उत्तर प्रदेश

कोविड तथा नाॅन कोविड अस्पतालों में प्रोटोकाॅल का पूर्ण पालन करते हुए उपचार किया जाए

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना श्री अवनीश कुमार अवस्थी ने आज यहां लोक भवन में प्रेस प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रत्येक सरकारी एवं निजी चिकित्सालय, थाना, राजस्व न्यायालय/तहसील, विकास खण्ड तथा जेल में कोविड हेल्प डेस्क की स्थापना करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि कोविड हेल्प डेस्क पर कोविड-19 के संक्रमण से बचाव सम्बन्धी सावधानियों के पोस्टर लगाए जाए। कोविड हेल्प डेस्क पर पल्स आॅक्सीमीटर, इंफ्रारेड थर्मामीटर तथा सेनिटाइजर की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। मेडिकल उपकरणों के संचालन के सम्बन्ध में कोविड हेल्प डेस्क पर तैनात कर्मियों को प्रशिक्षित किया जाए। इन कर्मियों को मास्क तथा ग्लव्स उपलब्ध कराए जाएं। उन्होंने कहा है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि कोविड हेल्प डेस्क पर हमेशा एक से दो कर्मी अनिवार्य रूप से उपलब्ध रहें। कोविड हेल्प डेस्क का प्रतिदिन प्रातः 07 बजे से सायं 07 बजे तक संचालन किया जाए। प्राइवेट अस्पतालों को भी कोविड हेल्प डेस्क की स्थापना के लिए प्रेरित किया जाए। उन्होंने स्थापित की गईं कोविड हेल्प डेस्क की सूची उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए हंै। उन्होंने बताया कि आगरा शहर में 644 स्थानों पर, फिरोजाबाद में 144, मथुरा में 50, मैनपुरी में 20 इसी प्रकार मेरठ एवं सहारनपुर मंडल में काफी संख्या में हेल्प डेस्क स्थापित किये जा चुके है। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही एक-दो दिन में पूरे प्रदेश में कोविड हेल्प डेस्क स्थापित करने की प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी। मुख्यमंत्री जी ने जनपदों में भेजे जाने वाले विशेष सचिव स्तर के अधिकारियों को जनपदों में रहकर स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाओं को बेहतर करने में सम्बन्धित मुख्य चिकित्सा अधिकारी को सहयोग प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के आपदाकाल में इन अधिकारियों द्वारा किए गये कार्यों का विशेष रूप से मूल्यांकन किया जाएगा। उन्होंने बताय कि जनपदों में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का निरीक्षण करने के लिए पहले भी प्रमुख सचिव, सचिव, विशेष सचिव, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी एवं वरिष्ठ चिकित्साधिकारी को भेजा गया है।
श्री अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि टेस्टिंग की संख्या में लगातार वृद्धि की जाए। टेस्टिंग क्षमता बढ़ाकर 20,000 प्रतिदिन करने पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि इसे बढ़ाकर इस माह के अंत तक 25,000 किया जाय। उन्होंने बताया कि कोविड-19 की जांच के लिये नयी तकनीकि एन्टीजन टेस्ट की किट आ गयी है, कल से इसे पूरे प्रदेश में प्रारम्भ कर दिया जायेगा। सर्विलांस व्यवस्था को और बेहतर करने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि इस उद्देश्य के लिए जनपदों में विशेष सचिव स्तर के अधिकारी भेजे जा रहे हैं। सर्विलांस कार्य को सुदृढ़ करने से मेडिकल टेस्टिंग की संख्या बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा है कि आशा वकर्स के साथ ए0एन0एम0 एवं मेडिकल की टीम को जोड़ते हुए सर्विलांस के कार्य को तेज किया जाये। सर्विलांस कार्य का वार्ड स्तर तक माइक्रोमैनेजमेन्ट किया जाये। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने मेडिकल स्क्रीनिंग के कार्य के लिए अविलम्ब 01 लाख से अधिक टीम गठित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि टीम के द्वारा प्रत्येक व्यक्ति की हर सप्ताह नियमित तौर पर मेडिकल स्क्रीनिंग का कार्य किया जाए। टीम के सदस्यों को मास्क, ग्लव्स एवं सेनिटाइजर उपलब्ध कराया जाए। स्क्रीनिंग के पश्चात मेडिकल टेस्टिंग के लिए आवश्यकतानुसार सैम्पल लिए जाएं। लक्षणरहित संक्रमित लोगों को उपचार के लिए कोविड चिकित्सालय में भर्ती किया जाए। उन्होंने ट्रेनिंग, सर्विलांस, मेडिकल टेस्टिंग तथा कोविड हेल्प डेस्क के कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि कोविड चिकित्सालयों में बेड की संख्या बढ़ाने के लिए निरन्तर प्रयास किए जाएं। कोविड तथा नाॅन कोविड अस्पतालों में प्रोटोकाॅल का पूर्ण पालन करते हुए उपचार किया जाए। अस्पतालों में साफ-सफाई की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। डाॅक्टर तथा नर्सिंग स्टाफ द्वारा नियमित राउण्ड लिया जाए। चिकित्सालय में भर्ती मरीजों की नियमित माॅनिटरिंग की जाए। उन्होंने चिकित्सा कर्मियों को मेडिकल इंफेक्शन से सुरक्षित रखने के लिए ट्रेनिंग पर विशेष बल दिया।
श्री अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि पोस्टर, होर्डिंग, रेडियो तथा टेलीविजन के माध्यम से कोविड-19 से बचाव के सम्बन्ध में जागरूकता का निरन्तर प्रचार किया जाए। पब्लिक एड्रेस सिस्टम का उपयोग करते हुए लोगों को मास्क लगाने, फिजिकल डिस्टेंस बनाए रखने तथा संक्रमण के लक्षणों आदि के बारे में जागरूक किया जाए। सूचना विभाग को कोविड के संक्रमण से बचाव संबधी पोस्टर लगाने के संदेश दे दिये गये है। सूचना विभाग द्वारा पोस्टर लगाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। उन्होंने मास्क लगाने के लिए प्रवर्तन कार्यवाही में सघनता लाने के निर्देश देते हुए कहा कि पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से इसके लिए भी लोगों को प्रेरित व जागरूक किया जाए। उन्होंने कहा कि सभी उम्र के लोग माॅस्क अवश्य लगाये। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए है कि निःशुल्क राशन वितरण का कार्य सुचारु ढंग से कराया जाए। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पांच चरणों में निःशुल्क खाद्यान्न वितरण का कार्य सफतलापूर्वक किया जा चुका है। निःशुल्क खाद्य वितरण का छठा चरण 20 जून से प्रारम्भ हुआ है उन्होंने बताया कि तीन दिन में अब तक 3,56,28,696 राशन कार्डों के सापेक्ष 2,39,36,517 राशन कार्डों पर 10,15,09,060 यूनिट पर खाद्यान्न का वितरण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि मात्र तीन दिन में 67.18 प्रतिशत राशन कार्डों पर खाद्यान्न का वितरण कर दिया गया है। छठे चरण में चावल और चना का वितरण किया जा रहा है। अब तक 5,07,544.9 मीट्रिक टन चावल एवं 23,734.31 मीट्रिक टन चना का वितरण किया गया है। कोविड-19 से बचाव की समुचित सावधानी बरतते हुए खाद्यान्न वितरित किया जाए। उन्होंने गौ-आश्रय स्थलों की व्यवस्था को सुदृढ़ बनाए रखने के निर्देश देते हुए कहा है कि बरसात के मौसम में पशु रोगों के दृष्टिगत गौवंश के स्वास्थ्य के प्रति आवश्यक सावधानियां बरती जाएं। उन्होंने अवैध शस्त्रों पर नियंत्रण के लिए त्वरित और सघन अभियान संचालित करने के निर्देश भी दिए हैं।
श्री अवस्थी ने बताया कि गृह विभाग की धारा 188 के तहत 75,666 एफआईआर दर्ज करते हुये 1,97,035 लोगों को नामजद किया गया है। प्रदेश में अब तक 73,16,589 वाहनांे की सघन चेकिंग में 57,510 वाहन सीज किये गये। चेकिंग अभियान के दौरान 33,41,99,656 रूपए का शमन शुल्क वसूल किया गया। आवश्यक सेवाओं हेतु कुल 3,08,205 वाहनों के परमिट जारी किये गये हैं। कालाबाजारी एवं जमाखोरी करने वाले 942 लोगों के खिलाफ 714 एफआईआर दर्ज करते हुए 336 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि फेक न्यूज के तहत अब तक 1539 मामलों को संज्ञान में लेते हुए कार्यवाही की गई है। 23 जून को कुल 07 मामले, जिनमें ट्विटर के 04 और फेसबुक के 03 मामले को संज्ञान में लिया गया हंै तथा साइबर सेल को आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित। 23 जून तक ट्वीटर के 83, फेसबुक के 81, टिकटाॅक के 47 तथा व्हाटसएप के 01 एकाउण्ट कुल 211 एकाउण्ट्स को ब्लाॅक किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 2760 हाॅट स्पाॅट के 853 थानान्तर्गत 8,71,144 मकानों के 54,39,570 लोगों को चिन्हित किया गया है।
अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में टेस्टिंग का कार्य तेजी से किया जा रहा है। कल एक दिन में 14,676 सैम्पल की जांच की गयी। उन्होंने बताया कि अब तक कुल 5,88,186 सैम्पल की जांच की गयी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 75 जनपदों में 6,189 कोरोना के मामले एक्टिव हैं। उन्होंने बताया कि अब तक 12,116 मरीज पूरी तरह से उपचारित हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि पूल टेस्ट के अन्तर्गत कुल 1352 पूल की जांच की गयी, जिसमें 1242 पूल 5-5 सैम्पल के तथा 110 पूल 10-10 सैम्पल की जांच की गयी। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमित व्यक्तियों के उपचारित होने का प्रतिशत अब बढ़कर 64.13 हो गया है। टेस्टिंग क्षमता को निरन्तर बढ़ाया जा रहा है। प्रदेश में कोविड जांच को नयी तकनीकि एण्टीजन टेस्ट को शीघ्र ही प्रारम्भ कर दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि कोरोना जांच के लिए अब नई तकनीकी एन्टीजन टेस्ट को प्रदेश में शीघ्र ही शुरू किया जायेगा। एन्टीजन टेस्ट लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, गोरखपुर, कानपुर नगर एवं मेरठ मण्डल के जनपदों में शुरू किया जायेगा।
श्री प्रसाद ने बताया कि आशा वर्कर्स द्वारा अब तक 18,18,405 लाख कामगारों/श्रमिकों से उनके घर पर जाकर सम्पर्क किया गया। जिसमें से 1523 लोगों में कोरोना जैसे लक्षण मिले। इन लोगों के सैम्पल लेकर उनकी जांच की जा रही है, जिसमंे से 1166 लोगों की रिपोर्ट आ गयी हैं। इनमे 212 लोग कोरोना के संक्रमित पाये गये है। उन्होंने बताया कि ग्राम एवं मोहल्ला निगरानी समितियों के द्वारा निगरानी का कार्य सक्रियता से किया जा रहा है। अब तक 1,38,225 लाख सर्विलांस टीम द्वारा 1,01,93,353 घरों के 5,20,64,329 लोगों का सर्वेक्षण किया गया है। उन्होंने बताया कि आरोग्य सेतु ऐप से अलर्ट जनरेट आने पर कन्ट्रोल रूम द्वारा निरन्तर फोन किया जा रहा है। अलर्ट जनरेट होने पर अब तक 90,400 लोगों को कन्ट्रोल रूम द्वारा फोन कर जानकारी प्राप्त की गयी।
श्री प्रसाद ने बताया कि प्रदेश के सभी 75 जनपदों में रैण्डम सैम्पलिंग के अन्तर्गत प्रदेश के जनपदों में विभिन्न प्रदेशों से आये हुए कामगारों/श्रमिकों, सभी जनपदों के स्लम्स, आश्रय स्थलों, ओल्ड एज होम एवं बाल सुधार गृह में रह रहे व्यक्तियों एवं प्रदेश के सरकारी एवं निजी अस्पतालों के कर्मियों के सैम्पल की जांच की गयी। उन्होंने बताया कि रैण्डम सैम्पलिंग के तहत वेंडर, डिलीवरी मैन, फेरी वाले एवं ढाबा आदि के लोगों के सैम्पल लेकर जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि आज पूरे प्रदेश में रैण्डम सैम्पलिंग के तहत आॅटो, साइकिल रिक्शा, बस चालक आदि के सैम्पल लिये जा रहे है।

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