उत्तर प्रदेशराजनीति

शिवपाल सिंह यादव ने कहा, ईवीएम में गड़बड़ी होती तो मैं विधायक नहीं होता

लखनऊ  उत्तर प्रदेश के निकाय चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की सफलता के बाद विपक्षी दलों के निशाने पर भले ही ईवीएम हो, लेकिन समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल सिंह यादव की इसको लेकर राय जुदा है। शिवपाल सिंह यादव मानते हैं कि ईवीएम में कहीं भी कोई गड़बड़ी नहीं है। अभी तक तो इसका कोई सुबूत भी नहीं मिला है। शिवपाल ने ईवीएम से छेड़छाड़ को खारिज किया।

अखिलेश यादव सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे शिवपाल सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी के गढ़ माने जाने वाले मैनपुरी में साफ कहा कि ईवीएम में कोई गड़बड़ी नहीं है। अगर इसमें कोई गड़बड़ी होती तो तमाम मामले सामने आ जाते। अभी तक तो एक भी ऐसा मामला सामने नहीं आया है। इटावा के जसवंतनगर से समाजवादी पार्टी के विधायक शिवपाल सिंह यादव नहीं मानते कि ईवीएम में कोई खोट है। उन्होंने साफ कहा कि अगर ईवीएम में गड़बड़ी होती तो मैं भी विधानसभा चुनाव नहीं जीतता। शिवपाल यादव का यह कथन पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के इन आरोपों का खंडन करता है कि नगर निकाय चुनावों में भाजपा ने मेयर पदों पर भारी जीत ईवीएम में गड़बड़ी किये जाने से जीती।

उन्होंने ईवीएम में गड़बड़ी के पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के बयान पर कहा कि मैंने तो ईवीएम से हुए चुनाव में जीता हूं। मेरे पास ईवीएम को लेकर कोई सुबूत नहीं है। कोई सुबूत होगा, तो इस पर बोलूंगा। शिवपाल यादव ने कहा कि ईवीएम में गड़बड़ी के दावों का कोई पुख्ता सबूत नहीं है। शिवपाल ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि इवोम से छेड़छाड़ हुई। इवोम से छेड़छाड़ के कोई सुबूत नहीं है। सुबूत हों तो ही इस संबंध में बात की जा सकती है। उन्होंने जोड़ा कि विधानसभा चुनाव उन्होंने भी लड़ा लेकिन वे तो जीते हैं। उनके सारे समर्थक भी निकाय चुनाव में जीते हैं। बिना सुबूत के इवोम में छेड़छाड़ की बात वे नहीं कह सकते।

चुनाव में मुझे जिम्मेदारी मिलती तो सपा को जीत दिला देता

मैनपुरी के करहल में एक विवाह समारोह में आए सपा नेता शिवपाल सिंह यादव ने निकाय चुनाव में कभी सत्ता में रही समाजवादी पार्टी की करारी हार पर कहा कि हमें जिम्मेदारी मिली होती तो चुनाव में विजय होती। उन्होंने करहल में सपा के दूसरा प्रत्याशी घोषित करने और समर्थन दूसरे प्रत्याशी को देने के सवाल पर कहा कि मुझे इसकी जानकारी नहीं है। शिवपाल ने कहा कि हमने जिनका समर्थन किया था, वह जीत गए। किसी का नाम लिए बगैर कहा कि उन्होंने जो प्रत्याशी उतारे, उसकी जिम्मेदारी उनकी ही थी। उन सभी को जीत मिली। उन्होंने यह भी कहा कि निकाय चुनावों में उन्होंने जितने भी प्रत्याशियों का समर्थन किया वे सभी विजयी रहे। उनका कहना था कि निकाय चुनावों में पराजय की जिम्मेवारी पूरी पार्टी को लेनी होगी।

शिवपाल यादव ने अखिलेश यादव के नेतृत्व में विधानसभा और निकाय चुनावों में पार्टी की असफलता पर सीधे कुछ कहने से इनकार कर दिया लेकिन उन्होंने एक चतुर राजनेता की तरह अपनी बात से यह संकेत तो दे ही दिया कि पार्टी नेतृत्व प्रत्याशियों को सही दिशा और समर्थन नहीं दे पाया। पार्टी के भीतर कुछ लोग पहले ही यह कह रहे हैं कि जमीनी स्तर पर पार्टी कार्यकर्ताओं को बांधने का जो काम शिवपाल सिंह यादव करते थे वह नहीं हो पाया।

उन्होंने सपा की करारी हार पर पार्टी नेताओं को जिम्मेदार ठहराया। कहा कि जिन लोगों ने प्रत्याशी उतारे उन्हें हार की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। अखिलेश के नेतृत्व में विधानसभा के बाद निकाय चुनाव में भी मिली हार के सवाल को उन्होंने टाल दिया और कहा कि इस सवाल का जवाब अखिलेश से ही पूछा जाए। शिवपाल ने ये भी कहा कि निकाय चुनाव में उन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई।

अगर उन्हें जिम्मेदारी दी गई होती तो जीत होती। उन्होंने जोड़ा कि जिन प्रत्याशियों को उन्होंने अपना समर्थन दिया वे सभी जीते हैं। लेकिन सपा के जो प्रत्याशी उतारे गए वे हारे तो इसका जवाब वो लोग दें जिन लोगों ने इन प्रत्याशियों को मैदान में उतारा।

शिवपाल ने कहा 2019 के लोकसभा चुनाव अभी दूर हैं। निकाय चुनाव सेमीफाइनल नहीं हैं। उन्होंने मैनपुरी में सपा की करारी हार पर बिना नाम लिए बड़े नेताओं को आड़े हाथों लिया और कहा कि अब ये लोग बताएं कि चुनाव में कैसे प्रत्याशी उतारे गए जो हार गए।

 

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