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उपराष्‍ट्रपति ने समय-समय पर लीवर की जांच कराने को कहा ताकि उच्‍च जोखिम वाले रोगियों की पहचान हो सके

नई दिल्ली: उपराष्‍ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडू ने समय-समय पर लीवर की जांच कराने के महत्‍व पर बल दिया है ताकि उच्‍च जोखिम वाले रोगियों की पहचान की जा सके और रोकथाम के उपाय किए जा सकें।

श्री एम वेंकैया नायडु उपराष्‍ट्रपति भवन में दो दिवसीय चिकित्‍सा शिविर का उद्घाटन कर रहे थे। शिविर का आयोजन उपराष्‍ट्रपति के सचिवालय ने यकृत और पित्‍त विज्ञान संस्‍थान, नई दिल्‍ली के सहयोग से सभी कर्मियों, दिल्‍ली पुलिस, भारत–तिब्‍बत सीमा पुलिस के सुरक्षाकर्मियों तथा उपराष्‍ट्रपति के आवास पर कार्य कर रहे लोगों के लिए किया था। श्री नायडु ने कहा कि लीवर अनेक बीमारियों का संकेत देता है। उन्‍होंने लीवर की स्थिति जानने के लिए समय-समय पर जांच कराने की आवश्‍यकता पर बल दिया।

शिविर में जानेमाने हेपैटोलॉजिस्‍ट तथा यकृत और पित्‍त विज्ञान संस्‍थान के निदेशक प्रोफेसर डी. शिव कुमार सरीन के नेतृत्‍व में एक दल ने लोगों की जांच की।

दो दिन के चिकित्‍सा शिविर में फाइब्रो स्‍कैन के द्वारा लीवर के सेहत की जांच की गई। फाइब्रो स्‍कैन लीवर की कठोरता का मापन करता है। इसके अतिरिक्‍त हेपेटाइटिस्‍ट-बी तथा हेपेटा‍इटिस्‍ट-सी के लिए खून की जांच की गई। शिविर के भाग के रूप में मोबाइल लीवर जांच वैन रखा गया था। मोबाइल लीवर जांच वैन ने दिल्‍ली में अब तक 16,000 लोगों के लीवर की जांच की है।

उपराष्‍ट्रपति और उनकी पत्‍नी श्रीमती उषा नायडू ने भी शिविर में जांच कराई।

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