कैबिनेट बैठक में सतपाल और हरक में जोरदार बहस
देहरादून : मंत्रिमंडल की बैठक में बदरीनाथ, केदारनाथ समेत राज्य के प्रमुख मंदिरों की व्यवस्थाओं व प्रबंधन के लिए प्राधिकरण के गठन के मामले में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज और वन मंत्री हरक सिंह रावत के बीच जोरदार बहस हुई। इस प्रस्ताव पर सहमति नहीं बन पाई। अलबत्ता, मंत्रिमंडल ने केदारनाथ विकास प्राधिकरण में 14 पदों को मंजूरी दी। प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी होंगे।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की अध्यक्षता में सचिवालय में मंत्रिमंडल की बैठक के आखिरी दौर में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की ओर से बदरीनाथ, केदारनाथ समेत तमाम मंदिरों के प्रबंधन के लिए प्राधिकरण के गठन का प्रस्ताव रखा गया।
सूत्रों के मुताबिक इस प्रस्ताव से वन मंत्री हरक सिंह रावत सहमत नहीं हुए। इस मामले में पर्यटन मंत्री के साथ उनकी बहस हुई। सूत्रों के मुताबिक बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति उक्त दोनों मंदिरों के संचालन का जिम्मा उठा रही है। समिति में वर्तमान में कांग्रेस से जुड़े प्रतिनिधियों का दबदबा है।
प्रदेश में भाजपा सरकार बनते ही समिति को भंग किया गया था, लेकिन हाईकोर्ट सरकार के आदेश को रद कर चुका है। प्राधिकरण का गठन होने की सूरत में समिति का अस्तित्व पर खतरा पैदा होना स्वाभाविक माना जा रहा है। कभी महाराज के करीबियों में शुमार पूर्व विधायक गणेश गोदियाल समिति के अध्यक्ष हैं। गोदियाल और महाराज में अब छत्तीस का आंकड़ा है।
सूत्रों की मानें तो महाराज के उक्त प्रस्ताव पर हरक के अलावा कुछ मंत्रियों की सहमति भी नहीं रही। फिलहाल दोनों मंत्रियों के उलझने से सियासी गलियारों में कई तरह की चर्चाएं गर्म हो गई हैं। मंत्रिमंडल ने पर्यटन महकमे के केदारनाथ विकास प्राधिकरण में 14 पद बढ़ाने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी।
पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में गठित इस प्राधिकरण में एक भी पद सृजित नहीं किया गया था। 14 पदों में मुख्य कार्यकारी अधिकारी का पद जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग के जिम्मे रहेगा। अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी पद पर किसी पीसीएस अधिकारी की प्रतिनियुक्ति पर तैनाती होगी। इसके अलावा वैयक्तिक सहायक, नायब तहसीलदार, सहायक अभियंता, अवर अभियंता, वरिष्ठ सहायक, कनिष्ठ सहायक सह डाटा इंट्री ऑपरेटर, सहायक लेखाकार, मानचित्रकार व वाहन चालक के एक-एक पद और सफाई कर्मचारी के दो पद सृजित किए गए हैं।