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आईबीबीआई ने भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड (कॉर्पोरेट व्यक्तियों के लिए दिवाला प्रस्ताव प्रक्रिया) नियम, 2016 में संशोधन किये

नई दिल्ली: भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई) ने भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड (कॉर्पोरेट व्यक्तियों के लिए दिवाला प्रस्ताव प्रक्रिया) (चौथा संशोधन) नियम, 2020 को आज अधिसूचित किया।

भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता, 2016 न्याय प्राधिकरण द्वारा लेनदारों की समिति में एक प्राधिकृत प्रतिनिधि (एआर) की नियुक्ति की परिकल्पना करता है, ताकि वित्तीय लेनदारों के एक वर्ग जैसे रियल एस्टेट में आवंटन प्राप्त व्यक्तियों के समूह का प्रतिनिधित्व किया जा सके। इस उद्देश्य के लिए, नियमों में कहा गया है कि अंतरिम प्रस्ताव पेशेवर, सार्वजनिक घोषणा में तीन दिवाला प्रोफेशनल्स (आईपी) का विकल्प देगा और लेनदारों का वर्ग इनमें से एक का चयन करेगा, जो उनके अधिकृत प्रतिनिधि के रूप में कार्य करेगा। विनियमों में आज किए गए संशोधन में कहा गया है कि अंतरिम प्रस्ताव पेशेवर द्वारा पेश किए गए तीन आईपी उस राज्य या केंद्र शासित प्रदेश से होने चाहिए, जहाँ कॉर्पोरेट देनदार के रिकॉर्ड के अनुसार सबसे अधिक लेनदार हैं। इससे एआर और लेनदारों, जिनका वह प्रतिनिधि है के बीच समन्वय और संवाद में आसानी होगी।

विनियम वर्तमान में इस बात की परिकल्पना करते हैं कि प्राधिकृत प्रतिनिधि लेनदारों के वर्ग से दो चरणों में मतदान निर्देश प्राप्त करेगा – (i) बैठक से पहले और (ii) बैठक के प्रस्तावों को साझा करने के बाद। नियमों में आज किए गए संशोधन में प्रावधान है कि अधिकृत प्रतिनिधि बैठक के प्रस्तावों को साझा करने के बाद ही मतदान निर्देश मांगेंगा तथा मतदान करेगा। हालांकि, वह एजेंडा का वितरण कर सकता है, और बैठक से पहले लेनदारों के प्रारंभिक विचारों की जानकारी प्राप्त कर सकता है, ताकि वह बैठक में प्रभावी रूप से भाग ले सके।

विनियम में कहा गया है कि लेनदारों की समिति मूल्यांकन मानकों के आधार पर सभी नियम सम्मत समाधान योजनाओं का मूल्यांकन करेगी ताकि उनमें से सर्वश्रेष्ठ की पहचान की जा सके और उसे अनुमोदित किया जा सके। नियमों में आज किए गए संशोधन में यह प्रावधान है कि मूल्यांकन मानकों के आधार पर सभी नियम सम्मत समाधान योजनाओं के मूल्यांकन के बाद, लेनदारों की समिति सभी नियम सम्मत समाधान योजनाओं पर एक साथ मतदान करेगी। उस समाधान योजना को अनुमोदित माना जाएगा, जिसे सबसे अधिक वोट मिले हैं, लेकिन वोट 66 प्रतिशत से कम नहीं होने चाहिए।

संशोधित नियम आज से प्रभावी हैं। ये नियम  www.mca.gov.in और www.ibbi.gov.in पर उपलब्ध हैं।

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