देश-विदेश

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्व में उत्तर पूर्व की कार्य संस्कृति में क्रांतिकारी परिवर्तन हुआ है

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं पृथ्वी विज्ञान (स्वतंत्र प्रभार), पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने आज कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर की कार्य संस्कृति में पिछले 8 वर्षों में क्रांतिकारी बदलाव आया है।

उन्‍होंने कहा कि इसके परिणाम स्‍वरूप अब उत्तर पूर्व में परियोजनाएं समय-सीमा के भीतर पूरी हो रही हैं और केंद्रीय निधि का शत-प्रतिशत उपयोग हो रहा है। प्रत्‍येक राज्य रेलवे द्वारा केंद्रीय राजधानी से जुड़ा हुआ है और सभी आठ राज्यों में अपने हवाई अड्डे स्‍थापित हो रहे हैं। गुवाहाटी में महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा स्‍थापित हो गया है।

अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू के साथ यहां ‘प्रशासनिक सुधारों के माध्यम से नागरिकों और सरकार को नजदीक लाना’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए, डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि 2014 से पहले उत्तर पूर्व क्षेत्र को आर्थिक रूप से अदूरदर्शी नीतियों के कारण नुकसान उठाना पड़ा था। 2014 से पहले उत्तर पूर्व क्षेत्र को क्रमिक केन्‍द्र सरकारों की आर्थिक रूप से अदूरदर्शी नीतियों के कारण नुकसान उठाना पड़ा था, लेकिन 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के तुरंत बाद, प्रधानमंत्री ने यह कहा था कि इस क्षेत्र को देश के अधिक विकसित क्षेत्रों के बराबर लाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्षों में न केवल विकासात्मक कमियों को सफलतापूर्वक कम किया गया है, बल्कि पूर्वोत्‍तर क्षेत्र में भी मनोवैज्ञानिक विश्वास हासिल किया है। डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने कहा कि सड़क, रेल और हवाई संपर्क के मामले में महत्वपूर्ण विकास न केवल पूरे क्षेत्र में बल्कि पूरे देश में माल और यात्रियों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने में मदद कर रहा है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि श्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद ही इस तरह के सम्मेलन अरुणाचल प्रदेश जैसे सुदूर उत्तर पूर्व राज्यों के साथ-साथ अन्य पहाड़ी और पिछड़े क्षेत्रों में जीवन के हर क्षेत्र के लोगों को सशक्त बनाने के लिए आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा किईटानगर सम्मेलन प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग द्वारा आयोजित किया जा रहा है। यह अगस्त, 2019 में मेघालय में आयोजित ई-गवर्नेंस पर राष्ट्रीय सम्मेलन के बाद आयोजित किया जा रहा है। मेघालय में आयोजित सम्‍मेलन में ई-गवर्नेंस पर ‘शिलांग घोषणा’ को सर्वोत्तम प्रथाओं,नवीनतम प्रौद्योगिकी विकास और प्रभावी शासन एवं सार्वजनिक सेवा वितरण प्राप्त करने के लिए उनके लाभ उठाने के लिए अपनाया गया था।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग सरकार के सहयोग से अरुणाचल प्रदेश और सुशासन केन्‍द्र हैदराबाद ने जिलों में शासन की दक्षता में सुधार के लिए राष्ट्रीय सुशासन सूचकांक की तर्ज पर एक जिला सुशासन सूचकांक विकसित किया है, जो उत्तर पूर्वी राज्यों के लिए पहली बार हुआ है। उन्होंने कहा कि डीएआरपीजी ने अरुणाचल प्रदेश के प्रत्येक जिले की मासिक आधार पर रैंकिंग की निगरानी करने के लिए एक जिला सुशासन पोर्टल विकसित करने और अरुणाचल प्रदेश राज्य के भीतर बेंचमार्किंग प्रदर्शन में मदद करने के लिए अरुणाचल प्रदेश सरकार के साथ सहयोग करने की भी योजना बनाई है। यहां यह उल्लेख करना भी उचित है कि उत्तर पूर्व क्षेत्र के लिए ऑनलाइन सुशासन सूचकांक बनाना वांछनीय है जो अरुणाचल प्रदेश के जिला सुशासन सूचकांक की तर्ज पर वार्षिक सुधारों को ट्रैक करता है और उसकी निगरानी एक डिजिटल पोर्टल के माध्यम से की जाती है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी अरुणाचल प्रदेश को पूर्वी एशिया का प्रमुख प्रवेश द्वार बनाने के लिए काम कर रहे हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा के संबंध में अरुणाचल प्रदेश की भूमिका को देखते हुए आधुनिक बुनियादी ढांचे की स्थापना की गई है। प्रकृति ने अरुणाचल को अपने अलमोल खजाने से संपन्न बनाया है और केंद्र भी अरुणाचल की पर्यटन क्षमता को पूरी दुनिया के सामने लाने की कोशिश कर रहा है।

प्रशासनिक सुधारों का पुन: जिक्र करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत इस बात में विश्‍वास करता है कि 21वीं सदी का लोक शिकायत निवारण एकल खिड़की एजेंसियों पर आधारित होगा, जो नागरिकों को बेहतर सेवाओं की जानकारी देने का उपयोग करने में मदद करेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि वन नेशन वन पोर्टल, नागरिक की पहुंच बढ़ाने के लिए बहुभाषी सीपीजीआरएएमएस, शिकायत निवारण की गुणवत्ता को मापने के लिए डेटा एनालिटिक्स, फीडबैक कॉल सेंटर और सीपीजीआरएएमएस पोर्टल आदि नागरिक प्रतिलेखों के प्रावधान सहित कई तरीकों पर विचार किया गया है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि उनका यह मानना ​​​​है कि 2047 में भारत हमारे मेहनती सिविल सेवकों द्वारा शासित होगा जो अत्यधिक दक्षता के साथ देश की सेवा करेंगे। विजन@2047 के साथ युवा सिविल सेवकों को प्रेरित और शामिल करना महत्वपूर्ण है।

श्री एनबीएस राजपूत, संयुक्त सचिव, एआरपीजी ने स्वागत संबोधन दिया। इस संबोधन के बाद श्री धर्मेंद्र, मुख्य सचिव, अरुणाचल प्रदेश सरकार, श्री लोक रंजन, सचिव, डीओएनईआर और श्री वी. श्रीनिवास, सचिव, एआरपीजी ने भी उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। डीएआर एंड पीजी द्वारा उत्तर पूर्व क्षेत्र में बनाई गई पीएम अवार्डेड इनिशिएटिव 2021 पर एक फिल्म दिखाई गई। श्री अजय चगती, सचिव (एआर) अरूणाचल प्रदेश सरकार ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया।

Related Articles

Back to top button