उत्तर प्रदेश

सुरक्षा का वातावरण देकर विकास व रोजगार की सम्भावनाओं को पूरा किया जा सकता है: सीएम

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि पुलिस बल को अपनी व्यावसायिक दक्षता और कार्यकुशलता के आधार पर आधुनिक तकनीक को अपनाते हुए प्रदेश के आमजन की अपेक्षाओं और विश्वास पर खरा उतरना होगा। साथ ही, पुलिस को सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ते हुए भविष्य की चुनौतियों से निपटने की भी तैयारी रखनी होगी। उन्होंने कहा कि पुलिस पीड़ित व्यक्ति को समयबद्ध ढंग से न्याय दिलाने की प्रक्रिया का हिस्सा बने।
मुख्यमंत्री जी आज यहां गोमती नगर विस्तार में उत्तर प्रदेश पुलिस के नये मुख्यालय भवन के लोकार्पण अवसर पर पुलिस अधिकारियों को सम्बोधित कर रहे थे। पुलिस बल को नये मुख्यालय भवन के लिए बधाई और शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि यह भवन अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त है। इसकी सार्थकता तभी सिद्ध होगी जब पुलिस बल प्रदेश में आम नागरिक को कानून का राज और सुशासन उपलब्ध कराने में अपनी भूमिका को और अधिक कार्यकुशलता के साथ निभाएगा।
मुख्यमंत्री जी ने उत्तर प्रदेश पुलिस के इतिहास में इस दिन को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि आज से लगभग 82 साल पूर्व वर्ष 1937 में उत्तर प्रदेश पुलिस का शिविर कार्यालय प्रयागराज से लखनऊ स्थानान्तरित हुआ था। तभी से यह कार्यालय पुलिस महानिदेशक मुख्यालय के रूप में कार्य कर रहा था। पुलिस का अपना भवन न होने के कारण स्थानाभाव की कमी के कारण कार्य सम्पादन में कठिनाइयां हो रही थीं। इस पुलिस मुख्यालय भवन के निर्माण से पुलिस विभाग की एक बड़ी आवश्यकता पूरी हुई है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि शासन सुविधाएं उपलब्ध करा सकता है, किन्तु उन सुविधाओं का सदुपयोग करते हुए पुलिस अधिकारियों को बदली कार्य संस्कृति और आचरण को साबित करने का दायित्व निभाना होगा। उन्होंने पिछले ढाई वर्षाें में पुलिस की व्यावसायिक दक्षता और क्षमता की सराहना करते हुए कहा कि आज कानून व्यवस्था में व्यापक सुधार और सुरक्षा के वातावरण के कारण उत्तर प्रदेश में निवेशक और उद्यमी पूंजी निवेश के लिए उत्सुक हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के प्रत्येक क्षेत्र में प्रगति और उन्नति की व्यापक सम्भावनाएं हैं। पुलिस ने भी इन सम्भावनाओं के दृष्टिगत, अवसर मिलते ही ऊर्जा, दक्षता और पूरी क्षमता के साथ कार्य सम्पादित किये।
मुख्यमंत्री जी कहा कि ढाई वर्ष पहले कानून व्यवस्था की हालत खराब थी। सुरक्षा की भावना का अभाव था। टी0सी0एस0 सहित कई कम्पनियां अपने व्यापार को प्रदेश में जारी रखने के पक्ष में नहीं थी। वातावरण निवेश के अनुकूल नहीं था, किन्तु कानून व्यवस्था और सुरक्षा की भावना मजबूत होते ही यू0पी0 इन्वेस्टर्स समिट-2018 के माध्यम से 05 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। इनमें से 1.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों पर कार्याें का शुभारम्भ हो चुका है। यह सब सुरक्षा के बेहतर वातावरण और टीम वर्क के कारण सम्भव हुआ। पुलिस ने अपनी कार्य क्षमता और कार्य प्रणाली से साबित किया है कि सुरक्षा का वातावरण देकर विकास व रोजगार की सम्भावनाओं को पूरा किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री जी ने प्रयागराज कुम्भ के सफल आयोजन को अद्वितीय बताते हुए कहा कि सुरक्षा, सुव्यवस्था और स्वच्छता के नये मानक इस आयोजन में प्रस्तुत किये गये, जिससे जनता में भरोसा और विश्वास कायम हुआ। उन्होंने कह कि अभी बहुत कुछ किया जाना है, जिसके लिए समय की आवश्यतानुसार तैयारी करनी होगी। नई तकनीक के अनुसार पुलिस बल को ढालना होगा। इस कार्य में आधुनिक तकनीक और सुविधाओं से लैस यह मुख्यालय भवन सहायक सिद्ध होगा।
मुख्यमंत्री जी ने पुलिस बल को अपनी ट्रेनिंग क्षमता को दोगुना करने, ट्रेनिंग के दौरान रिफ्रेशर कोर्सेस चलाने, आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स के क्षेत्र में कार्याें को बढ़ाने और फाॅरेन्सिक लैबों की स्थापना हर रेंज में करते हुए पुलिस मुख्यालय के साथ जोड़कर इनकी समीक्षा किये जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि पुलिस के अलग-अलग विभागों ने कई अच्छे कार्य किये हैं। इन कार्याें की सक्सेस स्टोरी न सिर्फ मीडिया को बल्कि पुलिस बल को भी बतानी चाहिए, जिससे उनके अन्दर प्रेरणा और उत्साहवर्धन की भावना उत्पन्न हो सके।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पुलिस का मनोबल बढ़ाने और उनके कल्याण के लिए कई ऐतिहासिक कदम उठाए गये हैं। अच्छा कार्य करने वाले पुलिस कर्मचारियों के उत्साहवर्धन हेतु पुलिस मेडल की संख्या 200 से बढ़ाकर 950 कर दी गयी है। पुलिस बजट में इस वर्ष बढ़ोत्तरी करते हुए 24,500 करोड़ रुपये का प्राविधान रखा गया है। पूर्व में यह 18,000 करोड़ रुपये था। विभाग की कल्याणकारी योजनाआंे एवं आधुनिकीकरण की दिशा में लगातार कार्य किये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में ए0टी0एस0 और एस0टी0एफ0 का सुदृढ़ीकरण किया गया है। पहले आपदा राहत व नियंत्रण के लिए सिर्फ एन0डी0आर0एफ0 पर निर्भरता होती थी, किन्तु आज एस0डी0आर0एफ0 की तीन कम्पनियां कार्यरत हैं, जिन्होंने बाढ़ के दौरान अच्छा कार्य किया।
इसके पूर्व, मुख्यमंत्री जी ने पुलिस मुख्यालय भवन का लोकार्पण किया और इस भवन का भ्रमण भी किया। उन्होंने इस भवन की विभिन्न विशिष्टताओं के बारे में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने पुलिस मुख्यालय परिसर में वृक्षारोपण भी किया। उन्होंने पुलिस मुख्यालय भवन के निर्माण कार्य में विशेष योगदान करने वाले ए0डी0जी0 श्री संजय सिंघल एवं श्री सुजीत पाण्डेय को सम्मानित किया।
इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक श्री ओ0पी0 सिंह ने मुख्यमंत्री जी का स्वागत करते हुए कहा कि अब पुलिस का अपना मुख्यालय भवन हो गया है। मात्र दो साल की अवधि में यह भवन तैयार हुआ। इसके लिए मुख्यमंत्री जी के निर्देशों के क्रम में शासन का पूरा सहयोग मिला और आवश्यतानुसार धनराशि निर्गत की गयी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पुलिस हितों के प्रति संवेदनशील है। शहीद पुलिसकर्मियों के परिवारीजन की सहायता राशि में वृद्धि करते हुए 40 लाख रुपये किया गया है। शहीदों के माता-पिता को 10 लाख रुपये अतिरिक्त दिये जाने का निर्णय प्रदेश सरकार ने लिया है। पुलिस द्वारा कानून का राज व सुरक्षा के वातावरण की स्थापना के कारण बड़ी संख्या में निवेशक उत्तर प्रदेश में निवेश कर रहे हैं।
पुलिस महानिदेशक ने पुलिस मुख्यालय भवन की खूबियों और विशिष्टताओं के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि अब पुलिस के विभिन्न विभागों में बेहतर सामंजस्य हो सकेगा। त्वरित गति से परस्पर सूचनाओं का आदान-प्रदान होगा। जनसमस्याओं के निराकरण में सुविधा होगी। यू0पी0-100 और सोशल मीडिया के साथ समन्वय हो सकेगा। वीडियो काॅन्फ्रेसिंग की सुविधा मिलेगी। उन्होंने मुख्यालय भवन के निर्माण के लिए निर्माण एजेन्सियों को धन्यवाद दिया।

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