कि गांवों में अभी भी कुछ लोग जांच कराने व टीका लगवाने में संकोच कर रहे हैं। मीडिया बन्धु विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में टीकाकरण के सम्बन्ध में जागरूकता सृजन में प्रेरक की भूमिका निभा सकते हैं। टीकाकरण करा चुके लोगों का छोटा सा इण्टरव्यू प्रकाशित कर बाकी लोगों को यह बताया जा सकता है कि टीका लगवाने से कोई परेशानी नहीं होती।

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