फ्रस्ट्रेशन पर रिसर्च: बार-बार आते हैं डरावने सपने तो हो सकती है यह वजह
फ्रस्ट्रेशन यानी कुंठा को लेकर हुई ताजा में शोध में कई बातों का खुलासा हुआ है। शोध के मुताबिक, यदि किसी को बार बार बुरे सपने आते हैं तो इस बात का संकेत मिलता है कि व्यक्ति की वे मूलभूति मनोवैज्ञानिक जरूरतें पूरी नहीं हो पा रहीं है जिससे कि वह खुद को स्वतंत्र महसूस कर सके। फ्रस्ट्रेशन का शिकार व्यक्ति खुद को अलग थलग महसूस करता है और उसमें कार्य करने की योग्यता भी कम हो जाती है।
शोधकर्तओं का कहना है कि कुठा से ग्रसित ऐसे लोगों को यदि सपने आते हैं तो वह गलत संदर्भ में इसका मतलब निकालते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, शोध पर इस बात पर ध्यान दिया गया है कि क्या लोगों की साइकोलॉजिकल(मनोवैज्ञानिक) जरूरतें पूरी होने का उनके सपनों से कोई संबंध है या नहीं।
फ्रस्ट्रेशन को लेकर शोधकर्ताओं ने दो शोध किए हैं। पहले शोध में 200 लोगों से पूछा गया कि वह सबसे ज्यादा सामान्य रूप से आने वाले सपनों के बारे मे बताएं। जबकि दूसरे शोध में 110 लोगों को तीन दिन आए सपनों की डायरी का अध्ययन किया गया।
शोधकर्ताओं ने इस बात को ध्यान में रखते हुए अध्यन किया कि व्यक्ति को अपने वाले सपनों का कोई संबंध मनोवैज्ञानिक जरूरतों से है, खासकर वे सपने जिन्हें बुरे कहा जाता है। आशंका है कि बुरे सपने तभी आते हैं जब रोजाना में व्यक्ति को गलत अनुभवों से गुजरना पड़ता हो।
ब्रिटेन की कार्डिफ यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता नेट्टा ने कहा, जागृत अवस्था में हमारी मनोवैज्ञानिक जरूरतें के अनुभव ही हमारे सपनों में रिफ्लेक्ट होते हैं।’
विशेषज्ञों का दावा है कि दोनों प्रकार के शोध में यह पाया गया है कि फ्रस्ट्रेशन और भावनाएं एक विशेष प्रकार की मनोवैज्ञानिक जरूरतों से जुड़ी होती हैं और इनका प्रभाव रात में आने वाले सपनों में देखने को मिलता है। शोध में पाया गया कि जिनकी दैनिक मनोवैज्ञानिक जरूरते नहीं पूरी होतीं तो ज्यादा कुठा में होते हैं। ऐसे लोगों को ज्यादा नकारात्मक सपने आते हैं। ऐसे लोगों में दुख की या गुस्से की भावनाएं ज्यादा देखने को मिलती है।
शोध विशेषज्ञ वींस्टेन के अनुसार, बार सपने आना तनावपूर्ण मनोवैज्ञानिक अनुभवों को दर्शाता है और ऐसी स्थिति में व्यक्ति को उपचार या काउंसलर क जरूरत होती है। शोध में यह भी कहा गया है कि जब इंसान को बार बार सपने आते हैं तो यह समझ लेना चाहिए कि उसके जीवन में कोई ज्यादा तनावपूर्ण समस्या है जिसका वह समाधान नहीं निकाल पा रहा।