उत्तर प्रदेश

प्रदेश सरकार स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराकर गाँवों को बना रही है स्वच्छ और स्वस्थ

लखनऊः स्वच्छता का सम्बन्ध स्वास्थ्य से जुड़ा होता है। जहाँ सफाई रहती है, वहाँ बीमारियों के कीटाणु नहीं आते और व्यक्ति, परिवार, समाज स्वस्थ रहता है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के निर्देशन में पंचायतीराज विभाग प्रदेश के समस्त ग्राम पंचायतों में एक-एक सामुदायिक शौचालयों के निर्माण का अमलीजामा पहना रहा है। इन सामुदायिक शौचालयों के निर्माण का मुख्य उद्देश्य है कि जिन लोगों के पास व्यक्तिगत शौचालय नहीं है, वे इसका उपयोग कर सकते हैं। इन सामुदायिक शौचालयों के निर्माण से गाँवों में गन्दगी नहीं होगी और गाँव स्वच्छ रहेंगे।
प्रदेश के गोरखपुर जनपद के 1294 ग्र्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया गया है। 1145 सामुदायिक शौचालयों का जियो टैग किया जा चुका है। 119 सामुदायिक शौचालय का निर्माण अंतिम चरण में है। इस महीने के अंतिम सप्ताह में पूर्ण हो जाएगा। सामुदायिक शौचालयों में पानी की उपलब्धता बनाए रखने के लिए रनिंग वाटर टैंकों का निर्माण कराया गया है। सामुदायिक शौचालयों का निर्माण ग्राम पंचायत की भूमि पर ऐसे स्थान पर बनाया जा रहा है जहाँ लोग उपयोग कर सकें। अक्सर गॉवों में वर्षात, ठन्डी, कुहरा या गर्मी जहाँ फसले कटने के बाद जमीन खाली रहने के कारण लोग शौचालय नहीं जाते, पेट खराब होने, जैसी तत्काल शौचालय की आवश्यकता पड़ने पर यह शौचालय उपयोग में आता है। गाँवों के लोगों को शौचालय की पूरी सुविधा देने के लिए ही प्रदेश सरकार सामुदायिक शौचालयों का निर्माण करा रही है।
प्रदेश सरकार ने सामुदायिक शौचालयों में स्वच्छता बनाए रखने और रखरखाव का दायित्व राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में गठित महिला स्वयं सहायता समूह को दिया गया है। यह महिला स्वयं सहायता समूह हर गाँव में एक महिला केयर टेकर की नियुक्ति भी करेगा। जिसे 06 हजार रू0 मासिक मानदेय दिया जायेगा। इन्हीं महिला केयर टेकर के पास शौचालय का मेंटीनेंस का जिम्मा भी होगा, जिसके रखरखाव सामग्री आदि हेतु 03 हजार रू0 अतिरिक्त दिया जायेगा।
जहां पर यह समूह गठित नहीं है, वहां की ग्राम पंचायत में सफाई कर्मी की नियुक्ति कर देखरेख किया जायेगा। शौचालय की सफाई व्यवस्था बनाए रखने और रखरखाव के लिए ग्राम पंचायत हर माह तीन हजार रूपये भी महिला स्वयं सहायता समूह को अतिरिक्त के रूप में दिया जायेगा। यह धनराशि 15वें वित्त आयोग से ग्राम पंचायतें खर्च करेंगी और दो किस्तों में प्रदान किया जाएगा। सामुदायिक शौचालयों का सिर्फ वही ग्रामीण इस्तेमाल कर सकेंगे जिनके घर शौचालय नहीं हैं। सामुदायिक शौचालय शुरू हो जाने से गाँव के बाहर होने वाली गंदगी पर लगामलगेगी।

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