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हमारी नदियों को केवल देवी मानने से उद्देश्य पूरा नहीं होगा, अगर वह नदियों के प्रति हमारे व्यवहार में दिखाई नहीं देगा: गजेंद्र सिंह शेखावत

गंगा दशहरा के अवसर पर ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, गंगा क्वेस्ट 2021 के आज परिणाम घोषित किए गए । इस अवसर पर केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने विजेताओं को बधाई दी और उन्हें सम्मानित किया। बच्चों और युवाओं को गंगा और भारत की अन्य नदियों के साथ-साथ पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए एक शैक्षिक कार्यक्रम के रुप में ऑनलाइन गंगा क्वेस्ट का आयोजन किया गया था। क्विज का आयोजन राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, जल शक्ति मंत्रालय द्वारा ट्री क्रेज फाउंडेशन के सहयोग से किया गया था।

इस मौके पर श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने नमामि गंगे कार्यक्रम को मजबूत करने के लिए जमीन पर काम कर रहे विजेताओं और स्वयंसेवकों से बातचीत की। श्री शेखावत ने कार्यक्रम को और प्रभावी बनाने के लिए स्वयंसेवकों से उनका फीडबैक भी मांगा। उन्होंने कहा, “नमामि गंगे के तहत निर्मित आधारभूत संरचनाओं (जैसे एसटीपी, घाट और श्मशान, आदि) को सभी देख सकते हैं, लेकिन इससे भी बड़ी उपलब्धि पवित्र गंगा के प्रति लोगों की जागरूकता और भक्ति को पुनर्जीवित करना होगा।” उन्होंने कहा कि हमारी नदियों को देवी मानने से तब तक उद्देश्य पूरा नहीं होगा जब तक वह नदियों के प्रति हमारे व्यवहार में दिखाई नहीं देता है। इसके लिए हमें जिम्मेदारी लेनी होगी।

मंत्री ने एनएमसीजी, टीसीएफ और सभी स्वयंसेवकों और समुदाय आधारित संगठनों जैसे गंगा विचारमंच, गंगादूत, गंगा मित्र, गंगा प्रहरी, जीटीएफ, आदि के प्रयासों की सराहना की और उनसे अपील की स्वयं संवी संगठन इस अभियान को जारी रखे। जिसके तहत गंगा, दूसरी नदियों और जल निकायों को स्वच्छ बनाया जा सके।

क्विज में भाग लेने वाले विजेताओं ने भी अपने अनुभव साझा किए। उनमें से कुछ का कहना था कि गंगा क्वेस्ट की तैयारी के बाद वे पर्यावरण के प्रति अधिक संवेदनशील हो गए हैं। कुछ प्रतिभागियों का कहना था कि क्विज के दौरान उन्होंने जो कुछ सीखा है, उससे न केवल वह गंगा बल्कि देश की सभी नदियों के प्रति समर्पण की भावना महसूस करते हैं। उन्होंने यह भी साझा किया कि जब वे प्रतियोगिता में भाग ले रहे थे  तो उनके परिवार के सदस्यों और दोस्तों ने भी इस विषय पर रूचि दिखाई। विजेताओं की सूची देखने के लिए यहां क्लिक करें..

इस मौके पर विश्व बैंक के श्री जेवियर चौवोट डी ब्यूचेन ने विजेताओं को परिवर्तन का एजेंट बनकर पर्यावरण के संरक्षण में योगदान जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा, “युवा सोशल मीडिया को अच्छी से समझते हैं और वह गंगा को पुनरूद्धार करने के दूत बन सकते हैं।” उन्होंने एनएमसीजी और टीसीएफ को 100 से अधिक देशों और दस लाख से अधिक प्रतिभागियों तक पहुंचने के लिए बधाई दी। उन्होंने नदी के पुनरूद्धार के लिए एनएमसीजी के प्रयासों को भी साझा किया किया।

कार्यक्रम में राष्ट्रीय शहरी मामलों के संस्थान (एनआईयूए) के सहयोग से एनएमसीजी द्वारा  तैयार ‘नदी संवेदनशील मास्टर प्लान बनाने के लिए रणनीतिक दिशानिर्देश ‘ भी जारी किया गया। एनआईयूए के निदेशक श्री विक्टर शिंदे ने उपस्थित लोगों को इस मास्टर प्लान के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि योजना के पीछे विचार यह था कि किसी भी नदी में ज्यादातर प्रदूषण उसके किनारे बसे शहरों के कारण होता है। उन्होंने कहा कि “अगर शहर समस्या का हिस्सा हैं, तो उन्हें समाधान का हिस्सा भी बनना होगा,” उन्होंने बताया कि इन दिशानिर्देशों के प्रमुख बिंदुओं को दिल्ली के एमपीडी 2041 के मसौदे में भी जगह मिली है।

ट्री क्रेज फाउंडेशन की सीईओ सुश्री भावना बडोला  ने गंगा क्वेस्ट और इसकी विविधता जैसे  स्कूलों और शिक्षकों के बीच चैंपियन और अधिकतम भागीदारी वाले स्कूलों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने अनवरत सीख एवं सक्रियता पोर्टल (सीएलएपी) पर एक प्रस्तुति भी दी। सीएलएपी एक लर्निंग पोर्टल है जिससे बच्चों को साल भर व्यस्त रखने के लिए गतिविधियों जैसे क्विज़, क्रॉसवर्ड, चर्चा आदि गतिविधयां करने का मौका मिलेगा। सभी गतिविधियों का उद्देश्य बच्चों और युवाओं को हमारी नदियों की रक्षा और उनको प्रदूषण रहित बनाने के लिए संवेदनशील बनाना और प्रेरित करना है।

इस अवसर पर जल शक्ति मंत्रालय के सचिव श्री पंकज कुमार ने मुख्य संबोधन दिया। उन्होंने विजेताओं को बधाई दी और सभी लोगों को गंगा दशहरा की भी शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि नदी आधारित मास्टर प्लान के लिए दिशा-निर्देश जारी करना नदियों के संरक्षण की दिशा में एक बेहद अहम कदम है। एनएमसीजी के महानिदेशक श्री राजीव रंजन मिश्रा ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि गंगा क्वेस्ट के प्रति उत्साह साल दर साल बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष 113 देशों से 11 लाख लोगों ने क्विज के लिए पंजीकरण कराया। उन्होंने कहा, “हम इसी तरह देश के दूरदराज के इलाकों तक भी पहुंच सकते हैं। उन्होंने कहा कि मास्टर प्लान को नदी के प्रति संवेदनशील बनाने से नदी और शहरों का जुड़ाव बेहतर होगा। साथ ही इससे शहरों और नदियों दोनों के टिकाऊ विकास में मदद मिलेगी। इस कार्यक्रम को बेल्जियम, ऑस्ट्रिया, नीदरलैंड, स्वीडन और जर्मनी आदि देशों सहित दुनिया भर के 7000 से अधिक लोगों ने लाइव देखा।

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