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केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि कोविड-19 के बावजूद पिछले साल की तुलना में गेहूं की खरीद 15 प्रतिशत अधिक रही

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान, मोदी सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि फसलों की अधिकतम खरीद हो। यह इस बात की ओर संकेत करता है कि संकट के समय में प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी और उनके नेतृत्व में चल रही टीम किसान समुदाय की जरूरतों का जवाब देने के लिए प्रतिबद्ध है।

बसोहली और रियासी के परिधीय क्षेत्रों के किसानों, पंचायत प्रतिनिधियों और स्थानीय कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत करते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि कोविड-19 के बावजूद  पिछले साल की तुलना में, गेहूं की खरीद 15 प्रतिशत अधिक थी और पूरे देश में करीब 390  लाख टन गेहूं की खरीद हुई। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की सावधानियां बरतते हुए, केंद्र ने किसानों के दरवाजे से खरीद सुनिश्चित की है।

महामारी के दौरान कृषि क्षेत्र के लिए सरकारी पहलों का उल्लेख करते हुए मंत्री महोदय ने बताया कि केंद्र ने किसानों को फसल की खरीद और अन्य कल्याणकारी उपायों के लिए 75,000 करोड़ रुपये वितरित किए हैं।

उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के दौरान गेहूं खरीद केन्द्रों में भी तीन गुना वृद्धि हुई है और इसी प्रकार दाल और तिलहन के खरीद केन्द्रों में भी लगभग तीन गुना वृद्धि हुई है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले छह वर्षों में मोदी सरकार द्वारा कई अभिनव सुधार लाए गए जिनमें मृदा स्वास्थ्य कार्ड, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, किसान कार्ड, नीम कोटेड यूरिया, सूक्ष्म सिंचाई, किसानों के समग्र लाभ के लिए ई-मंडियों और एफपीओ का निर्माण शामिल है। उन्होंने दोहराया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और एपीएमसी (कृषि उपज एवं पशुधन बाजार समिति) जारी रहेगा और इसे किसी भी कीमत पर कभी नहीं हटाया जाएगा।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने आगाह किया कि कुछ निहित स्वार्थी तत्व किसानों को मिटाने को लेकर मिथक फैला रहे हैं, जिसका हर स्तर पर मुकाबला करने की जरूरत है। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले छह वर्षों में फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को मोदी सरकार ने उत्तरोत्तर बढ़ाया है।

किसानों द्वारा की गई आत्महत्याओं का उल्लेख करते हुए केंद्रीय मंत्री ने दोहराया कि कृषि समर्थक सभी उपायों और नए कृषि कानूनों में विशिष्ट संरक्षण और सुरक्षा प्रावधान रखे गए हैं, जिससे किसानों को राहत की सांस मिलेगी और कृषि क्षेत्र में समृद्धि आएगी। उन्होंने कहा कि नए उपायों से कृषि क्षेत्र में नई क्रांति आएगी और युवा पीढ़ी इस व्यवसाय को एक नए और लाभदायक उपक्रमी के रूप में देखेगी।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए कृषि सुधारों से फसल लागत चुनने और किसानों को अधिक खरीदार तथा जिस मूल्य पर वे फसल बेचना चाहते हैं ये चुनने की आज़ादी मिलती है। उन्होंने साफ कहा कि एक अनुबंध-पत्र यह गारंटी देगा कि किसानों को तय मूल्य मिले। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, नया कानून स्पष्ट रूप से किसानों की भूमि की बिक्री, पट्टा या गिरवी रखने पर प्रतिबंध लगाता है|

डॉ. जितेंद्र सिंह ने सभी कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे हर गांव के हर किसान तक पहुंचें और उनके खिलाफ रची जा रही बड़ी साजिश के बारे में उन्हें समझाएं। उन्होंने कहा कि इससे कृषि समुदाय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई कल्याणकारी पहलों का लाभ उठा पाएंगे।

बसोहली से बातचीत में भाग लेने वालों में कर्नल (सेवानिवृत्त) महान सिंह, रामचंद, अजीत सिंह, नरेश बसोत्रा, जसविंदर सिंह “जस्सी”, केवल सिंह, बलबिंदर सिंह, तेजिंदर सिंह, युबकरन सिंह, सुषमा जम्वाल, शंकर सिंह, नमन शर्मा व अन्य शामिल थे।

रियासी से भाग लेने वालों में पदम देव सिंह, मुंशी राम, मोहिंदर कुमार, शंकर शर्मा व अन्य शामिल थे।

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