उत्तर प्रदेश

निर्यात प्रोत्साहन विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं व कार्यक्रमों की विस्तृत समीक्षा करते हुएः नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’

लखनऊ: नई सरकार के गठन के उपरांत श्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ माननीय कैबिनेट मंत्री, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास, निर्यात प्रोत्साहन, एनआरआई व निवेश प्रोत्साहन ने आज निर्यात प्रोत्साहन विभाग की प्रथम समीक्षा बैठक में विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं व कार्यक्रमों की विस्तृत समीक्षा की।
इस अवसर पर निर्यात आयुक्त/अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन उ0प्र0 श्री नवनीत सहगल ने माननीय मंत्री जी को अवगत कराया गया कि प्रदेश के निर्यात प्रोत्साहन, संरक्षण, संवर्धन हेतु निर्यात नीति प्रख्यापित की जा चुकी है। निर्यात नीति मंे निहित प्राविधानों के क्रम में उपादान योजनाओं का तार्किकीकरण करते हुए अधिक युक्तिसंगत बनाया जाना है जिससे आवेदन की प्रक्रिया का सरलीकरण होगा, निर्यातकों को देय उपादान राशि में वृद्धि होगी तथा आवेदन प्रक्रिया को पूर्णतः ऑनलाइन बनाया जायेगा।
माननीय मंत्री जी ने निर्यात नीति के शीघ्र लागू करने हेतु समस्त आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित किए जाने के निर्देश प्रदान किए तथा इस हेतु जून 2022 तक का समय निर्धारित किया।
श्री नंदी को अवगत कराया गया कि शीघ्र ही निर्यात सारथी ऐप लांच किया जाना प्रस्तावित है, जिससे भावी व वर्तमान निर्यातकों को निर्यात परक समस्त प्रासंगिक पहलुओं यथा-कस्टम्स प्रोसीजर्स, वित्तीय विनिमयन, विदेश व्यापार अनुबंधों, उपलब्ध अवसरों सम्बन्धिक लिंक व पृच्छाओं का समाधान एक कॉमन प्लेटफार्म पर सहजतापूर्वक प्राप्त हो सकेगा।
माननीय मंत्री जी ने निर्देशित किया कि निर्यात सारथी ऐप में निर्यात परक समस्त विषयों की व्यापक जानकारी उपलब्ध कराने हेतु व्यापक अध्ययन व विचार-विमर्श सुनिश्चित किया जाये ताकि सम्बन्धित ऐप से निर्यातकों को सभी जानकारी वन क्लिक में प्राप्त हो सके।
माननीय मंत्री जी को अवगत कराया गया कि प्रदेश के प्रत्येक जनपद को पोटेंशियल हब के रूप में विकसित किए जाने के माननीय प्रधानमंत्री जी के विजन को क्रियान्वित किए जाने हेतु समस्त जनपदों में जिला निर्यात प्रोत्साहन समिति का गठन किया जा चुका है तथा जिला निर्यात कार्य योजना को अंतिम रूप प्रदान किए जाने की कार्यवाही गतिमान है।
माननीय मंत्री जी ने निर्देशित किया कि समस्त जनपदों में जिला निर्यात कार्ययोजना को शीघ्र ही अंतिम अनुमोदन प्रदान करते हुए ओवरसीज ट्रेड फैसिलिटेशन सेन्टर्स की स्थापना का कार्य सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने निर्देशित किया कि प्रथम चरण (3 माह) में न्यूनतम 20 जनपदों में ओवरसीज ट्रेड फैसिलिटेशन सेन्टर्स की स्थापना सुनिश्चित की जाये। साथ ही चरणबद्ध कार्यक्रम भी रेखांकित कर लिया जाये जिसके द्वारा अगले एक वर्ष में प्रदेश के सभी जनपदों में उक्त सेन्टर्स स्थापित व क्रियाशील हो सकें।
इसके साथ ही मंत्री जी ने निर्देशित किया कि प्रत्येक जनपद में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिले के निर्यातकों के साथ नियमित जिला निर्यात प्रोत्साहन समिति की बैठकों का आयोजन किया जाये तथा निर्यातकों से सम्बन्धित समस्त समस्याओं को सूचीबद्ध करते हुए उच्च स्तर पर प्रेषित किया जाये ताकि उनका त्वरित समाधान सुनिश्चित किया जा सके।
इसके साथ ही माननीय मंत्री जी ने निर्यात आयुक्त को निर्देशित किया कि विभागीय अधिकारी विभिन्न सेक्टर/उत्पादों से सम्बन्धित निर्यातकों के साथ पृथक बैठकें आयोजित करते हुए उनसे सम्बन्धित प्रासंगिक बिंदुओं को चिन्हित करते हुए एक एक्शन प्लान बनाये, जिससे कि शीघ्र ही गाइडेंस स्ट्रेटजी निर्धारित करते हुए उनका क्रियान्वयन आरम्भ किया जा सके।
निर्यात आयुक्त ने माननीय मंत्री जी को अवगत कराया कि देश के राज्यों के मध्य पारस्परिक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दिए जाने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा प्रतिवर्ष एक्सपोर्ट प्रीप्रेडनेस इंडेक्स जारी किया जाता है। वर्ष 2020 में भू-आबद्ध निर्यातक राज्यों में प्रदेश का स्थान पांचवां था, जिसमें प्रगति करते हुए वर्ष 2021 में प्रदेश को द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ है।
श्री नन्दी ने निर्देशित किया कि एक्सपोर्ट प्रीप्रेडनेस इंडेक्स की नियमित समीक्षा करते हुए समस्त क्रियान्वयन बिंदुओं को चिन्हित कर लिया जाये ताकि निर्यातकों के लिए अनुकूल वातावारण सृजन के साथ-साथ प्रदेश की रैकिंग में उत्तरोत्तर सुधार हो सके। माननीय मंत्री जी ने अंतर्राष्ट्रीय मेलों/प्रदर्शनियों को चिन्हित करते हुए अधिकाधिक निर्यातक इकाईयों को प्रतिभाग कराए जाने के निर्देश भी प्रदान किये। निर्यात आयुक्त ने मंत्री जी को अवगत कराया कि प्रदेश के 36 उत्पादों को जी.आई. टैग प्राप्त हो चुका है। माननीय मंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के प्रोडक्ट प्रोफाइल की विविधता को देखते हुए कई नए उत्पादों को भी जी.आई. टैग दिलाया जाना उचित होगा। इसके लिए उन्होंने नए उत्पादों के चिन्हीकरण व पंजीयन की कार्यवाही त्वरित किए जाने हेतु निर्देशित किया।
निर्यात आयुक्त ने अवगत कराया कि प्रदेश में स्थापित औद्योगिक आस्थानों व मिनी औद्योगिक आस्थानों के उच्चीकरण हेतु सिडबी के साथ लिंक करते हुए कार्ययोजना बनाई जा रही है। माननीय मंत्री जी ने कहा कि निर्यात में वृद्धि हेतु अवस्थापना सुविधाओं का सुदृढ़ीकरण प्राथमिकता के आधार पर किया जाना अपरिहार्य है। उन्होंने निर्देशित किया कि इसके लिए समयबद्ध कार्यक्रम रेखांकित करते हुए वांछित सार्थक प्रयासों की एक रणनीति बनाये जाये जिसमे सिडबी सहित सभी निर्यात सम्बन्धी संस्थाओं के इनपुट्स सम्मिलित हों तथा समयबद्ध क्रियान्वयन के द्वारा अवस्थापना सुविधाओं का विकास सुनिश्चित किया जाये।
निर्यात आयुक्त ने माननीय मंत्री जी को अवगत कराया कि विगत पांच वर्षों में प्रदेश के निर्यात में लगभग 36 प्रतिशत की वृद्धि परिलक्षित हुई है तथा वित्तीय वर्ष 2021-22 में एक लाख पचास हजार करोड़ का निर्यात संभावित है।
माननीय मंत्री जी ने कहा कि प्रदेश से मुख्यतः विनिर्माण क्षेत्र से ही निर्यात किया जा रहा है। यदि सेवा क्षेत्र पर ध्यान दिया जाता है तो वर्ष 2022-23 में सहजता पूर्वक दो लाख करोड़ के निर्यात के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। इसके लिए उन्होंने मेडिकल, वेल्यू ट्रेवल्स, आई.टी.ई.एस. क्षेत्रों पर विशेष फोकस किए जाने के निर्देश प्रदान किए।
इस अवसर पर प्रदेश के निर्यात आयुक्त/अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन उ0प्र0 श्री नवनीत सहगल, संयुक्त निर्यात आयुक्त, निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो उ0प्र0 श्री पवन अग्रवाल, उप आयुक्त, निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो उ0प्र0, श्री उमेश चन्द्र उपस्थित रहे।

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