उत्तराखंड समाचार

आपदा प्रभावितों को ठहराने से जीजीआईसी नैनीताल में छात्राओं का पठन पाठन गड़बड़ाया

जीजीआईसी नैनीताल में आपदा प्रभावित लोगों को शरण देने से छात्राओं का पढ़ाई प्रभावित हो रहा है। डिजीटल क्लास रूम बंद है तो छात्राओं की उत्तर पुस्तकाएं कमरे में कैद होकर रह गई हैं। अब प्रधानाचार्य ने फिर से जिलाधिकारी को पत्र भेजकर कॉलेज भवन को प्रभावितों से मुक्त करने की गुहार लगाई है।

18 अक्टूबर को आई आपदा के बाद हरिनगर क्षेत्र के आपदा प्रभावितों को विद्यालय में शरण दी गई थी। प्रधानाचार्य सावित्री दुग्ताल के अनुसार छात्राओं की विशेष शिक्षा के लिए तीन कक्षाओं में स्मार्ट क्‍लास में व्यवस्थित किया जाना है। एक क्‍लास में टेलीविजन लगवाया जाना है। जो कक्षाएं आपदा प्रभावितों के लिए बन्द हैं, उनके बाहर की गैलरी में पूरा फर्नीचर रखा गया है। जिससे छात्राओं को अन्य कक्षाओं में जाने में असुविधा हो रही है। प्रभावितों द्वारा बंद किये गये कक्षों में बिजली बन्द नहीं की गयी है, जिससे अनावश्यक बल्ब जल रहे हैं। विद्यालय द्वारा मेन स्विच बन्द कर देने के कारण अन्य कक्षाओं में पुस्तकालय, आईटी कक्ष, कम्प्यूटर कक्ष आदि में बिजली की आपूर्ति नहीं हो रही है। आपदा प्रभावितों द्वारा बन्द किए गए छात्राओं के प्रैक्टिकल सामग्री और उत्तर पुस्तिकाएं बंद हैं, छात्राओं बार-बार अपनी पुस्तिकाओं के लिए कक्षाओं को खुलवाने का अनुरोध कर रही हैं। विद्यालय में गणित व विज्ञान की प्रयोगशालाओं में कक्षा 6, 7 की छात्राओं को बिठाए जाने के कारण कक्षा-9, 10 की छात्राओं से प्रयोगात्मक कार्य नहीं कराया जा रहा है, जिससे छात्राओं की शिक्षा पर भी असर पड़ रहा है। कक्षाओं का फर्श सीमेंट का होने से छात्राओं को ठंड में बैठना पड़ता है। उन्होंने गृहपरीक्षा, प्रयोगात्मक परीक्षा की व्यवस्था तथा विद्यालय के अटल उत्कृष्ट बनाये जाने से विशेष शिक्षा के प्रारम्भ होने के कारण कक्षा-कक्ष मुक्त करवाने का अनुरोध किया है। जिलाधिकारी धीराज गर्ब्याल का कहना है कि प्रधानाचार्य के पत्र के बिंदुओं पर विचार किया जाएगा। 

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