थरूर मानहानि केस में कोर्ट ने चैनल से कहा- किसी को भी चुप रहने का हक –
न्यूज चैनल रिपब्लिक के संपादक अर्नब गोस्वामी के खिलाफ दायर दो करोड़ के मानहानि मामले में हाई कोर्ट ने अर्नब व चैनल प्रशासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। वहीं, अदालत ने कहा कि एक व्यक्ति के पास चुप रहने का अधिकार है।
बता दें कि कांग्रेस के नेता शशि थरूर ने अर्नब के खिलाफ मानहानि का मामला दायर किया है। थरूर ने चैनल पर अपनी पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में उनके खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां करने का आरोप लगाया है। अदालत ने पूछा है कि कि क्यों न याचिका स्वीकार कर ली जाए। मामले की अगली सुनवाई 16 अगस्त को होगी।
न्यायमूर्ति मनमोहन ने नाराजगी जताते हुए कहा कि पत्रकार व चैनल सुनंदा पुष्कर की मौत की जांच से संबंधित तथ्यों को बताकर कहानियां पेश कर सकते है, लेकिन तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सदस्य शशि थरूर को अपराधी नहीं कह सकते।
अदालत ने कहा कि केवल इसलिए कि थरूर चैनल के शो में नहीं आ रहे थे या साक्षात्कार नहीं दे रहे थे, यह कहने का कोई कारण नहीं हो सकता कि वे भाग रहे हैं। एक व्यक्ति के पास चुप रहने का अधिकार है।
अदालत ने संपादक से कहा कि जो कुछ भी उत्तेजना है, आप याची को एक राजनीतिज्ञ के रूप में अपराधी नहीं कह सकते हैं। आप इस तरह की भाषा का उपयोग नहीं कर सकते हैं।
अदालत ने कहा कि पत्रकार को तथ्यों की जांच करने का अधिकार है, जिसे रोका नहीं जा सकता, लेकिन साथ ही उसे शांत और संतुलित रहना चाहिए।