अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान ‘वायु’ पूर्वोत्तर और पूर्व मध्य अरब सागर पर : गुजरात तट के लिए चक्रवात की चेतावनी: नारंगी संदेश
नई दिल्ली: पूर्व मध्य और उससे सटे पूर्वोत्तर अरब सागर पर बना भीषण चक्रवाती तूफान ‘वायु’ पिछले 6 घंटों में 11 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर-पश्चिमोत्तर की ओर बढ़ गया है और आज(13 जून, 2019) भारतीय समय के अनुसार प्रात: साढ़े पांच बजे यह उत्तर-पूर्व एवं उससे सटे पूर्व-मध्य अरब सागर पर दीव के 150 किलोमीटर पूर्वी मध्य दक्षिण-पश्चिम में अरब सागर में, वेरावल(गुजरात) के दक्षिण-पश्चिम में 110 किलोमीटर तथा पोरबंदर(गुजरात) से लगभग 150 किलोमीटर दक्षिण में 20.3° उत्तरी अक्षांश और 69.5° पूर्वी देशांतर पर केन्द्रित था।
इसके कुछ समय के लिए उत्तर-पश्चिमोत्तर की ओर बढ़ने और फिर 13 जून, 2019 के अपराह्न तक हवा की 135 -145 किमी प्रति घंटे से 160 किमी प्रति घंटे तक की रफ्तार से सोमनाथ, दीव, जूनागढ़, पोरबंदर और देवभूमि द्वारका को प्रभावित करते हुए पश्चिमोत्तर में सौराष्ट्र तट की ओर बढ़ने की संभावना है।
निम्नलिखित तालिका में पूर्वानुमान और तीव्रता की स्थिति दी गई है :
तिथि/समय (आईएसटी) | स्थिति (उत्तरी अंक्षाश0/पूर्वी देशांतर0) | हवा की अधिकतम गति (किलोमीटर प्रति घंटे) | चक्रवाती विक्षोभ की श्रेणी |
13.06.19/0530 | 20.3/69.5 | 135-145 gusting to 160 | अति भीषण चक्रवाती तूफान |
13.06.19/1130 | 20.8/69.4 | 135-145 से 160 | अति भीषण चक्रवाती तूफान |
13.06.19/1730 | 21.2/69.3 | 135-145 से 160 | अति भीषण चक्रवाती तूफान |
13.06.19/2330 | 21.5/69.1 | 130-140 से 155 | अति भीषण चक्रवाती तूफान |
14.06.19/0530 | 21.7/68.9 | 130-140 से 155 | अति भीषण चक्रवाती तूफान |
14.06.19/1730 | 22.0/68.5 | 120-130 से 145 | अति भीषण चक्रवाती तूफान |
15.06.19/0530 | 22.1/68.2 | 110-120 से 135 | भीषण चक्रवाती तूफान |
15.06.19/1730 | 22.2/67.8 | 100-110 से 125 | भीषण चक्रवाती तूफान |
चेतावनी :
(i) भारी वर्षा की चेतावनी :
सब-डिवीजन | 13 जून 2019* | 14 जून 2019* |
कोंकण और गोवा | छिटपुट स्थानों पर भारी वर्षा के साथ दूर-दूर तक वर्षा | दूर-दूर तक अच्छी वर्षा |
सौराष्ट्र और कच्छ | भारी वर्षा कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा तथा सौराष्ट्र के तटवर्ती जिलों में इक्का-दुक्का स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा | भारी वर्षा कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा तथा सौराष्ट्र के तटवर्ती जिलों में इक्का-दुक्का स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा |
गुजरात क्षेत्र | कुछ स्थानों पर वर्षा इक्का–दुक्का स्थानों पर भारी वर्षा | कुछ स्थानों पर वर्षा |
नोट : * अगले दिन के 0830 बजे तक वर्षा।
संकेतक: पीला : अद्यतन रहें; नारंगी– तैयार रहें; लाल – कार्रवाई करें, हरा : कोई चेतावनी नहीं
भारी वर्षा : 64.5-115.5 एमएम/दिन; बहुत भारी वर्षा : 115.6-204.4 एमएम/दिन; अत्यधिक भारी वर्षा : 204.4 एमएम/दिन से अधिक
(ii) हवा की चेतावनी:
o 13 जून : उत्तरी अरब सागर और गुजरात तट पर 135-145 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से लेकर 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है। इस बात की भी काफी संभावना है कि उत्तरी महाराष्ट्र के तटवर्तीय इलाकों और पूर्व-मध्य अरब सागर के उत्तरी भागों में 50-60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से 70 किमी प्रति घंटे की हवाएं चल सकती हैं।
o 14 जून: उत्तरी अरब सागर और गुजरात तट पर सुबह 120-130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से 145 किमी प्रति घंटे की रफ्तार की हवाएं चलने की संभावना है और उसके बाद पूर्वी-मध्य अरब सागर के उत्तरी भागों में 40-50 किमी प्रति घंटा हवा से लेकर 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है।
o 15 जून: उत्तर अरब सागर और गुजरात तट पर शाम तक 100-110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से 125 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने और धीरे-धीरे कम हो जाने की संभावना है।
(iii) समुद्र की स्थिति:
· उत्तरी अरब सागर और गुजरात तट पर समुद्र की स्थिति 15 जून 2019 तक और अगले 12 घंटों के दौरान पूर्वी मध्य अरब सागर के उत्तरी भागों में असाधारण है
· 13 जून, 2019 को उत्तर महाराष्ट्र तट और उसके नजदीक क्षेत्र में समुद्र की स्थिति बहुत अधिक खराब होने की आशंका है।
(iv) मछुआरों को चेतावनी:
मछुआरों को सलाह दी जाती है कि वे 15 जून तक उत्तर अरब सागर और उससे सटे इलाकों तथा गुजरात तट और पूर्वी मध्य अरब सागर और महाराष्ट्र तट से सटे इलाकों में 13 जून 2019 को समुद्र में न जाएं ।
(v) तूफान बढ़ने की चेतावनी:
13 जून 2019 की दोपहर को मंगरोल, जूनागढ़ जिले के पास लगभग 1.6 मीटर ऊंचा ज्वार उठने और जिसके कारण निचले तटीय इलाकों में पानी भर जाने की आशंका है।
(vi) गुजरात के गीर सोमनाथ, दीव, जूनागढ़, पोरबंदर और द्वारका में नुकसान की आशंका है और कार्रवाई के लिए सुझाव दिये गये हैं :
(i) छप्पर वाले मकानों की पूरी बर्बादी/कच्चे मकानों को व्यापक नुकसान। पक्के मकानों को कुछ हद तक नुकसान। हवा में उड़ती वस्तुओं से खतरे की आशंका।
(ii) बिजली और संचार के खंभों का झुकना/उखड़ना।
(iii) कच्ची और पक्की सड़कों को भारी नुकसान। बचकर निकलने के मार्गों पर बाढ़। रेलवे, ओवरहेड बिजली की तारों और सिग्नल प्रणालियों को मामूली नुकसान।
(iv) खड़ी फसलें, पेड़ों, बागीचों को व्यापक नुकसान, हरे नारियल गिरना और ताड़ के पत्तों का झड़ना, आम के पेड़ जैसे घने पेड़ों का उखड़ना।
(v) छोटी नावों, कंट्री क्राफ्ट्स को लंगर से हटाया जा सकता है।
(vi) दृश्यता गंभीर रूप से प्रभावित होती है।
सुझाएं गये कदम :
सड़क और रेल यातायात को नियंत्रित करें (ii) मछली पकड़ने पर पूरी तरह स्थगित रखें। (iii) उपर्युक्त जिलों के निचले इलाकों, तटीय झौपडि़यों, शहरी झुग्गी-बस्तियों और असुरक्षित मकानों में रहने वाले लोगों को निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचायें। प्रभावित इलाकों के लोग घर के भीतर ही रहें। (iv) मोटर बोट और छोटे जहाजों में आवागमन असुरक्षित है। (v) भारी बारिश और तूफान के कारण तटों के निचले इलाकों में जलभराव।