देश-विदेश

नागरिक सेवाओं को सुगम बनाने के लिए टैक्नोलाजी का उपयोग करें: उपराष्ट्रपति

नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडु ने नागरिक सेवाओं की उपलब्धता को सुगम और जनकेन्द्रित बनाने का आह्वाहन किया। नई दिल्ली में टाइम्स समूह द्वारा ई टी गर्वन्मेंट पोर्टल के लोकार्पण तथा डिजिटेक कान्क्लेव 2019 के उद्घाटन के अवसर पर विचार व्यक्त करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि टैक्नोलाजी ही परिवर्तन का बड़ा कारक रही है जिसने भ्रष्टाचार के क्रमश: निवारण तथा प्रशासन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने में सहायता प्रदान की है। स्वास्थ्य, भूमि पंजीकरण, टैक्स जमा करने तथा शहरी आयोजना जैसी नागरिक सेवाओं को सुगम बनाने में टैक्नोलाजी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

उन्होंने उम्मीद जताई कि ई टी गर्वन्मेंट पोर्टल डिजिटल टैक्नोलाजी के परिवर्तनकारी महत्व के बारे में न सिर्फ जन जागृति का प्रसार करेगा बल्कि प्रशासनिक पद्वतियों और प्रणलियों को जनता के लिए और सुगम और सरल बनाने में सहायक होगा। मैकेन्जी ग्लोबल इंस्टीट्यूट के हाल के अध्ययन का संदर्भ देते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि आज इंडोनेशिया के बाद भारत ही विश्व की दूसरी सबसे तेजी से डिजिटल होती हुई अर्थव्यवस्था है। उन्होंने कहा कि डिजिटलीकरण की संभावनाएं सूचना प्रौद्योगिकी, संचार तथा आन लाइन रिटेल तक ही सीमित नहीं है बल्कि वित्तीय सेवाओं, कृषि, शिक्षा तथा लाजिस्टिक्स जैसे क्षेत्रों में भी क्रांतिकारी परिवर्तन ला रही है।

आज भारत विश्व से पहले से कहीं अधिक निकटता से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि डिजिटलीकरण कई प्रकार से समावेशी विकास सुनिश्चित करता है। हमें डिजिटल माध्यमों से संपर्क, आन लाइन कारोबार को और अधिक प्रचलित करना है और स्वीकार्य बनाना है।

सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में रोजगार और आर्थिक समृद्धि की बेहतर संभावनाओं की चर्चा करते हुए उपराष्ट्रपति ने संतोष व्यक्त किया कि सरकार बीपीओ. क्रांति को अब छोटे शहरों तक पहुंचा रही है जहां रोजगार की नई संभावनाऐं पैदा हो रही हैं। सूचना प्रौद्योगिकी तथा उस पर आधारित व्यवसायों के माध्यम से संतुलित क्षेत्रीय विकास सुनिश्चित किया जा रहा है।

श्री नायडु ने शिक्षण संस्थाओं, उद्योग जगत, गैर सरकारी संस्थाओं, केन्द्र और राज्य सरकारों से आग्रह किया कि वे युवाओं को जरूरी प्रशिक्षण दें और उनकी ऊर्जा और उद्यमिता को देश को अगली आर्थिक महाशक्ति बनाने की दिशा में निर्देशित करें। उन्होंने कहा कि डिजिटलीकरण विकास/प्रगति का महत्वपूर्ण कारक है, वह पारदर्शिता सुनिश्चित करता है जिससे निवेशकों का भरोसा बढ़ता है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत सदैव ही लोक कल्याण के लिए टैक्नोलाजी के प्रयोग का अग्रणी समर्थक रहा है। विश्व की बड़ी टैक्नोलाजी कंपनियों द्वारा भारत में किये जा रहे निवेश तथा भारत में स्थपित किये जा रहे उनके विशाल शोध संस्थान, टैक्नोलाजी के क्षेत्र में भारत की बढ़ती प्रतिष्ठा और शक्ति की पुष्टि करते हैं।

उपराष्ट्रपति ने आह्वाहन किया कि टैक्नोलाजी का प्रयोग सिर्फ व्यवसाय की सरलता के लिए ही नहीं बल्कि नागरिकों के जीवन को सुगम और संतुष्ट बनाने के लिए किया जाना चाहिए।

Related Articles

Back to top button