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जम्मू, कश्मीर और लद्दाख में तीन मीडिया सेंटर स्थापित किए जाएंगेः डॉ. जितेंद्र सिंह

नई दिल्ली: केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक-शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज कहा कि आने वाले समय में जम्मू और कश्मीर का परिवर्तन अनुकरणीय होगा। जम्मू-कश्मीर और वहां के लोगों के समग्र विकास के लिए अपनी नीतियों और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के बारे में जानकारी का प्रसार करने के लिए केंद्र सरकार के विशेष सार्वजनिक पहुंच कार्यक्रम के तहत डॉ. सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार की योजनाएं वास्तविक लाभार्थियों तक पहुंचनी चाहिए जो अब तक इससे वंचित रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि पूरा मंत्रिमंडल आम लोगों से मिल रहा है ताकि जमीनी स्तर पर उनकी शिकायतें सुनी जाए और सुनिश्चित समय पर समाधान को लेकर उनकी प्रतिक्रिया हासिल हो सके। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की केन्द्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख को नई दिशा और दृष्टि देने और अंतिम पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति तक विकास का लाभ पहुंचाने की कोशिश के लिए सराहना की।

संसद के स्थानीय सदस्यों श्री शमशेर सिंह मन्हास और श्री जुगल किशोर शर्मा की उपस्थिति में जम्मू सम्मेलन केन्द्र में नगरसेवकों, सरपंचों और पंचों को संबोधित करते हुए डॉ. सिंह ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में अब 73वां और 74वां संशोधन अधिनियम लागू हैं जिससे सरपंचों और पंचों को निर्णय लेने के अधिकार मिलेंगे जिनसे वे पिछले 72 साल से वंचित रहे हैं। डॉ. सिंह ने प्रखण्ड विकास परिषद (बीडीसी) चुनाव के बारे में बात करते हुए कहा कि मोदी सरकार चाहती है कि जमीनी स्तर की भागीदारी लोकतंत्र का एक अभिन्न हिस्सा बने जिससे लोग सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से सशक्त बन सकें।

डॉ. सिंह ने यह भी कहा कि शाहपुर कंडी परियोजना, उज् नदी जल परियोजना, रेटल परियोजना, पकलडुल परियोजना, किरू परियोजना और देविका परियोजना जैसी लंबित पड़ी परियोजनाओं को अब सरकार ने मंजूरी दे दी है जो जन-केंद्रित हैं। सरकार चाहती है कि विकास के परिणाम जम्मू-कश्मीर के लोगों के दरवाजे तक पहुंचे।

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने मीडियाकर्मियों के लाभ के लिए जम्मू, कश्मीर और लद्दाख में तीन मीडिया केंद्र स्थापित करने की भी घोषणा की जहां राष्ट्रीय मीडिया केंद्र की तर्ज पर उन्हें सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

डॉ. सिंह ने हाल ही में की गई विकास गतिविधियों को भी गिनाया जिसमें लखनपुर टोल टैक्स को समाप्त करना, राज्य सरकार के कर्मचारियों के भत्ते में वृद्धि, केन्द्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना का क्रियान्वयन, छात्रों को दी जाने वाली शिक्षा ऋण, नई औद्योगिक नीति, राज्य सरकार के कर्मचारियों को एलटीसी देना इत्यादि शामिल हैं। डॉ. सिंह ने यह भी बताया कि जम्मू कश्मीर में अब बाल विवाह अधिनियम, दहेज अधिनियम, शिक्षा का अधिकार अधिनियम, भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम इत्यादि सभी केंद्रीय कानून लागू हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक असंतुलन को दूर करने के लिए केन्द्र सरकार प्रतिबद्ध है।

भारत सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन के संबंध में डॉ. सिंह ने कहा कि केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर ने आयुष्मान भारत योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई), उज्ज्वला योजना इत्यादि में अद्भुत काम किया है। इन योजनाओं के क्रियान्वयन के बारे में आंकड़े देते हुए डॉ. सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर आयुष्मान भारत योजना के क्रियान्वयन में पहले स्थान पर है। उन्होंने बताया कि पीएमएवाई के तहत 18534 घरों का निर्माण, स्वच्छ भारत के तहत 2.5 लाख शौचालयों का निर्माण और सभी घरों को उज्ज्वला योजना का लाभ मिल रहा है।

इससे पहले डॉ. जितेन्द्र सिंह ने जम्मू के मुड प्रखण्ड के गोले गुजराल इलाके में लगभग 1.53 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बनने वाले एक स्पोर्ट्स स्टेडियम की आधारशिला रखी। उन्होंने जम्मू के गोले गुजराल के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में 16 लाख रुपये की अनुमानित लागत से स्थापित एक स्मार्ट क्लास रूम का उद्घाटन किया।

एक सप्ताह से अधिक समय तक चलने वाले इस कार्यक्रम के एक हिस्से के रूप में 38 केंद्रीय मंत्री प्रदेश के दोनों संभागों जम्मू और कश्मीर के सभी जिलों के 60 अलग-अलग स्थानों का व्यापक दौरा करेंगे। यात्रा का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर और उसके लोगों के समग्र विकास के संबंध में सरकारी नीतियों और पिछले पांच महीनों में इस दिशा में उठाए गए कदमों के महत्व के बारे में जानकारी का प्रसार करना है। इस पहुंच कार्यक्रम में पांच विषयों जैसे जून 2018 से लागू राष्ट्रपति शासन और अगस्त 2019 में राज्य के पुनर्गठन के बाद तेज विकास, जम्मू-कश्मीर के सभी निवासियों के लिए 55 लाभार्थी उन्मुख योजनाओं का पूरी तरह पालन, पीएमडीपी, सर्वोत्कृष्ट एवं प्रतिष्ठित योजनाओं सहित तेजी से ढांचागत विकास, सुशासन और सभी क्षेत्रों में तेजी से औद्योगिक एवं आर्थिक विकास में अवसर की समानता के साथ आय तथा रोजगार पर ध्यान केंद्रित करना शामिल हैं।

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