उत्तर प्रदेश

चीनी का वितरण भारत सरकार द्वारा सम्बंधित मिल के निर्धारित मासिक कोटे के अन्तर्गत ही होगा

लखनऊः प्रदेश के मा. मुख्यमंत्री, योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व एवं मा. मंत्री चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास, श्री सुरेश राणा के दिशा-निर्देशों में चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग कोरोना महामारी की इस देशव्यापी विभीषिका के दौरान भी गन्ना किसानों के आर्थिक हितों की रक्षा हेतु प्रतिबद्ध एवं प्रयासरत है।
इन्ही प्रयासों की कड़ी में विस्तृत जानकारी देते हुए प्रदेश के आयुक्त, गन्ना एंव चीनी श्री संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि गन्ना कृषकों द्वारा चीनी उपलब्ध कराये जाने की मांग के दृष्टिगत शासन द्वारा सम्यक् विचारोपरान्त यह निर्णय लिया गया है कि पेराई सत्र 2019-20 के अन्तर्गत चीनी मिलों द्वारा इच्छुक आपूर्तिकर्ता गन्ना कृषकों को बकाया गन्ना मूल्य के एवज में चीनी की उपलब्धता कराई जाएगी।
उन्होंने यह भी बताया की प्रत्येक गन्ना कृषक को 01 कुन्तल चीनी प्रति माह में उस दिन के चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य तथा जी.एस.टी. के आधार पर माह जून, 2020 तक उपलब्ध करायी जायेगीए यदि चीनी मिल द्वारा उस दिन कोई चीनी बिक्री नहीं की गई है तो उसके पूर्व दिवस में चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य तथा जी.एस.टी. के आधार पर कृषकों को चीनी उपलब्ध करायी जायेगी। इच्छुक गन्ना कृषक अपने साधनों द्वारा मिल गोदाम से चीनी उठान करेंगें। इसके लिए उन्हें यातायात व्यय की कोई प्रतिपूर्ति नहीं की जायेगी।
गन्ना आयुक्त द्वारा चीनी मिलों के अध्यासियों को यह भी निर्देशित किया गया की कृषकों को उपलब्ध करायी जाने वाली चीनी की मात्रा भारत सरकार द्वारा सम्बन्धित चीनी मिल के निर्धारित मासिक कोटे के अन्तर्गत ही होगी तथा जी.एस.टी. को नियमानुसार राजकोष में जमा करने का उत्तरदायित्व सम्बन्धित चीनी मिल का होगा। यदि जी.एस.टी. जमा करने अथवा न्यूनतम मूल्य से अधिक मूल्य पर कृषकों को चीनी दिए जाने का प्रकरण संज्ञान में आता है तो सम्बन्धित मिल इसके लिए जिम्मेदार होगी। गन्ना आयुक्त द्वारा समस्त जिला गन्ना अधिकारीयों एवं उप गन्ना आयुक्तों को इसका नियमित अनुश्रवण सुनिश्चित करने हेतु निर्देशित किया गया है।

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